राजनीति

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ही विभाग NIA द्वारा चार्जशीटेड अभियुक्त राजा पीटर के पक्ष में तमाड़ जाकर किया चुनाव प्रचार, उधर कोल्हान के एक चुनावी सभा में EX-CM चम्पाई सोरेन को ‘ऐ चम्पई इधर आओ’ कहकर किया अपमानित

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज प्रेस कांफ्रेस में कहा कि इस देश का दुर्भाग्य देखिये कि देश का गृह मंत्री अमित शाह तमाड़ विधानसभा में एनआइए द्वारा चार्जशीटेड अभियुक्त के पक्ष में चुनावी सभा करने चले गये और जनता से उक्त चार्जशीटेड अभियुक्त के पक्ष में वोट देने की अपील भी कर दी। ज्ञातव्य है कि तमाड़ से जदयू ने गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिन्हें पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या के आरोप में एनआइए ने गिरफ्तार भी किया था तथा चार्जशीट फ्रेम भी किया है। वर्तमान में गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर विचाराधीन है तथा बेल पर जेल से बाहर हैं।

सुप्रियो का कहना है कि आश्चर्य इस बात की है कि गृह मंत्री के पास ही एनआइए का दायित्व है और उनका तमाड़ में आना और जिस शहीद का बेटा वहां से चुनाव लड़ रहा हैं। उसके खिलाफ एनआइए द्वारा चार्जशीटेड अभियुक्त के पक्ष में चुनाव प्रचार करना उसे अपना समर्थन देना आखिर ये घटना किस बात की ओर इशारा कर रही है। सुप्रियो ने कहा कि इसी प्रकार की एक घटना लोकसभा चुनाव के पूर्व में घटी थी। जब प्रवर्तन निदेशालय ने एक व्यवसायी विष्णु अग्रवाल को सेना की जमीन के अवैध खरीद-बिक्री मामले में गिरफ्तार किया था और जब उस विष्णु अग्रवाल को कोर्ट ने बेल दे दिया तो यही व्यक्ति जिसके अधीन प्रवर्तन निदेशालय आता है, उस मंत्री के साथ सार्वजनिक तौर पर फोटो खींचवाया, कुछ कागजात का आदान-प्रदान भी किया।

सुप्रियो ने कहा कि जब इस प्रकार की घटना घट रही थी, तभी उन्होंने कहा था कि यह गॉट अप केस है। मैच फिक्सिंग है। आज भी मैं कह रहा हूं कि जहां गृह मंत्री भाषण दिये हैं। वहां भी मैच फिक्सिंग है। ये साधारण बात नहीं है, क्योंकि जिसके पक्ष में गृह मंत्री ने भाषण दिया है, वो कोई झारखण्ड आंदोलन से जुड़ा आंदोलनकारी नहीं, बल्कि एक पूर्व मंत्री के हत्या से जुड़ा चार्जशीटेड अभियुक्त है।

सुप्रियो ने कहा कि ये सारी घटनाएं किस ओर इशारा कर रही है। इसे समझने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते हमारे नेता मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को डेढ़ घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोका गया और उन्हें बंधक बनाया गया। आज हमारी स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन को घाटशिला में एक घंटा रोककर बंधक बनाया गया। कल प्रधानमंत्री रांची में रोड शो किये और सुबह दस बजे से लेकर सायं सात बजे तक पूरे रांची को अरेस्ट कर लिया गया। इन लोगों ने तो पूरे चुनाव को प्रहसन बनाकर रख दिया है। पूरा केन्द्रीय मंत्रिमंडल अपने-अपने विभागों के अभियुक्तों के पक्ष में खड़ा हो गया है।

सुप्रियो ने कहा आज भी गृह मंत्री अमित शाह कभी हमारे नेता रहे और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के अपमान का मुद्दा उठाया। लेकिन वे खुद कितना चम्पाई सोरेन का सम्मान कर रहे हैं। वो आपसभी को (पत्रकारों की ओर इशारा कर) मालूम ही होगा। वो वीडियो-आडियो आपने जरुर ही देखा-सुना होगा। मामला घाटशिला-बहरागोड़ा का है। जहां अमित शाह भाषण दे रहे थे और उनके मंच पर दोनों क्षेत्रों के भाजपा के प्रत्याशी और खुद चम्पाई सोरेन मौजूद थे।

अमित शाह बोल क्या रहे हैं। ऐ बाबूलाल सामने आओ। ऐ दिनेशानन्द तुम भी सामने आओ, ऐ चम्पई इधर आओ, तुम भी सामने आओ। चम्पई दा उठ नहीं रहे थे कुर्सी से, उनको उठाया गया सार्वजनिक मंच पर और ये अपमान की बात करते हैं। भरी सभा में अमित शाह ने चम्पई दा को कहा कि ऐ चम्पई इधर आओ। सुप्रियो ने कहा कि मैं पिछले 35 वर्षों से चम्पई दा और गुरुजी के साथ सम्पर्क में हूं। मैंने आज तक गुरुजी को चम्पई बाबू छोड़कर कुछ भी कहते नहीं सुना। हमलोग उन्हें चम्पई दा, हेमन्त जी और कल्पनाजी तो उन्हें चाचा कहकर आज भी बुलाते हैं।

सुप्रियो ने कहा कि चम्पई दा से उम्र में छोटे हैं अमित शाह, राजनीतिक उम्र में भी चम्पई दा अमित शाह से बड़े हैं और अमित शाह उन्हें ऐ चम्पई इधर आओ कहकर बुलाते हैं। अरे चम्पई दा के इस अपमान का भी बदला लेगा, पूरा कोल्हान। मैं कोल्हान घूमकर आ रहा हूं। 2019 रिपीट करने जा रहा हैं, पूरा कोल्हान। हमलोगों को प्रचार करने से रोका जा रहा है। जितने भी अपराधिक तत्व हैं, उसे लेकर गृह मंत्री घूम रहे हैं। सड़कों पर नारे लगा रहे है कि मुसलमानों को आरक्षण दे दिया जायेगा। चुनाव आयोग खामोश।

प्रधानमंत्री ने कल नारा क्या दिया कि एक रहेंगे, सेफ रहेंगे। वाह प्रधानमंत्री जी, अब आपको समझ में आया, 11 साल में हिन्दुस्तान का हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख, इसाई एक रहेगा तो सेफ रहेगा। इतना दिन अनसेफ था क्या? ये कोई गाजर-मूली है क्या? कि कोई आयेगा और उखाड़कर ले जायेगा? अरे भाजपाइयों, तुमको डर हैं तुमको, हम एक थे, एक हैं और हमेशा एक ही रहेंगे। तुम हमें अनेक में नहीं बांट सकते। डरा-धमकाकर चुनाव नहीं लड़ा जाता। मैं अभी से बता देता हूं। आप सभी 23 नवम्बर को मिला लीजियेगा, ये जो भाजपावाले फर्जी दावे करवा रहे हैं। उनकी हवा निकल जायेगी। हम परसो होनेवाले चुनाव में 43 में से कुल 38 सीटें जीतेंगे। इसमें कोई किन्तु-परन्तु नहीं हैं।

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