झारखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बहुत कम कैम्पस सेलेक्शन से राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन नाराज
राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि विश्वविद्यालयों को विजन, मिशन व लक्ष्य के साथ कार्य करना चाहिए। सिर्फ़ डिग्री प्रदान करने से कुछ नहीं होगा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए सोचना होगा, उन्हें अध्ययन के उपरांत कैसे रोजगार प्राप्त हो, इस दिशा में कार्य करना होगा। विश्वविद्यालयों के पास सही कार्ययोजना होना चाहिए। हमें वक्त की मांग को समझना चाहिये। राज्यपाल आज राज भवन में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति/ कुलसचिव के साथ विश्वविद्यालयों शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को व्यवहारिक रूप से प्रगति करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। उन्हें बेहतर पाठ्यक्रम को अपनाना चाहिए, साथ ही रोजगारपरक पाठ्यक्रम को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कमजोर विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रयास करने की दिशा में ध्यान देने के लिए कहा। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय एक नये मिशन के साथ कार्य करें। विश्वविद्यालयों में जीरो भ्रष्टाचार, जीरो ड्रग्स एवं जीरो रिकोमेंडेशन होना चाहिए। उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट होना चाहिये। उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन व सुधार करने वाले विश्वविद्यालयों को पुरस्कृत करने की भी बात कही। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में अनुशासन का वातावरण होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है। सभी विश्वविद्यालयों को बेहतर मानक को अपनाना चाहिये। विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान होना चाहिए तथा उनके प्लेसमेंट पर ध्यान दिया जाय। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को खेलकूद समेत विभिन्न गतिविधियों के अवसर पर उपायुक्त, आरक्षी अधीक्षक को आमंत्रित करना चाहिए। उन्हें जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए।
साथ ही विश्वविद्यालय ऐसे सफल उद्योगपतियों व प्रख्यात हस्तियों को आमंत्रित करें, जिससे विद्यार्थियों में प्रेरणा का संचार हों और उनसे हमारे विद्यार्थियों को लाभ हों। उन्होंने कहा कि हमें विश्वविद्यालय को ऊपर उठाने का प्रयास करना चाहिये। आप सफलता हासिल करते हैं तो विद्यार्थी सफलता हासिल करते हैं। समीक्षा के क्रम में झारखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बहुत कम कैम्पस सेलेक्शन पर नाराजगी प्रकट की।
उन्होंने चिकित्सा महाविद्यालयों के संदर्भ में चर्चा करते हुए इनकी आधारभूत संरचना विकसित करने व अन्य आवश्यताओं की दिशा में ध्यान देने की बात कही ताकि सीटों की संख्या में वृद्धि हो सकें। बैठक में विश्वविद्यालय में कॉउंसलिंग सेंटर स्थापना के संदर्भ में चर्चा की गई ताकि शिक्षण संस्थानों में पढ़नेवाले विद्यार्थी अपनी भावनाओं से अवगत करा सकें।
राज्यपाल शैक्षणिक सलाहकार प्रो० ई० बालागुरुस्वामी ने विश्वविद्यालयों में शोध पर ज़ोर देते हेतु आधारभूत संरचना विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित देश बनाने में विश्वविद्यालय की अहम भूमिका है। विश्वविद्यालयों में सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि लाना होगा तथा विश्वविद्यालय रोजगार सुलभ कराने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में कम से कम ‘ए’ ग्रेड हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए।