राजनीति

सदन में गरजे हेमन्त, भाजपा को षडयंत्रकारी व शातिर बताते हुए कहा कि उनकी सरकार के खिलाफ की जा रही बॉलिंग के हर बॉल पर वे छक्का लगायेंगे, अखबारवाले सही खबर न छापकर सरकार को चूंटी काटने का काम कर रहे

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार द्वारा सदन में दिये गये अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन को संबोधित करते हुए सदन के नेता हेमन्त सोरेन ने कहा कि यहां का विपक्ष षडयंत्रकारी है। यह तरह-तरह के षडयंत्र रच रहा है। पिछले दिनों जब उनके पिताजी अस्वस्थ हुए तो वे दिल्ली में थे. उसी दौरान उन्हें भी थोड़ी बहुत तबियत खराब हो गई। आप लोग देखते होंगे, उस दौरान हमने मास्क पहन रखा था। कल उनकी राज्यसभा सांसद दुर्घटनाग्रस्त हो गई तो वे अस्पताल देखने उन्हें पहुंचे। इनलोगों ने रयूमर उड़ा दिया कि मुख्यमंत्री को लंग्स में प्राब्लम है। कैंसर हो गया है।

यही नहीं, इनलोगों ने यह भी रयूमर उड़ाया कि सरकार वर्तमान में दो सालों तक काम करने के मूड में नहीं हैं। मुख्यमंत्री बीमार हैं। चलने की स्थिति में नहीं, उठ नहीं सकते। षडयंत्रकारियों की जमात ने हर प्रकार की रयूमर उड़ा दी। इन्होंने दिल्ली विधानसभा में विपक्षी दलों को निष्कासित करवा दिया और यहां खुद स्वयं से सदन से निष्कासित हो गये हैं।

भाजपा यानी भेड़िये की खाल में शातिर लोग

हेमन्त सोरेन ने कहा कि केन्द्र सरकार माता-पिता की तरह काम करता है। सवाल-जवाब तो वहां होना चाहिए। आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा झारखण्ड को नहीं मिला, बताइये काम कैसे होगा। खेल का बजट जो केन्द्र सरकार बनाती है, उसका तीस प्रतिशत से अधिक की राशि गुजरात को चला जाता है, जहां से एक भी मेडल नहीं आता और हमारे झारखण्ड को जहां मेडल की भरमार रहती हैं, उसे 20 करोड़ मात्र थमाया जाता है। अब आप ही बताइये कि पैसे के अभाव में काम कैसे होगा। लेकिन फिर भी हमारे हौसले बुलंद हैं। हम अपने राज्य की जनता को सेवा करने में लगे हैं। अपने सीमित संसाधनों से राज्य को बनाने में लगे हैं।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि ये हमसे पूछते है कि मईंया सम्मान योजना की राशि अब तक लोगों को नहीं मिली। जबकि हम मार्च महीने में तीनों माह की किश्त का भुगतान करने को तैयार है। अरे अभी देर हुई कहां हैं। लेकिन षडयंत्रकारियों को देखिये। ये अपने राज्य जहां इनकी शासन चल रही हैं। ओडिशा में 830 रुपये, मध्य प्रदेश में 1100 और असम में मात्र 1200 देते हैं। आगे देखिये, हरियाणा में सितम्बर में सरकार बनी अभी तक वहां की सरकार वहां के महिलाओं को सम्मान योजना की राशि नहीं दी हैं और ये हमसे पूछ रहे है कि हमने क्यों नहीं दी। ये भेड़िये की खाल में शातिर लोग बैठे हैं। निराधार आरोप लगाते हैं, फिर भी हम इनका सम्मान करते हैं।

हमारे कार्यों का परिणाम हम सत्ता में और वे पत्ते की तरह झड़ गये

रिम्स के बारे में आये दिन अखबारों में अखबारवाले-पत्रकार मित्र वास्तविकता से दूर खबरें, सरकार को चूंटी काटने के लिए छापते रहते हैं, ताकि सरकार की जनता की नजरों में छवि धूमिल हो। लेकिन सच्चाई क्या हैं कि अगर जहां एक हजार मरीजों की इलाज कराने की क्षमता हो और वहां पांच हजार अचानक मरीज पहुंच जाये तो गड़बड़ियां दिखेंगी। इसीलिए हमलोगों ने रिम्स का जीर्णोद्धार करने का फैसला लिया है, जल्द दिखेगा भी। साथ ही रांची में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला लिया है।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि ये हमसे पूछते है कि हमने किया क्या है? और हम यह भी जानते है कि हम कुछ भी कर देंगे। इनको हमारे कार्य नहीं दिखेंगे। हमारे कार्य का ही परिणाम है कि वे पत्ते की तरह झरते चले गये और हम फिर से मजबूत होकर सत्ते में हैं। एक बार फिर कह रहे हैं कि ये जितना हमारे खिलाफ षडयंत्र करेंगे। हमारे खिलाफ बॉलिंग करेगें, हम हर बॉल पर छक्का मारेंगे. चौका नहीं जायेगा। सत्येन्द्र नाथ तिवारी जो बालू-ईटा-गिट्टी का मुद्दा उठाते हैं, वे क्यों इस मुद्दे को उठाते हैं। हम जानते हैं। ये पैसों से बालू नही खरीद कर मुफ्त का बालू दबंगई से उठाना चाहते हैं, जो हम ऐसा करने नहीं देंगे।