अपनी बात

हैप्पी बर्थडे CM हेमन्त, तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हो पचास हजार

झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का आज जन्मदिन है। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है। क्या सत्तापक्ष और क्या विपक्ष सभी ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी है। लोकतंत्र की यही खुबसुरती है कि हम भले ही किसी का वैचारिक तौर पर विरोध करें, पर जब कुछ विशेष दिन आये तो हम उन्हें इसके लिए शुभकामनाएं दें, न कि हर बात पर बाल का खाल निकालने लगे।

राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बड़ी ही सादगी से अपना जन्मदिन मनाया और जिन्होंने भी उन्हें बधाइयां दी, उसके लिए उन्होंने शुक्रिया अदा किया। ऐसे भी कोरोना संक्रमण ने हर की जिंदगी में एक तूफान लाकर खड़ा कर दिया है। ऐसे अवसर पर चाहकर भी आप अपनों से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं नहीं दे सकते, क्योंकि राज्य व केन्द्र सरकार ने कुछ सीमाएं इस दौरान निर्धारित कर दी है।

इसलिए सभी ने ज्यादातर ऑनलाइन तरीके से ही शुभकामनाएं दी। जो लोग हेमन्त सोरेन को जानते हैं। वे यह भी जानते है कि वे किसी का बकाया नहीं रखते, चाहे मित्रता की बात हो या शत्रुता की, हर कसौटी पर वे खड़े उतरते हैं, कुछ मौके पर तो उन्होंने अपनो को माफ भी किया है, जिसे आम तौर पर लोग माफ नहीं करते। कुछ लोग हेमन्त सोरेन पर परिवारवाद का सहारा लेकर आगे बढ़ने का आरोप लगाते हैं, पर सच्चाई यह है कि कई दृष्टांत ऐसे है कि जब तक आपके अंदर राजनीति के आदर्श व उसके विशेष गुण नहीं होंगे, आप चाहकर भी राजनीति में हेमन्त सोरेन नहीं बन सकते।

झामुमो जैसी पार्टी को तीस सीटों पर लाकर खड़ा कर देना, और भाजपा जैसी पार्टी जिनके पास नरेन्द्र मोदी और अमित शाह जैसे भीड़ जुटाउ लोग हो, उन्हें परास्त करना सामान्य बात नहीं, यहीं नहीं कोरोना संक्रमण काल में एक बेहतर शासन स्थापित करना, प्रतिभा से युक्त आदर्श पदाधिकारियों को सम्मानजनक पद दिलाकर उन्हें सम्मान प्रदान कराना तथा उनसे बेहतर काम लेना अगर कोई सीखना चाहें तो हेमन्त सोरेन से सीख सकता है।

नेता प्रतिपक्ष होने के दौरान जिस प्रकार प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया ने उन्हें चुनाव में नजरंदाज करने की कोशिश की और उसके बावजूद भी अपार सफलता प्राप्त करना तथा जनता को अपनी ओर आकर्षित करना कोई सामान्य बात नहीं। कोरोना संक्रमण के दौरान अपने लोगों के लिए स्पेशल ट्रेन चलवाने की उनकी विशेष भूमिका, एरोप्लेन से झारखण्ड के श्रमिकों को अपने राज्य वापस बुलवाना तथा इसी दौरान भारत-चीन सीमा पर सड़क बना रहे झारखण्ड के श्रमिकों को सम्मान के साथ अधिकार दिलाने की कोशिश लोग लंबे समय तक याद रखेंगे। ऐसे हेमन्त को हमारी ओर से भी जन्मदिन की विशेष शुभकामनाएं।