विधानसभा में हंगामे के कारण हेमन्त सरकार ने ली राहत की सांस, भाजपा विधायकों ने ढोल-झाल लेकर राम-नाम संकीर्तण गाया, ठूमके लगाये
जैसा की पहले ही तय था, ठीक वैसा ही दिखा। भाजपा विधायक ढोल, झाल, करताल लेकर आज विधानसभा पहुंचे थे। जैसे ही ये विधानसभा पहुंचे, वे विधानसभा के बाहर हरे राम, हरे राम का महामंत्र जपना प्रारम्भ कर दिया। सदन के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर हर-हर महादेव के नारे भी गूंजे।
यही नहीं कुछ भाजपा विधायक इस कीर्तन पर थिरके भी, साथ ही स्पीकर और राज्य के मुख्यमंत्री को एक तरह से अल्टीमेटम भी दे दिया कि अगर विधानसभाध्यक्ष द्वारा नमाज कक्ष के लिए एलॉट किये गये कक्ष को नहीं निरस्त किया गया तो उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आज जैसे ही सदन प्रारंभ हुआ, भाजपा विधायकों का हंगामा शुरु हो गया। नियोजन नीति एवं अन्य मुद्दों को लेकर, कभी वेल तो कभी रिपोर्टिंग टेबल पर चढ़कर भाजपा विधायक हंगामा करने लगे। जिसके कारण सदन दो बार स्थगित हुआ। आज सदन शुरु होते ही भाजपा विधायक रणधीर सिंह रिपोर्टिंग टेबल पर चढ़कर डांस करने लगे तथा भाजपा विधायक वेल में आकर जयश्रीराम और हर-हर महादेव के नारे लगाये।
भाजपा विधायकों द्वारा किये जा रहे इस कार्य पर स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो ने आपत्ति भी दर्ज की, पर भाजपा विधायक उनकी कहा सुननेवाले थे। इधर इन सभी कारणों से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल भी नहीं हो सका, खुद मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्वीकारा कि कई बार से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल नहीं हो पाया था, इस बार वे सोच कर आये थे, सभी का जवाब देंगे, पर विधानसभा में हंगामे के कारण कुछ भी नहीं हो सका।
आज पूर्व स्पीकर एवं पूर्व नगर विकास मंत्री सी पी सिंह भी मूड में दिखे, हर प्रकार के सवाल का जवाब उनके पास था। उनका कहना था कि यहां मंदिर बनना चाहिए। हम कीर्तन करेंगे। किसी को तकलीफ होगा तो हम क्या करें? कमाल इस बात की भी कि सत्ता पक्ष के पास इनके उचित जवाब देने का समय भी नहीं था।
सत्तापक्ष के लोग इस बात को लेकर खुश थे कि आज का दिन हंगामें की भेंट चढ़ गया तो अच्छा ही हुआ, क्योंकि सवालों को लेकर सरकार का गर्दन पकड़ने के लिए निर्दलीय विधायक सरयू राय और माले विधायक विनोद सिंह पहले से ही तैयार बैठे थे। इस हंगामे से कम से कम राज्य सरकार का जो छीछालेदर होना था, वो होना बच गया।