हेमन्त सोरेन ने स्पीकर पर सदन को एकतरफा चलाने का लगाया गंभीर आरोप
आज उस समय स्थिति गंभीर हो गई, जब नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने अध्यक्ष पर ही अविश्वास जताते हुए कह डाला, कि अध्यक्ष महोदय आप सदन को एकतरफा चला रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष का ये कहना था कि सदन हंगामे में डूब गया और फिर स्पीकर ने सदन को दोपहर 12.15 तक स्थगित कर दिया। अब सवाल उठता है कि क्या सचमुच स्पीकर सदन को एकतरफा चला रहे हैं? या स्पीकर पर लगाया गया आरोप निराधार है?
स्पीकर पर लगाया गया यह आरोप निराधार नहीं हैं, अगर सदन की बारीकियों को ध्यान से देखें तो सचमुच पता लग जायेगा कि सदन एकतरफा चल रहा हैं, जैसे सरकार को जो सदन से चाहिए, वह काम आराम से हो जा रहा हैं, पर प्रश्नकाल तथा अन्य जैसे शून्यकाल, ध्यानाकर्षण बाधित हो जा रहे हैं। प्रश्नकाल, शून्यकाल या ध्यानाकर्षण प्रस्ताव हो या न हो, इससे सरकार के सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, ये बातें सभी जानते हैं, पर शायद सत्तापक्ष और स्पीकर इस बात को समझने की कोशिश नहीं कर रहे है कि अगर आप बजट सत्र शांतिपूर्वक नहीं संपन्न करा रहे हैं, तो इसके लिए केवल विपक्ष ही दोषी नहीं हैं, बल्कि उसके लिए राज्य सरकार और आसन भी उतना ही दोषी है और इससे सदन की गरिमा प्रभावित हो रही हैं।
आसन को चाहिए कि सदन को आर्डर में लाने के लिए ठोस प्रयास करें, वह विपक्ष को विश्वास में लेकर सरकार पर दबाव डाले कि सदन चलें, सदन हंगामा करने के लिए नहीं बना है, यहां विभिन्न विषयों पर जनहित में वार्ताएं होनी चाहिए। स्थिति ऐसी है कि हमने आज तक कभी भी समय पर सदन को चलते नहीं देखा, कभी भी समय पर सदन में स्पीकर को आते नहीं देखा। जरा आज का ही समय ले लीजिये। स्वयं विधानसभाध्यक्ष ने सदन को कहा कि सदन दोपहर 12.15 तक के लिए स्थगित किया जाता हैं, पर स्वयं स्पीकर सदन में 12 मिनट विलम्ब से पहुंचे, यानी 12. 27 बजे पहुंचे, तब तक मुख्यमंत्री का प्रश्नकाल समाप्त हो चुका था। जो सदन की कार्यवाही के बारे में जानते है, कि हर सोमवार को मुख्यमंत्री प्रश्नकाल 12 से 12.30 दोपहर तक होता हैं, जरा कोई बताये जब स्पीकर ही अपने बताये समय के अनुसार सदन में नहीं आयेंगे तो फिर सदन आर्डर में कैसे चलेगा?
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने ठीक ही कहा कि सदन नहीं चल रहा है, इस पर किसी ने मंथन किया कि सदन क्यों नहीं चल रहा? सदन को मजाक बना दिया गया है। सदन एकतरफा चल रहा हैं और विपक्ष को सरकार से जवाब नहीं मिल रहा। झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि विपक्ष ने सरकार पर जो गंभीर आरोप लगाये, उसे लेकर सरकार गंभीर नहीं, आसन को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। सरकार इस पर चर्चा से क्यों भाग रही हैं?