सरकार का सदन में बयान, झारखण्ड में जातीय सर्वेक्षण का काम इसी वित्तीय वर्ष 2025-26 व नगर निकाय चुनाव 16 मई के पूर्व संपन्न करा लिये जायेंगे, राज्य के कनीय अभियंताओं को झटका, ग्रेड पे नहीं बढ़ेगा
आज झारखण्ड विधानसभा के बजट सत्र के 17वें दिन विधानसभा सात मिनट विलम्ब से प्रारम्भ हुई। शुरुआत अल्पसूचित प्रश्न से हुई। विधानसभाध्यक्ष ने प्रदीप यादव का नाम पुकारा। प्रदीप यादव ने अपने सवाल में सरकार से पूछा कि क्या राज्य सरकार जातीय जनगणना कराने का काम कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभापा विभाग को दिया है और यह जातीय जनगणना का काम कब से शुरु होगा। सरकार का कहना था कि जातीय जनगणना कहना सही नहीं होगा, हम जातीय सर्वेक्षण कहें, तो ठीक रहेगा और यह जातीय सर्वेक्षण इसी वित्तीय वर्ष 2025-26 में संपन्न करा लिया जायेगा।
दूसरा सवाल राजेश कच्छप का था। राजेश कच्छप ने सरकार से पूछा कि बिहार में कनीय अभियंताओं का ग्रेड पे 4600 है, लेकिन झारखण्ड में कनीय अभियंताओं का ग्रेड पे 4200 हैं, क्या सरकार झारखण्ड के कनीय अभियंताओं को भी बिहार के कनीय अभियंताओं की तरह ग्रेड पे 4600 करने पर विचार कर रही हैं।
सरकार का कहना था कि ऐसा संभव नहीं हैं, क्योंकि राज्य सरकार अपने कर्मियों को केन्द्र के अनुरूप वेतनमान, केन्द्रीय सेवाशर्त के साथ देने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है। केन्द्र में कनीय अभियंता के पद हेतु वेतनमान पीबी-टू, 9300-34800, जीपी-4200 स्वीकृत हैं। इसलिए केन्द्रीय वेतनमान के अनुसार ही राज्य सरकार अपने कनीय अभियंताओं को ग्रेड पे का भुगतान कर रही हैं। इसलिए बिहार के अनुरूप ग्रेड पे करना संभव नहीं हैं।
सरयू राय ने सवाल उठाया कि क्या यह बात सही है कि नगर निकायों के चुनाव कराने के संबंध में दायर अवमाननावाद पर सरकार ने चार माह के भीतर चुनाव कराने का शपथ पत्र झारखण्ड उच्च न्यायालय को दिया है, जिसकी अवधि शीघ्र समाप्त होनेवाली है। सरकार ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि 16 जनवरी 25 को उच्च न्यायालय को राज्य सरकार द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराये जाने के दौरान नगर निकाय चुनाव कराने के लिए चार माह का समय दिया गया है।
सरयू राय का कहना था कि यह समय 16 मई को समाप्त हो जायेगा, तो क्या बचे हुए अल्प समय में नगर निकाय चुनाव करा लेगी, या फिर न्यायालय से समय मांगेगी। सरकार का कहना था कि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों का आरक्षण निर्धारित करते हुए ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने हेतु कृत संकल्पित है। तदनुरूप पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग द्वारा 21 जिलों में ट्रिपल टेस्ट के लिए सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण करा ली गई है एवं शेष तीन जिलों में सर्वें का कार्य शीघ्र पूरा करा लिया जायेगा। संभावना है कि 16 मई तक नगर निकाय चुनाव करा लिये जाये।