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दो दिवसीय “झारखंड आदिवासी महोत्सव” के समापन समारोह में बोले हेमन्त, झारखंड के कलाकारों के लिए बनेगी विशेष पॉलिसी, गीत-नृत्य झारखंड की कला-संस्कृति का अहम हिस्सा

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान रांची के ऐतिहासिक परिसर में आयोजित दो दिवसीय “झारखंड आदिवासी महोत्सव, 2024 के समापन समारोह में कहा कि वर्ष 2025 में राज्य सरकार द्वारा झारखंड के कलाकारों के लिए विशेष पॉलिसी बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कलाकार झारखंड की कला-संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य कर रहे हैं।

यहां के कलाकारों को आने वाले दिनों में एक बेहतर नीति और कार्ययोजना बनाकर आगे बढ़ाने का काम उनकी सरकार करेगी ताकि झारखंड के कलाकार देश और दुनिया में अपने हुनर का प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के कलाकार झारखंड की कला-संस्कृति को निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।

इनके प्रयासों को और मजबूती प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल और कला, संस्कृति के क्षेत्र में झारखंड की पूरे विश्व में अलग पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के क्षेत्र में बात करें तो हॉकी इंडिया में झारखंड के खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा है। देश की महिला हॉकी टीम में इस राज्य की महिला खिलाड़ियों ने एक अलग मुकाम हासिल की है।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि इस समय बारिश का मौसम है। खेत-खलिहान से जुड़े लोगों के मन में भी उत्साह है और सामाजिक सरोकार रखने वाले लोगों के मन में भी उत्साह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है। यहां के आदिवासी समाज के लोग यहां की कला-संस्कृति को संरक्षित करने का काम करते हैं। राज्य की समृद्ध कला-संस्कृति का सीधा जुड़ाव प्राकृतिक से भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गीत-नृत्य यहां की कला-संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अनवरत चलता रहता है। इसी कड़ी में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित झारखंड आदिवासी महोत्सव में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई चुनौतियों का सामना करते हुए आदिवासी समाज के लोग अपनी कला-संस्कृति, रहन-सहन और समृद्ध आदिवासियत को बचाने के लिए जद्दोजेहद में लगे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार जगत हो, न्यायपालिका का क्षेत्र हो, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स का क्षेत्र हो, चाहे आईएएस, आईपीएस की बात करें तो भी इन क्षेत्रों में आदिवासी समाज के गिने-चुने लोग ही अपनी जगह बना पाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे आदिवासी समाज के लोग आगे नहीं बढ़ रहे हैं। अब आदिवासी समाज के नौजवान युवक-युवतियां एवं छात्र-छात्राएं अलग-अलग क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सिर्फ नदी, पहाड़, पर्वत या खनिज संपदा के लिए ही नहीं जाना जाता है बल्कि यहां एक समृद्ध मानव बल के लिए भी जाना जाता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सहित सभी अतिथियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फ उठाया तथा झारखंड एवं अन्य राज्यों से पहुंचे कलाकारों का मनोबल भी बढ़ाया।

इस अवसर पर मंत्री हफीजुल हसन, सांसद राज्यसभा महुआ माजी, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक अनूप सिंह, विधायक मंगल कालिंदी, विधायक अम्बा प्रसाद, विधायक भूषण तिर्की, मुख्य सचिव एल०खियांग्ते, प्रधान सचिव वंदना दादेल, सचिव कृपानंद झा, आईजी अखिलेश झा, डीआईजी अनूप बिरथरे, राज्य सरकार के अन्य वरीय पदाधिकारीगण सहित अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित थे।