काश, भारत का युवा ‘मोदी-मोदी’ की जगह ‘देश-देश’ चिल्लाया होता
सचमुच अगर भारत का युवा ‘मोदी-मोदी’ की जगह ‘देश-देश’ चिल्लाया होता, तो देश की ऐसी नौबत नहीं होती, कोई नीरव मोदी, कोई विजय माल्या देश को धोखे में रखकर, अपना उल्लू सीधा कर, विदेश में जाकर नहीं बस जाता। हम भारतवासियों को किसी पर कुछ ज्यादा ही विश्वास हो जाता हैं, और यह विश्वास तब तक रहता है, जब तक वह हमें पूरी तरह से नंगा नहीं कर दें, फिलहाल पूरे देश का हाल यही हैं। कभी नोटबंदी, कभी जीएसटी तो कभी बैंकिंग सुधार के नाम पर रह-रह कर बैंकों में जनता के पैसे की हो रही लूट ने भारत को आर्थिक आतंकवाद की तरफ धकेल दिया है।
बड़े-बड़े उद्योगपति मस्त हैं और छोटे-छोटे उद्योगपति त्रस्त हैं। ‘मेक इन इंडिया’ का शेर किस बिल या गुफे में जाकर सो गया, पता नहीं चल पा रहा, पर नित्य एक से एक बढ़कर भारत लूट की खबर और उनके प्रधानमंत्री के साथ फोटो खिचवाने की खबर देश के युवाओं की नींद खराब कर दी हैं। जो विश्वास नरेन्द्र मोदी ने जनता को दिलाया था, वह नींव हिल सी गई है। लोग पूछ रहे हैं मोदी जी बताइये ‘न खाउंगा और न खाने दूंगा’ के नारे का क्या हुआ? कहीं वह भी ‘पन्द्रह लाख प्रत्येक एकाउंट में जायेगा’ के जूमले की भेंट तो नहीं चढ़ गया। जब देश का चौकीदार झूठ बोलता है, जब देश का प्रधानमंत्री झूठ बोलता है, जब खुद को चाय बेचनेवाले का बेटा करार देनेवाला गरीबों की नींद उड़ा देता हैं तो गरीब किस पर विश्वास करें, यह गंभीर सवाल आज प्रत्येक भारतवासियों के समक्ष हैं।
11,500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक के इस घोटाले ने कई की नींद उड़ा दी हैं, अभी तो जो भी पकड़े गये हैं, वह छोटी मछलियां है, बड़ी मछलियां आज भी पकड़ के बाहर हैं और न पकड़ी जायेंगी। जैसा कि हमेशा से होता आ रहा है कि एक घोटाले को दबाने के लिए दुसरा घोटाला सामने आ जायेगा और फिर कुछ वर्षों के बाद यह भी सिद्ध कर दिया जायेगा कि ऐसा घोटाला हुआ ही नहीं था, जैसा कि टूजी स्पेक्ट्रम के साथ हुआ।
केन्द्र सरकार में एक से एक धुरंधर बैंठे हैं, बैंक के इस घाटे को पूरा करने के लिए दिमाग लगायेंगे, पंजाब नेशनल बैंक में फोर्थ ग्रेड की नौकरी के लिए वैंकेंसी निकाली जायेगी और इस वैंकेंसी के लिए सभी से 500 रुपये का पीएनबी का ही बैंक ड्राफ्ट मांगा जायेगा, और जैसा कि भारत में बेरोजगारी तो घर-घर में बसती हैं, लोग नौकरी के लिए आवेदन देंगे और एक करोड़ अगर फार्म बिक गये तो लीजिये 500 करोड़ तो ऐसे ही हो गये और इसी प्रकार थर्ड ग्रेड की नौकरी की विज्ञापन उसके छह महीने बाद निकाल दिये जायेंगे और इसी प्रकार से सारे प्रकरण रिपीट कर दिये गये तो लीजिये बैंक की सारी भरपाई हो गई, देश को इसी तरह से आज के नेता चलाते हैं, सभी चालाक हो गये। एक दूसरे को गाली देंगे, अपनी जेबें भरेंगे, जब अपनी वेतन बढ़ाने की बात आयेगी, सभी एक हो जायेंगे, खुद पेंशन लेंगे यानी पांच साल भी ठीक से काम नहीं करेंगे और पेंशन बननी उनकी शुरु और इधर पच्चीस-तीस साल काम करते-करते मर जाये इनका कर्मचारी, पर इन्हें पेंशन बंद। जानते है, इस पेंशन बंद करने की योजना की शुरुआत किसने की थी? इसी भाजपा के एक बडे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने।
इसलिए इस देश को बचाने के लिए आगे आइये। बहुत मोदी-मोदी चिल्ला लिया, थोड़ा देश-देश चिल्लाइये। खुद ईमानदार बनिये, चरित्रवान बनिये। किसी भी कीमत पर झूठे, मक्कार, लोभी, निकृष्टतम व्यक्ति या दल को अपना वोट मत दीजिये, जो एक बार आपको धोखा दें, उसे गिरह बांध लीजिये कि किसी भी कीमत पर, किसी भी जन्म में उसे वोट नहीं देना है, ताकि वो समझ सकें कि किस अपराध का दंड, जनता ने दिया, जिस दिन आप ऐसा करना शुरु कर देंगे, नेता सुधर जायेगा, और नेता जब सुधरेगा तो फिर भारत प्रगति करना शुरु करेगा, फिलहाल देश में कोई ऐसा नेता नहीं, जो सर्वोच्च शिखर पर होने के बावजूद भी उस पर विश्वास किया जाये।
इस बार के चुनाव में दल नहीं, व्यक्ति देखिये, और व्यक्ति के आधार पर, उसके चरित्र के आधार पर वोट देकर भारत का निर्माण करिये ताकि फिर कोई मोदी आपके अरमानों में सेंध नहीं लगा सकें, कोई आपकी भावनाओं से नहीं खेल सकें, जातिवाद और सांप्रदायिकता से उपर उठिये, देश आपका हैं, कब तक इन नेताओं के झूठे कारनामों से अपना और देश का गला घोटवाते रहेंगे।