न्यूज 11 के मालिक अरुप, उसकी पत्नी बेबी, संपादक अनूप सोनू, CEO रचना, अभिजीत, राकेश समेत सात के खिलाफ रांची के सुखदेवनगर थाने में 20 लाख की ठगी व जान से मारने की FIR दर्ज
दिल्ली स्थित वसुंधरा इनक्लेव, सम्राट अपार्टमेन्ट के फ्लैट संख्या 101 निवासी राजेन्द्र मणि त्रिपाठी के बेटे हिमांशु मणि त्रिपाठी ने रांची के सुखदेव नगर थाने में न्यूज 11 के मालिक अरुप चटर्जी, उसकी पत्नी बेबी चटर्जी, न्यूज 11 की सीइओ रचना नायर, संपादक अनूप सोनू, टेक्निकल डिपार्टमेन्ट के अभिजीत सिन्हा, एकाउंट्स डिपार्टमेन्ट के राकेश कुमार सिन्हा एवं न्यूज 11 के ही एक संवाददाता के खिलाफ रांची के सुखदेव नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
हिमांशु मणि त्रिपाठी ने इन सब पर आरोप लगाया है कि इन्होंने उसके कम्पनी का लगभग 20 लाख रुपये मूल्य का प्रसारण उपकरण छल पूर्वक-जालसाजी के तहत ले लिया और अनधिकृत रुप से कब्जा कर लिया। जब उसने अपने प्रसारण उपकरण के संबंध में राशि लेने की कोशिश की, तो उन्हें रांची बुलाकर जान से मारने की धमकी देते हुए उसे भयाक्रांत किया गया।
हिमांशु ने प्राथमिकी में लिखा है कि वह टोटल ब्राडकास्ट सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है। व्यवसाय के क्रम में ही उसका परिचय न्यूज 11 भारत के निदेशक अरुप चटर्जी से हुई थी। अरुप के द्वारा उसे बताया गया कि उसके समाचार चैनल के प्रसारण को उत्कृष्ट करने हेतु प्रसारण उपकरण की आवश्यकता है। तदुपरांत दिनांक 18 फरवरी 2021 को उसके कंपनी के अनुराग शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी के द्वारा रुपये 74,27,500/- रुपये के समाचार चैनल में प्रयुक्त होनेवाले तकनीकी प्रसारण उपकरण का कोटेशन अरुप चटर्जी को प्रेषित किया गया।
जिसे अरुप चटर्जी के द्वारा स्वीकार करते हुए लगभग 20 लाख रुपये के प्रसारण उपकरण क्रय हेतु आदेशित किया गया। उसके बाद उनकी कंपनी ने कुल 19,16,041/- रुपये का समाचार चैनल का प्रसारण उपकरण अरुप चटर्जी, उसकी पत्नी बेबी चटर्जी, सीइओ रचना नायर, संपादक अनूप सोनू, टेक्निकल डिपार्टमेंट के अभिजीत, एकाउंट्स डिपार्टमेंट के राकेश कुमार सिन्हा को समय-समय पर जानकारी देते हुए न्यूज 11 भारत के कार्यालय में भिजवाया गया। जिसे न्यूज 11 भारत के कार्यालय में अधिष्ठापित किया गया, जो वर्तमान में ऑपरेशनल भी है।
हिमांशु ने इस बात का भी प्राथमिकी में दर्ज किया है कि उसके कंपनी के द्वारा आपूर्ति किये गये प्रसारण उपकरण के संबंध में षडयंत्रपूर्वक व छल के प्रयोजन से उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा अलग-अलग फर्म के नाम से विपत्र एवं भिन्न-भिन्न पता अंकित कर प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया गया। अलग-अलग फर्म एवं भिन्न पता अंकित कर विपत्र निर्गत करने का उद्देश्य पूछने पर अरुप धमकी देने लगा।
अरुप ने कहा कि झारखण्ड राज्य की सरकार एवं उसके अधिकारी उसकी मुट्ठी में हैं, वे जब चाहे उसे जान से मार कर फेंक देंगे, किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। इसके अतिरिक्त यह भी धमकी दी गई कि काटकर बोरे में बांध कर जंगल में फेंक देंगे, कुत्ता बिल्ली खा जायेगा, हड्डी का भी पता नहीं चलेगा। इस प्रकार अरुप चटर्जी और उसके कार्यालय में उपस्थित उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा उसे जान से मारने का भय दिखाकर उसकी कम्पनी की बकाया राशि का भुगतान करने से इन्कार कर दिया गया।
हिमांशु ने प्राथमिकी में इस बात का भी जिक्र किया है कि इनलोगों द्वारा भयाक्रांत किये जाने पर वह अपने घर गोरखपुर चला आया। इन सारे लोगों द्वारा यह सब किये जाने की वजह से उसे 16,66,041 रुपये की हानि पहुंचाई गई। इसी बीच उसे समाचार के माध्यमों से पता चला कि अरुप और उनके लोगों के द्वारा अन्य लोगों से भी ठगी की गई है। जिस वजह से अरुप अभी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
इससे उसे न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास हुआ है। इससे उसकी हिम्मत बढ़ी हैं, इस कारण वह सुखदेव नगर थाने में न्याय प्राप्त करने के लिए यह आवेदन समर्पित कर रहा है। इधर हिमांशु की प्राथमिकी कल यानी 21 अक्टूबर को सुखदेवनगर थाना कांड संख्या 421/22, भादवि की धारा 406/420/504/506/34 के तहत दर्ज कर लिया गया हैं। जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर ए केशरी को दिया गया है। पुलिस इस प्रकरण पर अपनी जांच शुरु कर दी है।