हार का भय या कुछ और? हेमन्त के खिलाफ झूठी अखबारी कटिंग वायरल कर रहे भाजपाई, JMM ने कराई FIR दर्ज
तो क्या भाजपा सचमुच में हार रही हैं? तो क्या सचमुच रघुवर दास के दिन लद गये? अगर नहीं तो फिर झूठ का सहारा क्यों? जो बातें जुगसलाई में हेमन्त ने कही ही नहीं, उसे अखबारी तरीके से जनता के बीच में भाजपा के पदाधिकारी और भाजपा समर्थक क्यों सोशल साइट पर वायरल कर रहे हैं?
ये बातें आज झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन में कही, तथा इसे अक्षम्य अपराध बताते हुए ऐसा करनेवालों के खिलाफ जमशेदपुर के साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा दी, साथ ही ऐसा करनेवालों को चेतावनी दी कि यह जो अपराध जिन्होंने किया हैं, या कर रहे हैं, उन्हें उनके मुख्यमंत्री रघुवर दास भी नहीं बचा सकते।
दरअसल भाजपा के नेताओं व भाजपा के समर्थकों द्वारा बड़े पैमाने पर झूठी खबरे अखबारी तरीके से वायरल की जा रही हैं, जिसमें लिखा है कि हेमन्त सोरेन ने जमशेदपुर के जुगसलाई में कहां है कि “चुनाव जीतने के लिए मुझे गैर आदिवासियों की जरुरत नहीं” जबकि हेमन्त सोरेन ने ऐसी बात कही ही नहीं।
राजनीतिक पंडित बताते है कि यह झामुमो और महागठबंधन की भारी जीत को देखते हुए जान बूझकर ऐसी झूठी खबरे फैलाई जा रही हैं, जो शर्मनाक है। आप नीचे देखिये, उस झूठी खबर की झलक, जिसे भाजपाई खुब वायरल कर रहे हैं और लोगों को अपना ज्ञान भी बांट रहे हैं, नीचे भाजपा के धनबाद के पदाधिकारी मिल्टन पार्थ सारथी व दूसरा भाजपा समर्थक के द्वारा फेसबुक पर वायरल किया गया ये झूठी अखबारी तस्वीर है।
यानी इसे देखकर आप सहज अंदाजा लगा सकते है कि ये खबर 1000 प्रतिशत झूठी है। आम तौर पर कोई भी नेता जो जान रहा है कि उसकी जीत सुनिश्चित है, जनता सहज ही उसे सत्ता सौंपने का मन बना चुकी हैं, जहां सत्तापक्ष के मंत्री ही मुख्यमंत्री को चुनौती दे रहे हैं, वहां वह ऐसी घटिया भाषा का इस्तेमाल क्यों करेगा? लेकिन ये सुनियोजित साजिश के तहत अपनी हार की संभावना देख कौन करा रहा हैं, यह भी किसी से पूछने की जरुरत नहीं।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज कहा कि झामुमो अगर स्थानीय आदिवासी मूलनिवासी की बात करती हैं तो उसमें सभी जातियां आती हैं, जिनके पूर्वज यहां रहते आये हैं, उसमें ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ, वणिक सभी हैं, भाजपा वालों और उनके समर्थकों को तो पता ही नहीं कि यहां गोमो में झारखण्ड आंदोलन के दौरान जो पहला शहीद हुआ, उनका नाम सदानन्द झा था, जो ब्राह्मण थे।
लेकिन इस भाजपा ने क्या किया, जिस ब्राह्मण की बेटी की जिसने हत्या करवाई, उसे टिकट थमा दिया, जिस ब्राह्मण की बेटी का रेप किया गया और उसे जिंदा जला दिया गया, उस बेटी की बाप को मुख्यमंत्री ने बेइज्जत कर भगा दिया। पता नहीं ये घटिया सोच इन लोगों के पास कहां से आती हैं, पता नहीं ये कौन सा नशा करते हैं,कि भाषण के क्रम में कभी कह देते है कि डिग्री की कोई जरुरत नहीं, धौनी को फुटबॉल का खिलाड़ी घोषित कर देते हैं, हाथी उड़ा देते हैं, भाई ऐसा संस्कार आपका हो सकता है, हम झारखंडियों या झामुमो का नहीं।
जिन्होंने भी हेमन्त सोरेन को नीचा दिखाने के लिए ये झूठी अखबारी कटिंग वायरल की है, वे कान खोलकर सुन लें, कि हम उसे छोड़ने नहीं जा रहे। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जो मुख्यमंत्री खुंटी की सभा में आदिवासी मुक्त झारखण्ड बनाने की बात करता है, वो झामुमो को ज्ञान दे रहा है।
जनता ऐसे लोगों को आज प्रथम चरण में बता दी है कि उनका ठिकाना कहां है? उन्होंने यह भी कहा कि मतदान के दिन आजकल भाजपावाले नया पैटर्न निकाला है, अखबारों को विज्ञापन देने का, उस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए, साथ ही उन्होंने उन चैनलों को भी कोसा जो आजकल पत्रकारिता की जगह भाजपाभक्ति में लगे हैं।