हेमन्त ने अपनी सभा के माध्यम से CM रघुवर की सभा को दिया जवाब – सौ सुनार की एक लुहार की
दुमका के शिकारीपाड़ा में एक ओर राज्य के अब तक के सर्वाधिक होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास की सभा और दूसरी ओर इसी लोकसभा के मसलिया में नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन की सभा, इन दोनों नेताओं की सभा दुमका के परिणाम को परिलक्षित कर दे रही हैं, दुमका से कौन जीतेगा? ऐसे तो विद्रोही 24.कॉम ने पूर्व में ही जनता के नब्ज को देखकर घोषित कर दिया है कि 19 मई को दुमका, गोड्डा और राजमहल में जहां मतदान होने हैं, इन तीनों सीटों पर महागठबंधन की स्थिति इतनी मजबूत है कि भाजपा इनके आगे–पीछे भी नहीं ठहर पा रही।
हालांकि सीएम रघुवर अपनी ओर से कोई भी प्रयास नहीं छोड़ रहे हैं, वे देवघर जाकर बाबा वैद्यनाथ के आगे खूब माथा पटक रहे हैं, पर लगता है कि बाबा वैद्यनाथ को इस इलाके के दिशोम गुरु शिबू सोरेन से कुछ ज्यादा ही प्रेम हो गया है, जैसे– जैसे मतदान के दिन नजदीक आते जा रहे हैं, सब कुछ क्लियर होता जा रहा है कि आनेवाले समय में यहां से परिणाम क्या आयेगा? जरा इस चित्र को देखिये सीएम रघुवर दास शिकारीपाड़ा में एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं, इस सभा में लोगों की क्या उपस्थिति हैं आप खुद देखिये।
और अब ये फोटो देखिये, नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन का, जहां जनता उमड़–घुमड़ कर उनके भाषण को सुनने के लिए आ रही हैं, कमाल है, चुनाव के पूर्व इसी इलाके में कभी सीएम रघुवर की सभा में भारी भीड़ दिखती थी, और ये भारी भीड़ क्यों दिखती थी, हमें लगता है कि बताने की जरुरत नहीं, सारे लोग जानते है, कि ये भीड़ लाने का काम प्रशासनिक अधिकारी किया करते थे, पर चुनाव के समय ये भीड़ कहा गायब हुई, पता ही नहीं चल रहा, पर नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन की सभा में कल भी वहीं स्थिति और आज भी वहीं स्थिति है।
इधर भाजपा के लोग हेमन्त सोरेन और शिबू सोरेन पर लगातार व्यक्ति हमले करते जा रहे हैं, जिसका परिणाम भी उनके लिए घातक होता जा रहा है, जो भी रही सही कसर भाजपा के प्रति सहानुभूति लोगों को थी, खत्म होती जा रही है, ग्रामीण इलाकों में शिबू सोरेन का दबदबा आज भी कायम है, हेमन्त सोरेन का जादू खुब देखने को मिल रहा हैं, उनके प्रति युवाओं का उत्साह भी खूब दिखाई पड़ रहा हैं, जो भाजपा के कार्यक्रमों में नहीं दिखाई पड़ रहा हैं।
राजनैतिक पंडितों की मानें तो जब मोदी, राजनाथ, स्मृति ईरानी, अमित शाह इस संथाल परगना इलाके में कुछ नहीं कर पायें तो आज चुनाव प्रचार के अंतिम दिन में रघुवर दास का जादू क्या चलेगा? हेमन्त ने तो इनकी सारी जादूगरी ही निकाल दी है, एक–एक बूथ पर तैनात महागठबंधन के कार्यकर्ता दुमका में शिबू सोरेन को नौंवी बार संसद में भेजने के लिए जी–जान से लग चुके हैं, जबकि गोड्डा में प्रदीप यादव और राजमहल में विजय हांसदा को जीताने के लिए लोग कमर कसे हुए हैं।
भाजपा के लोगों ने इस इलाके में मीडिया के लोगों को भी अपनी ओर खीचने का काम किया हैं, साम–दाम–दंड–भेद की नीतियां लागू की गई हैं, पर ये सारे हथकंडे इस बार 2019 में फेल हैं, झारखण्ड में महागठबंधन की स्थिति बहुत ही मजबूत है, क्योंकि लोगों को भाजपा से राज्य में नुकसान ही हुआ है, उन्हें लगा ही नहीं कि उनकी सरकार हैं, यहां तो हमेशा लगा कि सरकार पूंजीपतियों की हैं, ऐसे में जब सरकार को सबक सिखाने का वक्त आया हैं तो मतदान के द्वारा क्यों न इस बार सबक सिखा दिया जाये।