अपनी बात

अकेले हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन ने मिलकर भाजपा की खटिया खड़ी की, पूरे प्रदेश में हेमन्त और कल्पना के भाषण को सुनने के लिए उमड़ रही भारी भीड़, राजनीतिक पंडितों ने माना झारखण्ड में झामुमो गठबंधन लहर

अकेले हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन ने पूरे झारखण्ड में भाजपा की खटिया खड़ी कर दी हैं। लोग उनकी भाषण सुन ही नहीं रहे, बल्कि दोनों को आशीर्वाद भी दे रहे हैं। जबकि दूसरी ओर भाजपा की ओर से आयोजित प्रधानमंत्री की सभा हो या गृह मंत्री की सभा या भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सभा, अगर इन सभी की चुनावी सभा का तुलनात्मक विश्लेषण कर दिया जाये, तो भाजपा की सभी चुनावी सभाओं पर अकेले कल्पना सोरेन और हेमन्त सोरेन की चुनावी सभा भारी पड़ जा रही हैं।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो अब चुनाव परिणाम की बात करनी ही बेमानी है। चुनाव एकतरफा जा रहा है। लोगों की पहली पसन्द झामुमो बन चुकी है। जबकि रांची से प्रकाशित होनेवाले सभी अखबारों की पहली पसन्द भाजपा के शीर्षस्थ नेता हैं। ये इन अखबारों या अन्य मीडिया को क्यों पसन्द हैं। वो बताने की जरुरत नहीं, इन सभी अखबारों व चैनलों पर भाजपा की खूब कृपा बरस रही हैं।

भाजपाइयों को लगता है कि अखबारों व चैनलों द्वारा माहौल बना देने से उनका काम चल जायेगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में आप कही चली जाये, तो वहां झामुमो गठबंधन छोड़कर, दूसरा कोई दिखाई नही पड़ रहा हैं। स्थिति ऐसी है कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता अपने प्रदेश के बड़े नेताओं को चुनाव जीतवाने के लिए निर्दलीय प्रत्याशियों पर दबाव दे रहे हैं, उन पर भृकुटि तान रहे हैं, ताकि वो उनके चरणों में आकर बलिहारी जाये। धनवार के निरंजन राय वाली घटना उसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।

भाजपा को लगता है कि निरंजन राय के भाजपा के समर्थन में बैठ जाने से भूमिहारों को वोट मिल जायेगा और बाबूलाल मरांडी जीत जायेंगे। लेकिन ऐसा वहां होता नहीं दिख रहा। इधर जहां भी हेमन्त सोरेन या कल्पना सोरेन पहुंच रही हैं। लोग उन्हें सुनने-देखने के लिए पहुंच जा रहे हैं। इनकी सभाओं में युवाओं की भारी भीड़ दिख रही हैं। साथ ही हेमन्त सोरेन द्वारा शुरु की गई मंईयां सम्मान योजना की लोकप्रियता ने इन्हें और सर्वप्रिय बना दिया है। जिसकी काट भाजपा के पास की दिख नहीं रही।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कई इलाकों में तो भाजपा के सांसद ही अपने प्रत्याशियो को हराने के लिए एड़ी चोटी एक कर दिये हैं। धनबाद सीट उन्हीं में से एक हैं। जहां आज भी भाजपा के ही जिलास्तरीय नेता अपने सजायाफ्ता सांसद ढुलू महतो के इशारे पर राज सिन्हा को हराने के लिए लग चुके हैं। दूसरी ओर इन सबसे अलग कल्पना सोरेन और हेमन्त सोरेन की जोड़ी राज्य की जनता के साथ संबंध को और मजबूत करने में लगे हैं।

पहली बार देखा जा रहा है कि राज्य में झामुमो की लहर दिख रही हैं। ऐसा पहले कभी देखी नहीं गई। शायद यही कारण है कि जामताड़ा में उमड़ी भारी भीड़ को देख राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन यह कह देते हैं कि 20 साल तक दोनों हाथों से झारखण्ड को लूटने वाली भाजपा की हालत आज झारखण्ड की जनता ने बिन पानी के मछली की तरह बना दी है। झारखण्ड के साथ, जब-जब, जिसने साजिश रचने का काम किया, उसे करारा जवाब यहां की जनता ने दिया है।

