उनका सिर्फ नारा था सबका साथ सबका विकास, पर हेमन्त ने इसे सही मायनों में जमीं पर उतारा, बजट में सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा और गरीबी उन्मूलन पर जोर
हेमन्त सरकार ने आज अपना पहला बजट विधानसभा में पेश किया। राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस बजट को सदन में रखा। आज की बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कोई गरीब भूखा नहीं रहे, कोई लाइलाज न मरे, किसी गरीब का बच्चा अब बकरी न चराये, वो स्कूल जाये, हर इन्सान को रहने के लिए एक छत हो और हर शरीर पर वस्त्र हो, यही उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
हेमन्त सोरेन के अनुसार यह एक क्रांतिकारी बजट है, इसके केन्द्र में गरीब, किसान और राज्य का बेरोजगार युवा है। हेमन्त सोरेन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस राज्य में बेरोजगारों की बड़ी फौज हो, वहां 400 करोड़ की विधानसभा, 600 करोड़ का हाई कोर्ट भवन और 1700 करोड़ का सचिवालय बनें, ये सही बात नहीं लगती।
ऐसा लगता है कि इस लोकतंत्र में लोक और तंत्र में संवाद खत्म हो गया है। इस बजट में तंत्र को जनता के प्रति जिम्मेदार बनाने का प्रयास किया गया है। राज्य में लगभग हर नागरिक को अब पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की सुविधा प्रदान की जायेगी। लीवर, किडनी और कैंसर जैसी अभिशाप तुल्य बीमारियों के लिए अब सारा खर्च सरकार उठायेगी। यह व्यवस्था पूरे देश में कही नहीं है।
सबसे गरीब राज्यों में शुमार रहनेवाला झारखण्ड देश में सरकार के मानवीय चेहरे को बेहद मजबूती से दुनिया के सामने रखा है। इस बार बजट में गरीबों के आवास निर्माण के लिए 50 हजार रुपये अधिक मिलेंगे। दस रुपये में ये साल में दो बार सब गरीबों को धोती, साड़ी और लूंगी मिलेगी। 50 वर्ष से सभी लोगों के विधवाओं को राशन उपलब्ध कराया जायेगा। सरकारी स्कूल में पढ़नेवाले हर जाति-धर्म के बच्चों को छात्रवृत्ति मिलेगी।
100 यूनिट तक बिजली खपत के लिए किसी को भी कोई बिल नहीं देना होगा। सभी जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 377 दाल-भात केन्द्र खोले जायेंगे। बेरोजगार स्नातक को पांच हजार और स्नातकोत्तर को सात हजार रुपये प्रतिवर्ष सहयोग राशि मिलेगी। किसानों के कर्ज माफ होंगे। पहले चरण में पचास हजार रुपये तक कृषि ऋण माफ होंगे। दूरस्थ क्षेत्रों में डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजना चलाई जायेगी। जिला स्कूलों को उच्चस्तरीय विद्यालय के रुप में विकसित किया जायेगा। हर पंचायत में पांच चापाकल लगाने या कुआं बनाने का लक्ष्य ताकि सभी को पानी मिल सके।