हूल दिवस पर हेमन्त का संकल्प झारखण्ड की संपदा पर पहला हक आदिवासियों-मूलवासियों का, अपनी अस्मिता और पहचान के साथ ही जो दिल में अपमान की ज्वाला धधक रही हैं, उसे बूझने नहीं देंगे
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने हूल दिवस के दिन संकल्प लिया है कि वे केवल अपनी अस्मिता और पहचान ही नहीं, जो दिल में अपमान की ज्वाला धधक रही है, उसे भी बूझने नहीं देंगे और इसका जवाब अपने विरोधियों को कैसे देना हैं, इस बार बतायेंगे और वो दिन अब दूर भी नहीं, बस कुछ ही महीनों की बात है।
सर्वप्रथम, उन्होंने राज्यवासियों को हूल दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा-हम वर्षों से हूल दिवस मनाते चले आ रहे हैं। आज इस अवसर पर संकल्प लेकर राज्य के विकास में जो भी चुनौतियां सामने आएगी उसका मुकाबला पूरी ताकत के साथ किया जाएगा। हमें अपने हक और अधिकार को हर हाल में लेना है और इसके खिलाफ साजिश रचनेवालों को जवाब देना है।
हमें जल- जंगल और जमीन को हर हाल में बचाना है, क्योंकि इसी की खातिर हमारे पूर्वजों ने बलिदान दी थी। हम अपनी अस्मिता और पहचान को किसी कीमत पर मिटने नहीं देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में हमने झारखंड में बदलाव लाने का काम किया है। अब सरकार हेडक्वार्टर से नहीं बल्कि गांव से चलती है। हमारी योजनाएं धरातल पर उतरती है जिसका लाभ समाज का अंतिम पंक्ति का व्यक्ति भी उठा रहा है। युवाओं को रोजगार देने के क्षेत्र में भी सरकार कई कदम उठाए हैं। झारखंड की संपदा में पहला हक झारखंड वासियों का है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार आगे बढ़ रही है।
इधर राज्य के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि 1855 में आज ही के दिन भोगनाडीह से अमर वीर शहीद सिदो कान्हू के नेतृत्व में आदिवासियों ने अन्याय, शोषण और ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंका था। आज पूरा देश अपने इन महानायकों को नमन कर रहा है। यह प्रेरणा दिवस है। हम सभी अपने अमर शहीद सिदो कान्हू, चांद-भैरव और फूलो -झानो के इतिहास, संघर्ष और बलिदान से प्रेरणा लेकर अपने समाज और राज्य को मजबूत बनाने का संकल्प लें। उनके आदर्शों के अनुरूप झारखंड को संवारना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एक साथ आज हूल दिवस के अवसर पर अमर वीर शहीद सिदो- कान्हू की पावन धरती पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
पूर्वजों के संघर्ष और शहादत का ही परिणाम – आदिवासी-मूलवासी सुरक्षित
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड वीरों और शहीदों की धरती है। इस प्रदेश के कोने-कोने से अनेकों महानायक निकले हैं, जिन्होंने अन्याय -शोषण तथा गुलामी को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा, सभ्यता और जल, जंगल, जमीन बचाए रखने के लिए लम्बा संघर्ष किया। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ उलगुलान कर अंग्रेजों की जड़े हिला दी। अपने संकल्प पर अडिग रहते हुए शहीद हो गए। इन पूर्वजों के बलिदान का परिणाम है कि आज आदिवासी-मूलवासी सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में झारखंड में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है । हमारी सरकार की नीतियों कार्यक्रमों और योजनाओं से राज्य विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारी योजनाएं घर-घर तक पहुंच रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा अभियान के दौरान लाखों आवेदन हमें मिले इन आवेदनों के माध्यम से हमें जनता की विभिन्न समस्याओं की पूरी गहराई से जानकारी मिली। लोगों की समस्याओं के आधार पर ही हम योजनाओं को बना रहे हैं, ताकि इसका लाभ हर किसी को मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड तभी आगे बढ़ेगा, जब यहां की आर्थिक सामाजिक और शैक्षणिक व्यवस्था मजबूत होगी। इसी सोच के साथ हमारी सरकार कार्य कर रही है। आदिवासियों मूलवासियों, गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ो और अल्पसंख्यकों को सशक्त बना रहें हैं। अपनी इन व्यवस्थाओं को मजबूत कर ही हम राज्य को नई दिशा और दशा दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में खनिज और प्राकृतिक संसाधनों की भरपूरता है। इस लिहाज से झारखंड काफी धनी है, लेकिन यहां के लोग आज भी गरीब हैं। यहां के खनिज संसाधनों से दूसरे राज्य आगे बढ़ रहे हैं लेकिन झारखंड पिछड़ा राज्य में ही गिना जाता है। अब इसमें बदलाव देखने को मिल रहा है। हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि झारखंड को विकसित राज्य बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सरकार की अनेकों योजनाएं हैं जिसका लाभ यहां के लोगों को मिल रहा है । चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, सिंचाई, पशुपालन, उद्योग,खेल या और कोई सेक्टर हर किसी के लिए योजनाएं हैं आप इन योजनाओं से जुड़े और अपने को सशक्त बनाने के साथ राज्य के विकास में भागीदार बनें।
396 योजनाओं की मिली सौगात
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 29026.745 लाख रुपए की कुल 396 योजनाओं का उद्घाटन – शिलान्यास किया इसमें 11284.854 लाख रुपए की 165 योजनाओं का उद्घाटन और 17741.731 लाख रुपए की 231 योजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने कुल 37212 लाभुकों के बीच 9289.745 लाख रुपए की परिसंपत्तियां बांटी।
इस अवसर पर मंत्री बसंत सोरेन, सांसद विजय कुमार हांसदा, विधायक स्टीफन मरांडी, विधायक दीपिका पाण्डेय सिंह, विधायक कल्पना सोरेन, पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू, जिला परिषद अध्यक्ष मोनिका किस्कू, आयुक्त संथाल परगना प्रमंडल लालचंद डाडेल, पुलिस उप महानिरीक्षक संजीव कुमार और साहिबगंज जिले के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।