अपनी बात

‘हारे को हरिनाम’ यानी रघुवर दास, जिसने भाजपा ही नहीं ‘मोदी मिशन’ का भी विनाश करने में मुख्य भूमिका निभा दी

आजकल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सपरिवार हरि के शरण में हैं, क्योंकि सर्वत्र हुई हार ने उन्हें कही का नहीं छोड़ा है। बेचारे क्या करें, वे सपरिवार आजकल हरि नाम संकीर्तन में जुट गये हैं, उनका ज्यादा समय प्रवचन सुनने में जा रहा है और प्रवचन कर्ता भी उन्हें ऐसी घूंटी पिला दे रहे हैं कि पूरे जमशेदपुर में प्रवचनकर्ता की घूंटी की भी चर्चा जोरों पर हैं, पर इन सबके बावजूद बेचारे आजकल मौन हो गये हैं।

आजकल वे लोग (कनफूंकवें) भी मौन हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री के आगे-पीछे किया करते थे, और उनलोगों के खिलाफ केस करने/कराने में ज्यादा दिमाग लगाया करते थे, जो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा उनके द्वारा किये जा रहे गलत कार्यों तथा जनता पर पड़ रहे उसके दुष्प्रभावों से पूर्व मुख्यमंत्री को परिचय कराना अपना धर्म समझते थे, लेकिन इन कनफूंकवों ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के मन-मस्तिष्क का ऐसा अपहरण किया, कि बेचारे न तीन में हैं और न ही तेरह में।

चुनाव तो हार ही गये। बेचारे की रांची में विधायक वाली आवास भी छीन गई। चुनाव जीतते तो कम से कम नेता विरोधी दल बनते, वह भी कुर्सी गई। जो-जो लोग उनके थे, या जिन्हें वे अपना समझते थे, हालांकि ऐसे लोग किसी के नहीं होते, सिर्फ मतलब के यार होते हैं, मौकापरस्त होते हैं और मौकापरस्ती समाप्त होने के बाद उस व्यक्ति को भी ठिकाने लगाने में आगे रहते हैं, जिनकी वजह से वे कल तक करोड़ो में खेला करते हैं, ऐसे लोगों ने भी बेचारे रघुवर से किनारा करना शुरु कर दिया।

राजनीतिक पंडित बताते है कि उन सारे राजनीतिज्ञों का रघुवर दास जैसा हाल होता हैं, जो कनफूंकवों से घिरा होता है, जो सत्य को नहीं स्वीकार कर, अपनी ढपली अपना राग सुनाने में ज्यादा वक्त बिताता है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पता नहीं किस मूर्ख ने रघुवर दास को सलाह दे डाली कि आप सरयू राय का टिकट जमशेदपुर पश्चिम से कटवा देने में दिमाग लगाइये।

अरे भाई आप बेमतलब का दिमाग लगाइयेगा, तो नुकसान किसका होगा, आपका ही होगा। सच्चाई तो यही है कि रघुवर दास सरयू राय का टिकट कटवाने में ज्यादा दिमाग नहीं लगाते, तो सरयू राय जमशेदपुर पश्चिम से निश्चित चुनाव हार जाते, रघुवर दास का तो जमशेदपुर पूर्व से जीतना शत प्रतिशत सुनिश्चित था, पर मूर्खों ने रघुवर दास के मन-मस्तिष्क का ऐसा अपहरण किया कि रघुवर दास को सरयू राय में विलेन नजर आने लगा।

और यही कारण बन गया सरयू राय का हीरो बनने का। सरयू राय ने इस मौके का फायदा उठाया और रघुवर दास को रघुवर दाग बनाते हुए, जमशेदपुर पूर्व सीट पर फतेह हासिल कर ली और रघुवर दास को उड़ते हुए हाथी पर बिठाकर सदा के लिए, उनकी राजनीति ही समाप्त कर दी, यानी चले थे, सरयू को ठिकाने लगाने और खुद ठिकाने लग गये।

रघुवर दास ने भाजपा को भी नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं उठा रखी थी, भाजपा कार्यकर्ताओं को हमेशा बेइज्जत करते रहे, उन्हें चिरकूटों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया, जिस मिशन मोदी को बनाया गया था कि भाजपा को मजबूती प्रदान करने के लिए, ऐसे लोगों को शामिल करने के लिए जो भाजपा से भले ही नहीं जुड़े हो, पर मोदी के कारण, उनसे जुड़ना चाहते हो, उस मोदी मिशन को भी उन्होंने अपने आगे नष्ट करने में कोई कसर नहीं उठा रखी थी।

हालांकि मोदी मिशन से जुड़े और उसे चला रहे अनुरंजन अशोक ने बिना भाजपा के बड़े स्थानीय नेताओं के सहयोग के मोदी मिशन के तहत भाजपा को जीताने के लिए बिना किसी आर्थिक सहयोग के, वह भी विपरीत परिस्थितियों में चलाने का भरसक प्रयास किया, पर भय कहिये या और कुछ रघुवर दास ने मिशन मोदी के नेताओं/कार्यकर्ताओं को भी कोई खास महत्व नहीं दिया, जिसका प्रभाव यह पड़ा कि भाजपा के कार्यकर्ता तो पहले से ही इनसे खार खाये हुए थे, मोदी मिशन के कार्यकर्ताओं ने भी इनकी कब्र खोद दी, रघुवर कही के नहीं रहे।

अब चूंकि वे खुद हाशिये पर हैं, उनका राजनीतिक कद बहुत ही छोटा पड़ गया हैं, उनके चेले-चपाटी के जगह झारखण्ड विकास मोर्चा से आये नेताओं ने जगह बना ली है, ऐसे में फिर ये शीर्ष पर जायेंगे, इसकी संभावना कम है, लेकिन इतना तय है कि अगर बाबू लाल मरांडी ने भाजपा कार्यकर्ताओं और मिशन मोदी से जुड़े लोगों के बीच एक बेहतर संबंध स्थापित कर आगे की तैयारी की तो भाजपा अच्छी स्थिति में आ सकती हैं।

मिशन मोदी के अनुरंजन अशोक बताते है कि जो नुकसान होना था, भाजपा का वो हो गया, अब वे आगे की सोच रहे हैं, आगे देखिये क्या होता है, वे अपनी ओर से मिशन मोदी को आगे बढ़ायेंगे, चाहे किसी से मदद मिले अथवा न मिले, क्योंकि लक्ष्य तो झारखण्ड में भाजपा को मजबूत करना और पीएम मोदी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का हैं, उसमें कमी आने-लाने का तो सवाल ही नहीं उठता।

One thought on “‘हारे को हरिनाम’ यानी रघुवर दास, जिसने भाजपा ही नहीं ‘मोदी मिशन’ का भी विनाश करने में मुख्य भूमिका निभा दी

  • राजेश कृष्ण

    अबहुँ त चेत
    न त अब न रही खेत..

Comments are closed.