काश, झारखण्ड के CM रघुवर दास की सोच भी, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की तरह होती…
कल की ही बात है, झारखण्ड की राजधानी रांची में राष्ट्रीय युवा शक्ति के बैनर तले, बड़ी संख्या में युवाओं की टीम ने पहाड़ी मंदिर से लेकर राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला। इस आक्रोश मार्च के माध्यम से युवा अपनी बात राज्यपाल महोदया तक पहुंचाना चाहते थे, वे उनसे कहना चाहते थे कि राज्यपाल महोदया, थोड़ा आप इस पर ध्यान दे, हो सकता है कि आपके ध्यान देने से पहाड़ी मंदिर की किस्मत संवर जाये।
ये युवा पहाड़ी मंदिर से राजभवन तक पहुंचे जरुर, पर राज्यपाल महोदया से इनकी मुलाकात नहीं हो सकी। ऐसे में इन युवाओँ ने अपनी बातें ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल तक पहुंचाने की कोशिश की और उक्त ज्ञापन को राजभवन कार्यालय तक पहुंचाया, ताकि राज्यपाल महोदया तक उनकी बात ज्ञापन के माध्यम से ही पहुंच जाये।
लीजिये, राष्ट्रीय युवा शक्ति से जुड़े लोगों को उस वक्त आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब उत्तम यादव के मोबाइल पर राजभवन से लगभग 12 बजे फोन आया, कि राज्यपाल महोदया आपलोगों से मिलना चाहती हैं, जल्द पहुंचे। इन युवाओं को विश्वास भी नहीं था कि राजभवन से उनके पास फोन भी आ सकता है, क्योंकि देखा गया है कि राजभवन और सीएम हाउस इन सभी मामलों में ज्ञापन लेकर ही अपने काम को इतिश्री कर देते हैं, पर उत्तम यादव और उनके साथ के युवाओं को, आज खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
जब ये युवा राजभवन पहुंचे, तब पता चला कि राज्यपाल महोदया, उन सभी युवाओं का आधे घंटे से इंतजार कर रही है, इन युवाओं ने बताया कि जैसे ही फोन से उन्हें सूचना मिली, वे लोग राजभवन पहुंच गये, देर इसलिए हुई कि रास्ते में विभिन्न संगठनों के धरना-प्रदर्शन चल रहे थे। ये युवा शीघ्र ही राज्यपाल महोदया के समक्ष बैठे थे। करीब दस-पन्द्रह मिनट राज्यपाल महोदया ने युवाओं के साथ बिताया और उनसे पहाड़ी मंदिर की समस्याओं के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश की, युवाओं ने भी विस्तार से राज्यपाल महोदया को सब कुछ बताया कि कैसे पहाड़ी मंदिर अपना अस्तित्व खो रहा है?
इन युवाओं ने विद्रोही 24.कॉम को बताया कि राज्यपाल महोदया जब बात कर रही थी, तब उनके चेहरे का भाव बता रहा था कि राज्यपाल महोदया पहाड़ी मंदिर की दुर्दशा से चिन्तित थी, वह चाहती थी कि पहाड़ी मंदिर का वैभव पुनः लौटे। राज्यपाल महोदया ने इन युवाओं को आश्वासन दिया कि वो पहाड़ी मंदिर की सुरक्षा और उसके वैभव को पुनः स्थापित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगी। राज्यपाल महोदया का ये कहना, युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी बात थी, युवाओं को खुशी का ठिकाना नहीं था, किसी ने पहली बार उनकी बात सुनी और वह भी राजभवन में, राज्यपाल ने, स्वयं बुलाकर।
काश हमारे सीएम रघुवर दास की सोच भी ऐसी होती, वे भी इन समस्याओं को समझने की कोशिश करते तथा इसमें ईमानदारी बरतने की कोशिश करते, पर जो राजनीति करेगा, पारदर्शिता का नाटक करेगा, वो किसी के दिल की बात क्या जानेगा? दिल की बात तो वहीं जानेगा, जिसके पास दिल होगा, जिसमें मानवीय मूल्य भरे होंगे, जैसा कि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के हृदय में मानवीय मूल्य भरे हैं, सचमुच आज राज्यपाल महोदया ने युवाओं को जिस प्रकार अपने राजभवन में बुलाकर मिली और उन्हें ढाढंस बंधाया, बताता है कि कोई तो है, जिनके हृदय में झारखण्ड बसता है, हमें लगता है कि यही सोच झारखण्ड को नई दिशा देगा।