अपराध

अनामिका गौतम के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला, उन पुलिसकर्मियों के लिए सबक, जो किसी के इशारे पर झूठी मुकदमें दर्ज कर, किसी को भी परेशान करते हैं

झारखण्ड उच्च न्यायालय ने गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे को बहुत बड़ी राहत दी है। न्यायाधीश आनन्द सेन की अदालत ने निशिकांत दूबे की पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ देवघर के टाउन थाने में दर्ज प्राथमिकी को खारिज कर दिया है। ज्ञातव्य है निशिकांत दूबे की पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ जनवरी माह में एक मामला देवघर थाने में दर्ज किया गया था, जिसमें अनामिका गौतम समेत पांच लोगों पर 420 का मामला दर्ज किया गया था, इस संबंध में न्यायालय ने सरकार का पक्ष भी मांगा था, तथा अनामिका गौतम के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी रोक लगा दी थी। 

इधर हाई कोर्ट ने जैसे ही जमीन संबंधी मामले में अनामिका गौतम के पक्ष में फैसला सुनाया। निशिकांत दूबे ने सोशल साइट पर अपनी भावनाएं अभिव्यक्त कर दी। उनके शब्दों में “मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी भगवान से डरिए। बलात्कार व हत्या के आरोपी विष्णुकांत झा व ब्लैकमेलर शशि सिंह से मेरे तथा मेरे पत्नी के उपर झूठा केस करवाकर आपने मुझे परेशान ही नहीं मानसिक प्रताड़ना भी किया। सामाजिक स्तर पर घटिया मानसिकता के कुछ पत्रकारों के साथ बदनाम किया। आखिर माननीय न्यायालय ने आज कहा कि एलोकेसी धाम की जमीन हमारी है तथा हमने सही तरह से ही जमीन खरीदी। सत्यमेव जयते।”

इधर नेता प्रतिपक्ष के लिए संघर्ष कर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबू लाल मरांडी ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि निशिकांत दूबे की पत्नी अनामिका गौतम पर अभी भी दर्जनों केस करवाये गये है। यही नहीं, उन केसो में उन्हें बार-बार नोटिस दिया जा रहा है कि वे सशरीर उपस्थित हो, जबकि ऐसा कोई नियम नहीं है, अगर जमीन से संबंधित कोई विवाद हैं भी, तो उसके लिए विभाग है, वो अपना काम करेगा, पर जान-बूझकर किसी को परेशान करना, किसी भी प्रकार से सही नहीं है।

आज हाईकोर्ट ने उनकी प्राथमिकी को खारिज कर दिया, बताता है कि सत्य क्या है? बाबू लाल मरांडी ने सरकार से मांग की, वैसे पदाधिकारी जिन्होंने झूठी प्राथमिकी दर्ज की, अनामिका गौतम को परेशान किया, उन्हें दंडित किया जाये, अगर उनलोगों पर कार्रवाई नहीं होती हैं, तो यह माना जायेगा कि इसमें सीएम हेमन्त सोरेन व सरकार शामिल थी, जो इन्हें परेशान कर रही थी। बाबू लाल मरांडी ने इस पूरे प्रकरण को लोकतंत्र की हत्या करार दिया।