अपनी बात

नहीं रहे महान उद्योगपति रतन टाटा, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सहित कई महत्वपूर्ण हस्तियों ने दी श्रद्धाजंलि, पूरे देश में शोक की लहर, झारखण्ड में एक दिन का राजकीय शोक

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रतन टाटा के असामयिक निधन पर एक दिन की राजकीय शोक की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस अवसर पर दु:ख एवं संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि रतन टाटा देश के अनमोल रत्न थे।

उन्होंने उद्योग जगत के साथ-साथ समाजसेवा एवं परोपकार के क्षेत्र में देश और दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है, जिसे कभी भुलाया नही जा सकता है। वे एक सच्चे राष्ट्रवादी थे उनका जीवन उपलब्धियों से भरा रहा है। रतन टाटा एक-एक देशवासियों के दिलों में राज करते थे। इनका निधन राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर इस पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।

उधर झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देश के रत्न, उद्योगपति और संवेदनशील व्यक्ति, टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा जी के निधन की खबर से वे स्तब्ध हैं, दुखी हैं। उनका जाना न केवल उद्योग जगत, बल्कि संपूर्ण भारत के लिए अपूरणीय क्षति है।

उनके कुशल नेतृत्व में टाटा ग्रुप की कंपनियों ने देश के विकास में अहम योगदान दिया। देश की अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग को गति देने के साथ ही युवा उद्यमियों को भी उन्होंने काफी बढ़ावा दिया। राष्ट्र सेवा में उनके अमूल्य योगदान के लिए देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। महाप्रभु जगन्नाथ उनको अपने निजधाम में स्थान दें। वे उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।

उन्होंने कहा कि रतन टाटा का झारखंड और जमशेदपुर के प्रति काफी गहरा लगाव था। उन्होंने टाटा स्टील में बतौर कर्मी काम किया था। तब से लेकर उनके मुख्यमंत्रित्व काल और अब तक उनका सानिध्य प्राप्त हुआ। मोमेंटम झारखंड के दौरान उन्होंने उनसे रांची में एक कैंसर अस्पताल खोलने का आग्रह किया। जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। रतन टाटा बेहतरीन उद्योगपति होने के साथ संवेदनशील इंसान भी थे। उनके पास ज्ञान का भंडार था। उनका जाना उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनके साथ बिताए पल उन्हें सदा प्रेरणा देते रहेंगे।

झारखण्ड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने महान व प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर अत्यंत दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन की सूचना से उनका मन अत्यंत व्यथित है। रतन टाटा ने उद्योग, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्रों में अपने दूरदर्शी और निस्वार्थ योगदान से देश को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व के कारण भारत ने न केवल व्यापारिक व उद्योग जगत में, बल्कि सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी विश्वस्तरीय पहचान बनाई।

राज्यपाल ने कहा कि रतन टाटा की विनम्रता और परोपकार की भावना सदियों तक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। उनका निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। रतन टाटा का व्यक्तित्व और उनका निस्वार्थ समाज सेवा का दृष्टिकोण सदैव अविस्मरणीय रहेगा। उनके निधन से देश ने एक महान व्यक्तित्व और अनमोल रत्न खो दिया है। राज्यपाल ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि रतन टाटा जी के परिवारजनों और उनके अनगिनत प्रशंसकों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

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