अच्छा रहता जज साहेब कुरान की जगह भारतीय संविधान की प्रतियां बंटवाने को कहते – सीपी सिंह
राज्य के नगर विकास मंत्री सी पी सिंह ने ऋचा भारती प्रकरण पर आज विद्रोही24.कॉम से जमकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि आम तौर पर प्रत्येक भारतीय न्यायपालिका के आदेश का सम्मान करता है, और जो भी आदेश उसे मिलता हैं, उसके आगे सर झूकाता है, पर आदेश भी आदेश की तरह हो तो ठीक है, जब आप धर्म को लेकर अपनी बात चलाना चाहेंगे, भारतीय संविधान में निहित किसी के धार्मिक स्वतंत्रता को चोट पहुंचायेंगे तो संभव है लोगों की धार्मिक आस्था या धार्मिक भावनाओं को ठेस लगेगी।
अब किसी हिन्दू को कहे कि कुरान बांटो, वो कुरान बांट देगा, पर क्या किसी मुस्लिम को कहे कि वो गीता बांटे, वो बांटेगा, कभी नहीं, तो क्या धर्मनिरपेक्षता और सेक्यूलरिज्म सिर्फ हिन्दूओं के लिए बना है, धर्मनिरपेक्षता का मतलब क्या है – सर्वधर्म समभाव, पर सर्व धर्म समभाव की जगह हिन्दू धर्म पर कुठाराघात करेंगे तो लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, जो सोशल साइट पर दिखाई पड़ रहा हैं लोग खुले मन से इस फैसले के खिलाफ अपनी बात रख रहे हैं, चूंकि वे राजनीतिज्ञ है, जनता से जुड़े हैं, हमारी भी मजबूरियां होती है, उनकी भावनाओं को समझना।
एक सवाल के जवाब में सीपी सिंह कहते है कि अच्छा रहता कि माननीय न्यायाधीश महोदय ऋचा को कुरान की जगह भारतीय संविधान की प्रतियां बांटने को कहते, इससे न्यायपालिका ही नहीं, बल्कि न्यायाधीश महोदय का भी सम्मान बढ़ता, पूरे देश में उनकी जय-जयकार हो जाती, सभी एक स्वर से कहते कि माननीय न्यायाधीश ने भारतीय संविधान की प्रतियां बंटवाने का आदेश देकर, एक तरह से उन लोगों को संदेश दिया कि देश धार्मिक विद्वेष से नहीं बल्कि भारतीय संविधान के प्रति प्रेम व निष्ठा रखने से चलेगा, जितना जरुरत धार्मिक पुस्तकों की हैं, उससे भी कही ज्यादा भारतीय संविधान की जानकारी जरुरी है, क्योंकि भारत की आत्मा भारतीय संविधान है, पर भारतीय संविधान की जगह किसी हिन्दू को ये कहना कि आप कुरान बांटों, इसका मतलब क्या होता है?
उन्होंने कहा कि आजकल पैटर्न चल गया है, जिसे देखो सेक्यूलरिज्म के नाम पर हिन्दू धर्म पर कुठाराघात कर रहा है, और कुठाराघात आज का नहीं सदियों से चल रहा है, बेवजह की खरखाई में लोग दीवाने होते जा रहे हैं, और हिन्दूओं की परम्पराओं और उनकी संस्कृतियों को मजाक उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी को सोचना होगा कि आखिर हम देश को कहा और किस ओर ले जाना चाहते है।
देश कुरान से चलेगा या देश संविधान से चलेगा, और अगर देश संविधान से चलेगा तो निःसंदेह अच्छा रहता कि जज, ऋचा को कहते कि वो भारतीय संविधान को समझे, पढ़े और मनन करें और दूसरे लोग भी पढ़े क्योंकि भारतीय संविधान सभी धर्मों के साथ एक समान भाव रखने को कहता है, न कि एक दूसरे को नीचा दिखाने की। सचमुच आम हिन्दू जनता जज के कल के फैसले से तो बहुत आहत है, जिसका प्रभाव सोशल साइट पर साफ दिख रहा है, अब तो लोग खुलकर बोलने लगे है, और इससे अधिक प्रमाण और क्या हो सकता है।
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने ऋचा मामले में स्थानीय प्रशासन की फिर कड़ी आलोचना की, उनका कहना था कि इस प्रशासन को देखिये, एक छोटी सी बच्ची ऋचा को जेल भेजने में दो घंटे भी नहीं लगाती और अन्य खूंखार अपराधियों तक पहुंचने में इसके पसीने छूटते हैं, उन्होंने साफ कहा कि रांची के प्रशासनिक अधिकारी अकर्मण्य ही नहीं, बल्कि अपने कार्य के प्रति संवेदनहीन है, जो राज्य के लिए ठीक नहीं।