हेमन्त सोरेन ने CM रघुवर दास को एक बार फिर आइना दिखाया, भाषा संयमित रखने की दी सलाह
जैसे-जैसे मतदान की तिथियां नजदीक आते जा रही हैं, मुख्यमंत्री रघुवर दास की जूबानें फिसलती जा रही हैं, अपने विपक्षियों तथा प्रतिद्वद्विंयों के लिए उनके मुख से ऐसे-ऐसे शब्द निकल रहे हैं, जिसकी कोई प्रशंसा नहीं कर सकता, राज्य की जनता तो एक स्वर से मुख्यमंत्री रघुवर दास के इन भाषाओं की कड़ी निन्दा कर रही हैं, पर चूंकि उसके पास विकल्प नहीं हैं, वह कुछ कर नहीं पा रही, लेकिन जैसे ही छः महीने के बाद उसके पास विकल्प होगा, हमें नहीं लगता कि वह इन्हें हटाने में एक मिनट भी देर लगायेगी।
फिलहाल नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को, सोशल साइट फेसबुक के माध्यम से करारा जवाब दिया है, तथा अपने मित्रों-सहकर्मियों-समर्थकों को संबोधित करते हुए लिखा है कि ऐसे मौके पर जबकि आपका प्रतिद्वंद्वी असयंमित भाषा का प्रयोग कर रहा हैं तो आप उसका किस तरह जवाब दें, जरा देखिये हेमन्त सोरेन ने क्या कहा?
“साथियों, आज आपसे मैं अपने दिल की कुछ बातें साझा करने जा रहा हूँ। मुख्यमंत्री श्री दास कहते फिर रहे हैं कि झामुमो ‘बूढ़ों’ की पार्टी है। सच है रघुवर दास जी, हमारे दल में बुज़ुर्ग और तजुरबेकार व्यक्ति हैं। आपके दल की तरह हम उन्हें ज़लील कर बाहर नहीं निकालते। हमें उनके होने पर फ़क़्र हैं, अभिमान हैं। मैं जनता से पूछना चाहूँगा कि क्या आप अपने घर के बड़े बुज़ुर्गों को उम्र हो जाने पर घर से निकाल देंगे। उन्हें अपनी बात रखने का मौक़ा भी नहीं देंगे। आज आडवाणी जी, जोशी जी, रामटहल जी, करिया मुंडा जी को बाहर निकाल दिया भाजपा ने।
मुख्यमंत्री जी हमारे संस्कार इतने गिरे नहीं है, कि हम बुज़ुर्गों का सम्मान नहीं कर पाएँ। उनके अनुभवों से सीखे नहीं, उनके मार्गदर्शन में ना चलें। आज जो आप अट्टहास करते हुए, ये बातें हल्के में बोल जाते हैं ना, कभी सोचिए कि बच्चों पर क्या असर होगा? वो क्या संस्कार सीखेंगे। आप मुख्यमंत्री है, कम से कम अपने पद की गरिमा का तो ध्यान रखें।
पूरा झारखंड जानता है कि आप उटपटांग–बचकानी और हवा–हवाई बातें बोल जाते हैं। शायद आपको आपके पद का अत्यधिक अभिमान हो चला है, पर याद रखें महोदय, घमंड तो रावण का नहीं टिका, आप तो इंसान है। दूसरी बात आपको इस पद पर आसीन जनता ने किया, पर पूर्ण बहुमत नहीं दिया, उसे आपने पैसे और सत्ता की धमक दिखाते हुए, दूसरे दल से ख़रीदा।
इस बार फिर छः माह बाद आपको जनता की शरण में जाना है, जहाँ आपके हर तानाशाही फ़ैसले का हिसाब होगा। जनता ने आपको छः उपचुनावों में हराया, फिर भी आप चेतें नहीं। मुख्यमंत्री जी आगे कहते हैं कि झामुमो गठबँधन ‘महामिलावट’ है, अगर तीन दलों के साथ गठबँधन मिलावट है, तो जनता हीं तय कर लेगी, कि 31 दलों के आपके गठबँधन को क्या नाम दे?”