हेमन्त ने रघुवर की नींद उड़ाई, कहा CM के साथ विदेश यात्रा पर गये IAS फर्जी वाउचर बना राज्य को लूट रहे
रांची के हरमू मैदान में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की बदलाव रैली को लोग कई मायनों में याद रखेंगे, वो इसलिए कि आम तौर पर ऐसी रैलियों में पार्टियां अपने विरोधियों पर राजनीतिक वॉर करती हैं, पर यहां हेमन्त सोरेन ने सबूत के साथ जनता को बताया कि झारखण्ड में बदलाव या सत्ता परिवर्तन क्यों जरुरी हैं? उन्होंने कहा कि अगर जनता ने बदलाव नहीं किया तो यह राज्य झारखण्ड की जनता के हाथों से निकल जायेगा, क्योंकि राज्य में लूटेरों की शासन चल रही हैं।
उन्होंने सबूत के साथ बताया कि राज्य के तीन आइएएस जब मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ विदेश यात्रा पर थे, तब उन्होंने अपनी विदेश यात्रा के दौरान फर्जी वाउचर बनाकर आठ लाख की जगह 18 लाख रुपये पर हाथ साफ किये। जिन्होंने इस प्रकार के काम किये, उनमें मुख्यमंत्री रघुवर दास के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, अरुण कुमार सिंह, अवकाश प्राप्त मुख्य सचिव राजबाला वर्मा तथा मुख्यमंत्री का आप्त सचिव अंजन सरकार का नाम शामिल हैं।
रघुवर बताएं कि शाह ब्रदर्स से उनका क्या कनेक्शन हैं, कितने पैसे लिए शाह ब्रदर्स से सीएम ने
उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि शाह ब्रदर्स को माइन्स खुलवाने के लिए मदद करने में उनकी क्या भूमिका रही? जब खनन सचिव ने मामले को कोर्ट में ले जाने की बात कही तो खनन सचिव की बात को उठाकर, स्वयं सीएम रघुवर ने कैसे अपने हस्ताक्षर से शाह ब्रदर्स को माइन्स आवंटित किया? सीएम बताए कि उन्हें इसके लिए कितने पैसे मिले?
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने कहा कि सीएम रघुवर बताएं कि छतीसगढ़ में वे कौन लोग हैं, जो करोड़ों की जमीन खरीद रहे हैं? हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज रांची में आकर जनता ने साफ संदेश दिया है कि अंहकारी रघुवर, खाली करो सिंहासन, उस सिंहासन पर जनता विराजमान होने के लिए बेताब है। उन्होंने कहा कि यह कितने शर्म की बात हैं, कि आज जो अपने हक की बात कर रहे हैं, उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं, और बेटियों पर पुलिस से लाठी बरसाते हैं, किसानों पर गोलियां चलवाते हैं और कहते है कि हम विकास कर रहे हैं।
राज्य में बनेगी चार उप-राजधानी, न्यू पेंशन स्कीम का मार झेल रहे राज्यकर्मियों को इससे मिलेगी निजात
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में बेहतर शासन व्यवस्था और राज्य के विकास के लिए वे राज्य में चार उप-राजधानियां बनाने की सोच रहे हैं, जिसमें एक दुमका तो पहले से ही हैं, दूसरा उप-राजधानी चाईबासा, तीसरा पलामू और चौथा उप-राजधानी हजारीबाग में होगा। उन्होंने एनपीएस की मार झेल रहे, राज्यकर्मियों को भरोसा दिया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे ओपीएस देने की प्रक्रिया शुरु करायेंगे।