उधर कल्पना सोरेन एक चुनावी सभा में कहती है कि ये चुनाव मंईयां और महंगाई के बीच में है। एक तरफ़ हम अपने राज्य के लाखों बहनों, अपनी मंईयां के घरों में सभी सुविधा दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर महंगाई देने वाली भाजपा है। इस बार आपको अपना घर देखना है या फिर भाजपा के चाल और छल में फंस कर नफ़रत फैलाने वालों के हाथ में खेल जाना है, यह तय आपको करना है। आप अपना घर देखिए – जैसा भाजपा नेता अपने बच्चों को देख, उन्हें विदेश भेज देते हैं। एक तरफ गरीब, वंचित, आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक हैं, दूसरी तरफ भाजपा के पूंजीपति लोग हैं। चुनाव के बाद भाजपा के यह बाहरी लोग आपको टॉर्च लगाकर भी ढूंढने से नहीं दिखेंगे, नौ दो ग्यारह हो जाएंगे। मणिपुर जल रहा है, मगर प्रधानमंत्री जी, गृह मंत्री जी आज तक वहां नहीं गए।

कल्पना सोरेन महगामा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहती है कि कि पिछड़ों के लिए महागठबंधन की सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण, आदिवासी सरना धर्म कोड विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा है। लेकिन उन्होंने इसको अब तक स्वीकृत नही किया। केंद्र सरकार झारखंडियों को उनका हक नहीं देना चाहती। कल्पना सोरेन ने कहा महागठबंधन की सरकार झारखंड के हक अधिकार के लिए अपनी आवाज बुलंद करती रहेगी।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा मणिपुर जैसे राज्यों में आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। यह किसी से छुपा नहीं है। केंद्र सरकार ने महंगाई को आसमान पर चढ़ा रखा है। महंगाई से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। ये लोग फूट डालो राज करो की नीतियों को अपनाते हैं। राज्य अलग हुए 24 वर्ष हो गए, इस झारखण्ड को देश का सबसे अमीर राज्य होना चाहिए था, यहां से पलायन रुकना चाहिए था। लेकिन उनकी गलत नीतियों की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई। इसलिए इस चुनाव में आप महागठबंधन की सरकार को मजबूत करने का कार्य करें।

हेमन्त सोरेन ने कहा हम लोगों ने पांच वर्षों तक आपके बीच में सेवा की है जो चुनौती हमने देखी है, वह राज्य अलग होने के बाद किसी सरकार को ऐसी चुनौती नहीं मिली थी। कोरोना संक्रमण काल में केंद्र सरकार एकाएक लॉकडाउन लगा देती है और यही गिरिडीह, जमुआ, गांडेय समेत अन्य क्षेत्र के हजारों लोग देश के विभिन्न राज्यों में फंस जाते हैं। केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार सभी को सड़कों पर छोड़ देती है। लेकिन आपकी गठबंधन सरकार ने आप सभी को सुरक्षित लाने में सफल हुई।

उन्होंने आगे कहा कि जिस सरकार के ऊपर गरीब गुरबा का आशीर्वाद हो उसे कोई कुछ नहीं कर सकता। गठबंधन की सरकार राज्य के गरीबों के हाथों को मजबूत कर रही है। भाजपा नहीं चाहती कि गरीब- गुरबा मजबूत हो, इसलिए इन्होंने चुनाव को भी समय से पहले कराने का काम किया है। हेमन्त सोरेन ने कहा हम लोगों ने झारखंड के लोगों को मजबूत करने के लिए बकाया बिजली बिल माफ किया, किसानों का कृषि ऋण माफ किया गया है, माता एवं बहनों को सम्मान स्वरूप सम्मान राशि प्रदान की गई। अब माता बहनों की सम्मान राशि दिसंबर से 2500 रुपया होने जा रहा है। आने वाले 5 वर्ष में हर परिवार तक एक लाख पहुंचाने का हम वादा करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा नौडीहा और नीमडीह प्रखंड की बात सामने आ रही है। आप सभी महा गठबंधन की सरकार को मजबूत करें। आपकी सभी मांगे पूरी होंगी।