श्वेत पत्र के माध्यम से हेमन्त ने लगाए रघुवर सरकार पर गंभीर आरोप, कहा – डबल इंजन ने एक्सीलेटर का कम ब्रेक का ज्यादा किया इस्तेमाल
आखिरकार राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सरकार ने पिछली रघुवर सरकार के क्रियाकलापों को लेकर आज विधानसभा में श्वेत पत्र जारी कर ही दिया। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की आर्थिक स्थिति और रघुवर सरकार के विकास के दावों को लेकर आम सभा में श्वेत पत्र जारी करने की बात हरदम उठाया करते थे, जिस वायदे को उन्होंने जनता के समक्ष आज पूरा कर दिया।
आज विधानसभा में पेश श्वेत पत्र में हेमन्त सरकार ने कहा है कि राज्य का पिछला पांच साल एक वित्तीय संकट का काल रहा है। वर्ष 2014-15 से 2018-19 की अवधि में राज्य को केन्द्र से पर्याप्त राशि मिलती रही, लेकिन आंतरिक स्रोतों से क्षमता से कम राजस्व संग्रहण के कारण एवं बिना गहन अध्ययन किये, अनावश्यक एवं अनुपयोगी योजनाओं के कार्यान्वयन से एक तरफ राज्य वित्तीय संकट से गुजरता रहा, दूसरी तरफ जन-आकांक्षाएं पूरी करने में भी सफलता नहीं मिल सकी। इसके फलस्वरुप वर्तमान में राजकोष अभावग्रस्त है।
श्वेत पत्र जारी करने का उद्देश्य बताते हुए सरकार ने कहा है कि राज्य की जनता को पारदर्शिता के साथ राज्य की वित्तीय स्थिति से अवगत कराना जरुरी है, ऐसे में इस परिस्थिति में राज्य को आर्थिक संकट से बाहर लाने के लिए कई अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक दोनों तरह के प्रयास करने होंगे तथा राज्य सरकार के द्वारा अवरोधों एवं समस्याओं का गहन अध्ययन कर उनके निराकरण की कार्रवाई की जानी होगी।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस बात को स्वीकार किया कि वर्तमान सरकार को वसीयत में एक संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था एवं अभावग्रस्त राजकोष मिला है। वर्तमान सरकार ने रघुवर सरकार पर आरोप लगाया कि उक्त सरकार ने अपने शासनकाल में वित्तीय कुप्रबंधन, सरकारी धनराशि का अपव्यय तथा धनसंग्रहण के मोर्चें पर भारी विफलता की नई दास्तान पेश की है।
वर्तमान सरकार का कहना है कि 2014-15 में झारखण्ड राज्य का आर्थिक विकास दर 12.5 प्रतिशत था, जो वर्ष 2015-16 से 2018-19 इसका औसत वार्षिक विकास दर मात्र 5.7 प्रतिशत ही रहा। श्वेत पत्र में इस बात का भी उल्लेख है कि 2014-15 में प्रति व्यक्ति वास्तविक आय 48781 रुपये थी, जो दो साल के बाद 2016-17 में इसमें मात्र 45 रुपये की वृद्धि हुई, जो प्रति व्यक्ति आय का मात्र 0.1 प्रतिशत है।
श्वेत पत्र में कहा गया है कि राज्य के अपने कर संग्रह में कमी का मूल कारण, वर्ष 2017-18 में प्रमुख राज्य करों, यथा वाणिज्य कर, उत्पाद कर, निबंधन एवं भू राजस्व में कमी है, जिस पर पूर्व की सरकार ने कोई सार्थक प्रयास नहीं किया। हेमन्त सरकार का कहना है कि ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता, पथ निर्माण, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, नगर विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जल संसाधन एवं ऊर्जा के आठ प्रक्षेत्रों में ही लगभग 33 हजार करोड़ रुपये से अधिक का दायित्व सृजित है, साथ ही कई निगमों/सरकारी कंपनियों पर काफी राशि बकाया हो गई है।
अकेले झारखण्ड बिजली वितरण लि. पर दस हजार करोड़ से अधिक की राशि विभिन्न संस्थाओं का बकाया है, जैसे टीवीएनएल का लगभग 4400 करोड़, डीवीसी का लगभग 4500 करोड़ रुपये के बकाये के अतिरिक्त अन्य संस्थानों का मिलाकर करीब दस हजार करोड़ रुपये बकाया है। हेमन्त सरकार का कहना है कि केन्द्र सरकार से मिलनेवाला अनुदान अपेक्षाकृत कम रहा है, वह भी तब जब डबल इंजन सरकार होने की बात राज्य में कही जा रही थी।
राज्य सरकार की वह नीतियां, जिससे आंतरिक स्रोतों के राजस्व संग्रहण में कमी आई। वह इस प्रकार है। उत्पाद नीति – सरकार द्वारा शराब की बिक्री अपने हाथों में ले लिये जाने के बाद उत्पाद कर में गिरावट आई, एक वर्ष में ही लगभग एक हजार करोड़ रुपये की राजस्व की हानि हुई। निबंधन में छूट – महिलाओं के द्वारा संपत्ति निबंधन में 50 लाख रुपये तक के मूल्य की सम्पत्ति पर महिलाओं से एक रुपये की राशि लेने का प्रावधान करने से करीब 1238 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई।
पेट्रोल एवं डीजल के कर में अनुदान – पेट्रोल एवं डीजल पर 2.50 रुपये प्रति लीटर की छूट दी गई, जबकि कई प्रदेशों में इस राज्य से अधिक दर होने के बावजूद भी छूट नही दी गई। इस छूट के कारण राज्य को 800 करोड़ रुपये का प्रतिवर्ष नुकसान हुआ। कोल बीयरिंग एरिया एक्ट के तहत सीसीएल, बीसीसीएल एवं इसीएल पर करीब 33000 करोड़ की राशि का बकाया है, जिसकी वसूली के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि चुनौतियां गंभीर है, वित्त व्यवस्था कमजोर है, खजाना पर देनदारियों का बोझ है, विकास बेपटरी हो गया है, योजनाओं के क्रियान्वयन में समस्याएं है, प्राथमिकताएं विद्रुप है, कथनी-करनी में अंतर है, जनपक्षी नीति का अभाव है, नीयत पर शक का माहौल है, डबल इंजन ने एक्सीलेटर का कम ब्रेक का ज्यादा इस्तेमाल किया है। ऐसे में, सामुहिक नेतृत्व का परस्पर विश्वास, समस्याओं का सामना करने की शक्ति देगा। गठबंधन सरकार को भरोसा है, सब मिलकर इस आर्थिक समस्याओं पर विजय पायेंगे, राज्य की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लायेंगे।