हेमन्त ने कहा – चुनाव तो बहाना था, दरअसल जनाब को आइना दिखाना था
सिल्ली व गोमिया में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने शानदार जीत हासिल की है। सिल्ली में जहां उन्होंने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को मात दी, वहीं गोमिया में रघुवर दास के चक्रव्यूह को तोड़ा ही नहीं, बल्कि उनके प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर धकेलवा दिया। इस उपचुनाव में महानायक के रुप में उभरे नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने एक तरह से दिखला दिया कि कोई नहीं है, उनके टक्कर में, क्यों पड़े हो चक्कर में।
हाल ही राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी धीरज प्रसाद साहु को जीत दिलवाकर जहां सीएम रघुवर दास की सारी राजनीतिक दांव-पेंच भुला दी, वहीं इस बार के दो विधानसभा उपचुनावों में अपनी पार्टी को जीत दिलाकर, हेमन्त सोरेन ने भाजपा-आजसू खेमे में खलबली मचा दी, यहीं नहीं हेमन्त सोरेन उन अखबारों-चैनलों में कार्यरत संपादकों-पत्रकारों को भी बता दिया कि चुनाव कैसे जीता जाता है?
एक तरफ सत्ता, दुसरी ओर स्थानीय प्रशासन और तीसरी ओर बिके पत्रकार झामुमो के जीत का खेल बिगाड़ रहे थे, फिर भी जनता द्वारा झामुमो को मिल रहा साथ, यह सिद्ध करने के लिए काफी था कि चाहे जो हो, जीत तो झामुमो की ही होगी और वहीं आज परिणाम के रुप में दिखाई भी पड़ा।
आज मिली शानदार जीत के बाद विद्रोही 24.कॉम से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने कहा कि ये उपचुनाव तो बहाना था, दरअसल उन्हें सीएम रघुवर दास को आइना दिखाना था कि वे जो झारखण्ड में खेल कर रहे हैं, उससे जनता और राज्य को हो रहा नुकसान, उन्हें बहुत महंगा पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों विधानसभा उपचुनावों में विपक्षी एकता इस बात को सिद्ध करता है कि भाजपा और उसके साथियों को धुल चटाने के लिए संपूर्ण विपक्ष एकता के सूत्र में बंध चुका है, इसमें कहीं कोई किन्तु-परन्तु नहीं है।
राज्य की जनता को झारखण्ड में झामुमो के रुप में अच्छा विकल्प मिल रहा है, यहीं कारण है कि गांव हो या शहर, अब हर जगह की जनता झामुमो को स्वीकार कर रही है, यहीं कारण है कि आज झामुमो पूरे झारखण्ड में मजबूती के साथ खड़ी है, शायद सत्ता के मद में डूबी रघुवर सरकार को भी मालूम होगा कि हाल ही में संपन्न नगर निकाय के चुनावों में कई महत्वपूर्ण शहरों में झामुमो ने भाजपा को नाकों चने चबवा दिये थे।
हेमन्त सोरेन ने यह भी कहा कि वे जनता तथा उन तमाम दलों के नेताओं के शुक्रगुजार है, जिन्होंने झामुमो को मदद की, उसकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा जनता की भावनाओं के अनुरुप कार्य किया, जिससे झारखण्ड में एक नई राजनीतिक चेतना का संचार हुआ है।