राजनीति

बोकारो के CISF इंस्पेक्टर आलोक मिश्रा व 25 अन्य के खिलाफ पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी ने कराया प्राथमिकी दर्ज

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी ने बोकारो में तैनात सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर आलोक मिश्रा व सीआईएसएफ में ही कार्यरत 25 अन्य के खिलाफ बोकारो थाने में भादवि की धारा 341, 323 व 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज करा दी है। के एन त्रिपाठी का आरोप है कि बोकारो में तीन दिनों से चल रहे भवनाथपुर के मजदूरों के धरना को देखते हुए वे कल यानी शनिवार को बोकारो पहुंचे थे।

जिसकी सूचना उन्होंने बोकारो के उपायुक्त और बीएसएल के महाप्रबंधक को दे दी थी। जैसे ही वे मजदूरों की समस्या के समाधान को लेकर बीएसएल के महाप्रबंधक से मिलने पहुंचे। गेट पर तैनात सीआईएसएफ के 25 जवानों के साथ इंस्पेक्टर आलोक मिश्रा ने रोक दिया। इसी बीच बातचीत चल ही रही थी कि अचानक मजदूरों और उन पर लाठी चार्ज व वाटरकेनन का प्रयोग शुरु कर दिया गया। जिसमें दो दर्जन से भी अधिक मजदूर घायल हो गये, साथ ही वे लोग भी घायल हो गये, जिनका इस धरने से कोई मतलब ही नहीं था।

के एन त्रिपाठी ने कहा कि बीएसएल के अधिकारियों के साथ मजदूरों की समस्या को लेकर वार्ता भी हुई, जो असफल रही। उन्होंने कहा कि मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने सभी से इस आंदोलन में शामिल होने की बात कही। के एन त्रिपाठी ने विद्रोही24 से बातचीत में कहा कि दरअसल भवनाथपुर के मजदूरों की हालत पस्त हो गई है, उनके समक्ष जीवन-मरण का प्रश्न आ गया है। पिछले तीन सालों से खदान बंद होने के कारण भवनाथपुर के तीन हजार मजदूर बेरोजगार है। आखिर इसकी चिन्ता कौन करेगा?

कल यानी शनिवार को मजदूरों और खुद पर बेवजह लाठी चार्ज व वाटरकैनन का प्रयोग करने के लिए उन्होंने सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर आलोक मिश्रा को दोषी ठहराया। उनका कहना था कि बेवजह मजदूरों पर लाठी बरसाई गई और उन्हें घायल कर दिया गया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर आलोक मिश्रा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।