आज कमाल हो गया, हरमू मैदान में खचाखच भीड़ को देख, मंच पर स्थित झामुमो के सभी नेता गदगद नजर आये, पर जैसे ही हेमन्त सोरेन ने भाषण देना शुरु किया, भारी बारिश शुरु हो गई, भारी बारिश को देख एक झामुमो कार्यकर्ता ने कहा कि लगता है कि भगवान इन्द्र भी बारिश के माध्यम से हेमन्त सोरेन का भाषण सुनने के लिए पधार चुके हैं। बारिश भी थमने का नाम नहीं ले रही थी, जब तक हेमन्त सोरेन ने भाषण दिया, वह धमाल दिखाती रही और जैसे ही हेमन्त ने भाषण खत्म किया, बारिश भी समाप्त, यानी बगल में खड़े झामुमो कार्यकर्ता की वो बात हमें लगी कि पूर्णतःसत्य थी।
उधर बदलाव रैली खत्म और इधर बदलाव रैली से तिलमिलाई भाजपा, पर हेमन्त के प्रश्नों का जवाब देने में असफल रही भाजपा
इधर जैसे ही हेमन्त सोरेन की बदलाव रैली समाप्त हुई, उधर भाजपा के लोगों को सुरसुरी समा गई, भाजपा प्रदेश कार्यालय में आनन-फानन में बदलाव रैली को लेकर बयान देना शुरु कर दिया गया, आश्चर्य इस बात की थी, जिन-जिन बातों को हेमन्त ने उठाया, उन बातों का एक भी जवाब भाजपा प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर रहे नेताओं के पास नहीं था।
संवाददाता सम्मेलन कर रहे संजय सेठ ने कहा कि हरमू मैदान में पांच हजार की क्षमता हैं तो लाखों की भीड़ कहां से आ गई, सवाल उठता है कि इसी हरमू मैदान में उनके नेताओं की जब सभा होती हैं तो उस समय लाखों की भीड़ कहां से इक्ट्ठा हो जाती हैं, उस वक्त हरमू मैदान लाखों लोगों के लिए फैल जाता हैं और झामुमो के लिए छोटा हो जाता हैं क्या?
भाजपा के लोगों को मालूम होना चाहिए कि यह भीड़ स्थानीय प्रशासन के द्वारा नहीं लाई गई थी, और न ही गैस चुल्हा का प्रलोभन देकर इन्हें बुलाया गया था, और न ही सहिया व आंगनवाड़ी से जुड़ी लोगों अथवा ठेकेदारों पर दबाव देकर भीड़ जुटाई गई थी। भाजपा के लोगों को यह भी मालूम होना चाहिए कि इस भीड़ को पैसे देकर भी नहीं बुलाई गई थी, जैसा कि धनबाद के सिंदरी में देखने को मिला, जिसका विडियो आज झारखण्ड के बच्चे-बच्चे के पास हैं, साथ ही विद्रोही24.कॉम के पास मौजूद हैं।
संजय सेठ ने कहा कि बदलाव किसलिए, इसलिए कि ताकि झामुमो के लोग एक दिन में 16 रजिस्ट्री कर सकें, इसका सही उत्तर है कि कि बदलाव इसलिए कि कोई पुलिस महानिदेशक अपनी सेवा के दौरान 51 डिसिमिल सरकारी जमीन अपनी पत्नी के नाम न करवा सकें, जैसा कि रघुवर सरकार में हुआ और अब तक उस पुलिस महानिदेशक पर कार्रवाई तक नहीं हुई।
संजय सेठ ने कहा कि सोरेन परिवार के लोग सांसद-विधायक-मंत्री बने, संजय जी जिनके घर शीशे के हो, वो दूसरे पर वार नहीं करते, आप खुद बताइये यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा क्या कर रहे हैं? थोड़ा सबको अपना दीदा देखना चाहिए, दूसरे में दोष ढूंढने के पहले, अपना भी दोष ढूंढ लिया जाये।
संजय सेठ ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को प्रभावित करने के लिए, नहीं इस दिखावे की योजना के जगह सही मायनों में बेटी को सम्मान दिलाया जा सकें, ताकि कोई भाजपा की जिला मंत्री कमला कुमारी का कोई भाजपा का विधायक ढुलू महतो यौन शोषण नहीं कर सकें। भाजपा ने तो बहुत सवाल किये, जिसका जवाब देना शुरु किया जाये, तो भाजपावाले जमीन पकड़ लेंगे, शायद यहीं कारण है कि कभी सीएम रघुवर, विपक्ष को कहा करते थे कि वो विकास के मुद्दे पर हमसे बहस करें, पर जैसे ही नेता प्रतिपक्ष ने बहस की चुनौती को स्वीकार किया, तब से सीएम रघुवर दास भागे-भागे फिर रहे हैं, और ये कब तक भागते रहेंगे, कहा नहीं जा सकता।