एक भाजपाई ने हेमन्त सोरेन को बताया कि ट्रम्प को राष्ट्रपति भी CM रघुवर दास ने ही बनवाया है
बिहार में भोजपुरी भाषा में एक लोकोक्ति है – मैं सुनरी, मोर पिवा सुनरी, गांव के लोग बनरा-बनरी अर्थात् पूरे गांव में अगर कोई सुन्दर है तो बस वो खुद और उसका मर्द, बाकी सारे गांव के लोग बेकार और कुरुप है, ठीक इसी तर्ज पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास है, इन्हें लगता है कि झारखण्ड में अगर कोई विकास की गंगा बहाया है, तो बस सिर्फ उन्होंने ही बहाया, बाकी जितने राज्य में मुख्यमंत्री हुए, व चाहे भाजपा की ओर से बाबू लाल मरांडी या अर्जुन मुंडा ही क्यों न हो? सभी ने भ्रष्टाचार किया और राज्य को बदनाम किया। आज ही उन्होंने अपने सोशल साइट फेसबुक पर लिखकर इसका खुलासा भी कर दिया, जरा देखिये, इन्होंने खुद क्या लिखा है – “पिछले 14 साल का ट्रैक रिकार्ड देख लीजिये। झारखण्ड भ्रष्टाचार को लेकर बदनाम था, लेकिन हमारी सरकार जवाबदेह सरकार है, पारदर्शी सरकार है, भ्रष्टाचारमुक्त सरकार है। झारखण्ड की छवि बदली है और ये सब जनता के सहयोग से ही संभव हो सका है। इसलिए अच्छा सोचे, अच्छा चुने, गोमिया में भी बीजेपी चुने।”
यह लिखते हुए उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि वे खुद भी इन दोनों मुख्यमंत्रियों के शासनकाल में मंत्री पद की शोभा बढ़ा चुके है, जबकि दिशोम गुरु शिबू सोरेन की मंत्रिपरिषद् में उपमुख्यमंत्री भी रह चुके है, दरअसल सत्ता सुख प्राप्त करने के बाद ये इतने मदान्ध हो चुके है, कि मदान्धता में वे क्या लिख देते है, या क्या बोल देते है, उन्हें पता ही नहीं चलता।
हालांकि मुख्यमंत्री रघुवर दास के इस डॉयलॉग के जवाब में नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को बहुत बढ़िया जवाब दिया है। हेमन्त सोरेन ने अपने जवाब में कहा है कि “रघुवर जी सत्ता के अहंकार में भूल जाते है कि झारखण्ड के गठन के 18 साल में 16 साल भाजपा की सरकार रही है और शायद रघुवर जी ये भी भूल रहे है कि वो उन 16 सालों में हमेशा मंत्री और उपमुख्यमंत्री रहे। मतलब ये मान रहे है कि 17 साल इन्होंने झारखण्ड का सिर्फ और सिर्फ दोहन किया है, लूट मचाई है। अर्जुन मुंडा जी को काफी बुरा लग रहा होगा ये सुनकर, पर उन्हें तो इन्होंने राजनीतिक हाशिये पर धकेल दिया है। खैर, झूठ और फरेब की बहुत पुरानी परंपरा रही है, इनके दल में। वैसे अभी कल ही एक भाजपाई बोल रहा था कि ट्रम्प को राष्ट्रपति भी रघुवर जी ने ही बनवाया है।”
अब सवाल उठता है कि झारखण्ड बने 18 साल हो गये। जिसमें तीन साल स्वयं रघुवर दास मुख्यमंत्री रहे है। बचे 15 साल। इनमें से दो-ढाई सालों को हटा दिया जाय तो झारखण्ड में सर्वाधिक शासन भाजपा का ही रहा, जिसमें बाबू लाल मरांडी या अर्जुन मुंडा ही मुख्यमंत्री रहे, खुद रघुवर दास भी इनके मंत्रिमंडल में मंत्री तो झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री रहे, फिर भी वे पिछले 14 सालों का पिछला ट्रैक जनता को देखने के लिए कहते है, इसका मतलब वे स्वीकार करते है, कि पिछले 14 सालों में भाजपाइयों ने लूट मचाई, राज्य को बर्बाद किया, और उस बर्बादी में ये भी यानी मुख्यमंत्री रघुवर दास भी बराबर के साझीदार थे, और अगर ऐसा नहीं तो फिर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ये बयान कैसे दे दिया?
मुख्यमंत्री रघुवर दास के इस हास्यास्पद बयान पर नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी देकर ठीक ही कहा कि एक भाजपाई बता रहा था कि ट्रम्प को राष्ट्रपति भी रघुवर जी ने ही बनवाया है, क्योंकि झारखण्ड के मुख्यमंत्री कब क्या बोल देंगे, क्या कह देंगे, कोई नहीं जानता? गढ़वा में एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा एक जाति विशेष के खिलाफ दिया गया बयान हो या विधानसभा में विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ दिया गया बयान हो, स्पष्ट बताता है कि राज्य के मुख्यमंत्री बयान देने में कितने बयानवीर है।