अपनी बात

जोश में होश मत खोइये, प्रेस क्लब की सम्मान की रक्षा के लिए सजग रहिये

आज रांची प्रेस क्लब के लिए मतदान संपन्न हो गया। जैसा की संभावना व्यक्त किया गया था कि भारी मतदान होगा, वैसा ही दिखा भी। बताया जाता है कि 884 मतदाताओं में 804 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। आपसी प्रेम, भाईचारे व उत्साह के साथ संपन्न हुआ यह मतदान काफी दिनों तक याद किया जायेगा। इस चुनाव में सभी खड़े प्रत्याशियों के चेहरे पर गजब का उत्साह दिखा, सभी बिना किसी द्वेष के पंक्तिबद्ध मतदाताओं से मिलते रहे, और स्वयं को उनके समक्ष प्रस्तुत किया।

जीते कोई, हारे कोई आपसी वैमनस्यता न पनपे, इसकी जिम्मेवारी तो सभी की बनती है। कल मतगणना होगा। सभी ने अपनी-अपनी जीत के लिए जो – जो हथकंडे अपनाने थे, अपनाएं। अब ये हथकंडा कितना सफल होगा या हुआ, ये कल पता चलेगा। एक बात तो स्पष्ट दिखा कि कोर कमेटी में शामिल कई लोगों ने एक टीम बनाकर, जिसमें कि दैनिक भास्कर छोड़कर, सभी बड़े-बड़े अखबारों व कुछ छोटे अखबारों ने एक दूसरे के वोटों का बिखराव न हो, और जीत सुनिश्चित हो, इसके लिए एक टीम गठित कर ली।

ऐसे में स्वाभाविक है कि प्रभात खबर, हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, टाइम्स आफ इंडिया, आजाद सिपाही, खबर मंत्र, पीटीआई, यूएनआई, ईटीवी, सहारा समय का सारा वोट, अगर ये टूटा न हो तो समझ लीजिये कि रिजल्ट क्लियर है, किसका दबदबा रहेगा या कौन जीतेगा? अगर इस प्रकार की मनोवृत्ति की जीत हुई तो समझ लीजिये, रांची प्रेस क्लब में ये अंधकार के युग की शुरुआत हैं, और अगर सभी ने निष्पक्ष भाव से, बिना किसी दबाव के मतदान किया और परिणामों में अंतर आते हैं, तो समझ लीजिये, कि यह रांची प्रेस क्लब के उज्जवल पक्ष की शुरुआत है।

मैंने देखा कि कई ऐसे पत्रकार थे, जो बरसों बाद मिले थे, पंक्तिबद्ध थे, पर उनकी आंखें बहुत कुछ कह रही थी। आंखे उनकी भी कह रही थी, जो किसी टीम के सदस्य नहीं थे, पर प्रत्याशी के रुप में खड़े थे, जोश था, उमंग था, कुछ करने की कसमें खा रखी थी, अगर इनका सपना टूटा तो समझ लीजिये, स्थिति विकट होगी। हमने सुना है कि एक टीम के लोगों ने चुनाव कार्य के दौरान अनैतिक तरीके अपनाने की कोशिश की, जिसका कड़ा विरोध एक प्रत्याशी ने किया, पर इस मामले को उच्चस्तरीय तरीके से सुलझा लिया गया, जहां शुरुआत में ही, येन-केन-प्रकारेण जीत प्राप्त करने की परंपरा की शुरुआत करने की कोशिश शुरु हो गई है, ऐसे में आनेवाले पत्रकारों की समस्या कौन सुनेगा? सवाल बहुत गंभीर बन रहा है।

मेरा मानना है कि जो अनैतिक तरीके से, किसी खास लक्ष्य को स्वहित में प्राप्त करने के लिए, जिन्होंने चुनाव लड़ने का मन बनाया है, और अगर वे जीतते हैं, तो हमें लगता है कि रांची प्रेस क्लब अपने लक्ष्य से भटक जायेगा। रांची प्रेस क्लब अपने लक्ष्य से नहीं भटके, इसके लिए आज जिन-जिन मतदाताओं ने वोट किया, उन्हें हमेशा सजग रहना पड़ेगा ताकि उनका जीता हुआ प्रत्याशी कहीं ऐसा कुछ न कर दें, जो रांची प्रेस क्लब के सम्मान पर ही बट्टा लगा दें, जो पत्रकार हित में न सोचकर स्वहित में ही अपना सारा मेहनत जाया कर दें।

One thought on “जोश में होश मत खोइये, प्रेस क्लब की सम्मान की रक्षा के लिए सजग रहिये

  • राजेश कृष्ण

    सटीक ,
    सजगता स्वच्छता और प्रकाश युग की शुरुआत हो ..वही
    अच्छा है,एक मौका है जंजीर तोड़ कर हाथ बढ़ाने का अपनों के लिए ,,उनके सपनों के लिए..और सबसे बड़ी चुनौती..पत्रकारिता वर्ग को प्रतिष्ठा दिलाने की होगी।

    प्रणाम.

Comments are closed.