2019 के बाद पांच गुना अधिक ग्रामीण परिवार आजीविका से जुड़े, 24,50,924 परिवार को आजीविका से जोड़ने में सफल रही सरकार
वर्ष 2012 से 2019 तक झारखण्ड के 4,46,551 ग्रामीण परिवार को आजीविका से जोड़ा गया, जबकि दिसंबर 2019 के बाद से अब तक 24,50,924 ग्रामीण परिवारों को सरकार आजीविका से जोड़ने में सफल रही है। इन तीन वर्षों में सखी मंडल के जरिए ये ग्रामीण परिवार लाभान्वित हुए हैं। सरकार का स्थानीय संसाधनों के आधार पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए ग्रामीण महिलाओं की आजीविका संवर्धन के लिए प्रयास जारी है।
सरकार को उम्मीद है कि राज्य को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने में सखी मंडल की महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। सखी मंडल की महिलाओं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त कर राज्य व ग्रामीण इलाकों में खुशहाली एवं समृद्धि लाई जा सकेगी। राज्य सरकार इसके लिए प्रयासरत है।
कोरोना संक्रमण काल में ही शुरू हुए थे प्रयास
ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप में सक्षम बनाने के लिए सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के प्रथम चरण से ही प्रयास शुरू कर दिए थे। इस दौरान सरकार ने सखी मंडल की महिलाओं के उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पलाश ब्रांड को लांच किया, जो अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।
ग्रामीण उत्पाद को वृहत बाजार उपलब्ध कराया गया। कोरोना संक्रमण काल यानि वर्ष 2020-21 में 16,71,724 ग्रामीण परिवारों को सखी मंडल से जोड़कर आजीविका प्रदान किया गया। वर्ष 2019-20 में 1,35,049, 2021-22 में 5,01,409 एवं वर्ष 2022-23 में अबतक 1,42,742 परिवारों को आजीविका से जोड़ा का चुका है।
अभिनव सोच का मिला प्रतिफल
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में सिर्फ सखी मंडल की महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु ही प्रयास नहीं किया, बल्कि फूलो झानो आशीर्वाद अभियान जैसी महत्वाकांक्षी योजना भी शुरू की ताकि फूलो झानो आशीर्वाद अभियान के ज़रिये दारू-हड़िया बिक्री एवं निर्माण कार्यों में महिलाओं की भागीदारी घटे और इससे जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को इच्छानुसार वैकल्पिक सशक्त आजीविका का अवसर उपलब्ध कराया जा सके।
इस अनूठी पहल का प्रतिफल है कि विगत तीन वर्ष में अबतक 24,801 महिलाएं फूलो झानो आशीर्वाद अभियान से जुड़कर आज सम्मानजनक आजीविका के जरिए अच्छी आमदनी कर रही हैं। सरकार इस कुप्रथा को समाप्त करने एवं ग्रामीण गरीब परिवारों को सखी मंडल, ग्राम संगठन एवं संकुल संगठन से जोड़कर उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करते हुए सशक्त आजीविका से जोड़ने हेतु कृतसंकल्पित है।