भाजपा व हिन्दू संगठनों के आगे झूकी हेमन्त सरकार, घाटों पर अर्घ्य देने की मिली छूट, कोरोना का खतरा भी बढ़ा
लीजिये, भाजपा व हिन्दू संगठनों की जय-जय हो गई। अभी कुछ देर पहले जो झामुमो के केन्द्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य भाजपा व हिन्दू संगठनों के खिलाफ जमकर आग उगल रहे थे, राज्य सरकार ने भाजपा व हिन्दू संगठनों के आगे हथियार डाल दिये, शायद उसे लगा कि जनता इससे कही नाराज न हो जाये और इसका फायदा पांच वर्ष के बाद होनेवाले विधानसभा चुनाव में भाजपा न उठा ले जाये, हालांकि ऐसा न कभी हुआ हैं और न होगा?
भाई जो राजनीतिक दल हैं, वो तो राजनीति करेंगे ही। राजनीति के आधार पर अपना अच्छा-बुरा सोचेंगे ही, लेकिन अच्छा राजनीतिक दल या अच्छा राजनीतिज्ञ वहीं है, जो एक बार फैसला ले लें, उस फैसले पर कायम रहे, जो अपने फैसले पर ही कायम नहीं रहे, वो राजनीतिक दल या उस राजनीतिज्ञ पर जनता आनेवाले समय में विश्वास नहीं करती/रखती।
जैसे आप लाख भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भला-बुरा कहें, पर वो जो फैसले लेते हैं, उस फैसले पर वे हमेशा कायम रहते हैं, वे कभी अपने फैसले को नहीं उलटते, उदाहरण कई हैं, जैसे – धारा 370 हो या रामजन्मभूमि या कृषि कानून हो या तीन तलाक या नागरिकता संशोधन कानून या नोटबंदी या जीएसटी का मामला ही क्यों न हो? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने द्वारा लिये गये फैसले से तनिक नहीं डिगते,चाहे इसके कारण कई राज्यों में उनकी सरकारें ही क्यों न चली गई?
कहने का तात्पर्य हैं, अगर आप शासक हैं तो आपको शासक की तरह रहना होगा? शासन भय से चलता है, शासन प्यार से नहीं चलता। शासक पर हर व्यक्ति की हिफाजत की जिम्मेवारी होती हैं, न कि एक दल या किसी संगठन द्वारा चलाये गये गैर-जिम्मेदाराना आंदोलन के आगे झूक जाना। कोरोना के बारे में डाक्टरों का दल ही बेहतर बता सकता है, न कि कोई राजनीतिक दल या संगठन।
सच्चाई तो यह है कि सरकार भाजपा व हिन्दू संगठनों के आगे झूक गई, हो सकता है कि कल लोग इसे अपनी विजय के रुप में ले लें, पर एक सामान्य नागरिक जिसे किसी से कोई मतलब नहीं, उसकी चिन्ता कौन करेगा? सवाल यहां पर यह हैं? झारखण्ड का पड़ोसी राज्य ओड़िशा वहां भी छठ घाट पर जाने की मनाही है। दिल्ली की हालत तो कोरोना ने ऐसी कर दी कि वहां केजरीवाल सरकार फिर से लॉकडाउन लागू करने में लगी है, ऐसे में अगर यहां भी छठ व्रत के बाद कोरोना का फैलाव बढ़ा तो हेमन्त सरकार बताये कि इसके लिए जिम्मेवार कौन होगा? हेमन्त सरकार, भाजपा या हिन्दू संगठन?
इस राज्य में हर धर्म के लोगों ने बहुत ही प्रेम पूर्वक इस कोरोना काल में अपने-अपने धर्म के प्रमुख पर्वों को बेहतर ढंग से संपन्न किया है, जैसे हिन्दूओं के रामनवमी, दुर्गापूजा, दीपावली आदि, मुस्लिमों के ईद व मुहर्रम व हजरत मुहम्मद का जन्मदिवस, सिक्खों का गुरुनानक जयन्ती, आदिवासियों के सरहुल तक। ऐसे में छठ भी प्रेमपूर्वक मन जाता, लेकिन जिस प्रकार से इस पर राजनीति खेली गई, वो शर्मनाक है। हमें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी छठ को लेकर झारखण्ड भाजपा द्वारा की गई इस हठधर्मिता को पसन्द नहीं करेंगे, जब उन्हें पता चलेगा कि छठ के बाद कोरोना का प्रसार झारखण्ड में बढ़ गया।
फिलहाल छठ पर्व आराम से निकल जाये, किसी को कोई बीमारी न हो, हम ईश्वर से यहीं प्रार्थना करेंगे, क्योंकि हेमन्त सरकार भाजपा व हिन्दू संगठनों के आगे झूक गई, लोग इस राज्य में भगवान भरोसे हो गये, ऐसे में भगवान ही सब की रक्षा करें और किया ही क्या जा सकता है।