राजनीति

भाजपा नेताओं के लिए विपक्ष सिर्फ टारगेट तथा उनका काम उन्हें शूट करना और मीडिया का काम विपक्ष के नेताओं को भ्रष्टाचारी और देशद्रोही बताते हुए उसका मीडिया ट्रायल करनाः झामुमो

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के बयानों से यह स्पष्ट हो गया कि जो विपक्ष है, उनके लिए टारगेट है, विक्टिम नहीं। उनके लिए टारगेट को शूट करना है, टारगेट को समाप्त कर देना है। इस प्रकार की परिकल्पना आज तक किसी ने नहीं की थी।

सुप्रियो ने कहा कि आपातकाल के समय वे अबोध थे। सुना करते थे, कि उस समय जन प्रतिरोध को दबाने के लिए उस वक्त के राजनीतिज्ञों पर कई-कई धाराएं लगाकर उन्हें जेल में बंद कर दिया जाता था। उसी समय उस वक्त की सरकार ने एक नया कानून भी लाया था, जिसे मीसा कानून भी कहा जाता है। आज तो उन्हें बोध हैं, और जो आज की स्थिति वे देख रहे हैं, उस समय की स्थिति से तुलना करने पर आज की स्थिति उससे भी ज्यादा डरावना लग रहा है।

सुप्रियो ने कहा कि उस वक्त जो नेता उस वक्त की सरकार के खिलाफ आंदोलनरत थे। उस वक्त तो उस समय इतनी मीडिया भी नहीं थी, पर जो भी थी, उस वक्त उन्हें आंदोलनकारी बताती थी। लेकिन आज की मीडिया जिसे भी भाजपावाले अपना टारगेट बनाते हैं। उसे भ्रष्टाचारी बताने लगती है, जबकि उसका कोई आधार नहीं होता। भाजपा का विरोध करनेवाली पार्टी और नेताओं का मीडिया ट्रायल होने लगता है और जिसका आधार है, जो चार्जशीटेड हैं। वह न केवल विधानसभा, लोकसभा-राज्यसभा में बैठता है, बल्कि मंत्री भी बन जाता है। बस केवल और केवल गारंटी इस बात की होनी चाहिये कि वो भाजपा में हैं।

सुप्रियो ने कहा कि अगर वो भाजपा में नहीं तो वो भ्रष्टाचारी है, देशद्रोही है, पाकिस्तानी है। अब तो विधानसभा में भी बोला गया। सुप्रियो ने कहा कि उन्हें लगता है कि अदालत को बचाना है, कि नहीं बचाना है। अगर अदालत को बचाना है, तो लोकतंत्र को हर हाल में बचाना ही होगा। नहीं तो दिक्कतें आयेंगी।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दो बातें सुनने को मिली। पहली बात कि हम तीसरी बार आयेंगे और 400 पार जायेंगे। देश के जो हालात है, जो संघर्ष चल रहा है और ऐसे में जब यह बात सुनने को मिले तो इसका मतलब है कि उनका कही न कही स्पष्ट सोच है। वह सोच यह है कि उन्हें भारत में लोकतंत्र को समाप्त करना है। इसकी ताकीद स्वयं सुप्रीम कोर्ट के सर्वोच्च न्यायाधीश ने कर दी, जब भरी अदालत में उन्होंने देश को कहा कि यहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है और इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि कही न कही परोक्ष रुप से भाजपा लोकतंत्र की हत्यारी है।

सुप्रियो ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के सर्वोच्च न्यायाधीश ने यह बाते चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के प्रसंग में कही, वहां के पीठासीन पदाधिकारी की हरकतों को देखकर कही। सुप्रियो ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या का यह कार्यक्रम 2022 से ही चल रहा है। इसकी झलक महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, बिहार और अब ताजा-ताजा झारखण्ड में लोग देख चुके हैं। ये सारी घटनाएं खुली किताब की तरह हैं। भाजपा की मानसिकता और सुप्रीम कोर्ट का अपने कक्ष में चंडीगढ़ की घटना पर दिया गया वक्तव्य सब कुछ कह दे रहा है।

सुप्रियो ने कहा कि भाजपा के नेताओं का आशय बहुत ही स्पष्ट है। उनके लिये चुनाव मात्र एक अवसर है। नतीजा तय है और अगर ये सब पहले से ही तय हैं तो क्या यही लोकतंत्र है। क्या यहां लोकतंत्र बचा भी है। जहां एक मुख्यमंत्री को राजभवन में गिरफ्तार कर लिया जाता हो। आखिर ये सब क्या बताता है।

सुप्रियो ने कहा कि अब हम फरियाद लेकर भी कहा जाये। अगर हम फरियाद लेकर सुप्रीम कोर्ट जाये और वहां पहले से ही नाटा मल्लिक बैठा हो और मुझे फांसी पर लटका दें तब। आजकल जल्लाद का काम तो पीठासीन पदाधिकारी कर रहे हैं। चंडीगढ़ की घटना को पूरे देश ने देख लिया है।