“हमसे भूल हो गई, हमका माफी दई दो, हां जी भूल हो गई….. मतलब दैनिक भास्कर”
कल यानी 10 फरवरी 2021 को रांची से प्रकाशित दैनिक भास्कर हिन्दी दैनिक ने प्रथम पृष्ठ पर हेडिंग के साथ समाचार प्रकाशित किया – “केन्द्रीय मंत्री के करीबी आरआरडीए के पूर्व चेयरमैन परमा सिंह और भाई पंचम सिंह के घर आयकर विभाग के छापे” और आज यानी 11 फरवरी 2021 को दूसरे पृष्ठ पर छापा “आरआरडीए के पूर्व अध्यक्ष के प्रतिष्ठानों पर छापे जारी” और उसी समाचार में सब हेडिंग देते हुए लिखा –
“केन्द्रीय मंत्री का इस मामले से कोई संबंध नहीं” जिसमें दिये गये पांच पंक्तियों को अगर आप ध्यान से पढ़े तो पता लग जायेगा कि समाचार प्रकाशित करनेवाले ने अपनी गलती स्वीकारी और क्षमा याचना भी कर डाली। वो पांच पंक्तियां क्या है? ध्यान दें – “केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का इस पूरे मामले से कोई लेना-देना नहीं है। न ही ऐसा कुछ बताने का प्रयास किया गया। 10 फरवरी के अंक में संबंधित खबर में उनका नाम आया। इसका हमें खेद है।”
दरअसल कल इस संबंध में प्रसारित समाचार के शुरु के ही छह पंक्तियों के प्रथम पंक्ति में ही केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का नाम जोड़ दिया गया था, तथा आरआरडीए के पूर्व चेयरमैन व भाजपा नेता परमा सिंह और उसके भाई ठेकेदार पंचम सिंह का संबंध उनसे जोड़ दिया गया था। जिसको लेकर रांची से दिल्ली तक के भाजपा नेताओं में खलबली मच गई। ऐसे में फिर आजाद सिपाही के हरिनारायण सिंह की तरह मामला फंस न जाये, शायद इसी कारण से दैनिक भास्कर अखबार ने अपनी स्थिति दूसरे दिन स्पष्ट करते हुए, खेद प्रकट कर दिया।
राजनीतिक पंडित कहते हैं कि लगता है कि अभी रांची के अखबारों के बीच माफीनामा सप्ताह मनाने की होड़ लगी है, तभी तो कुछ दिन पहले आजाद सिपाही के संपादक ने प्रथम पृष्ठ पर अपने किये के लिए माफी मांगी और आज वही काम दैनिक भास्कर ने कर दिया। राजनीतिक पंडित तो साफ कहते हैं कि इस प्रकार के माफीनामा अथवा खेद प्रकटीकरण का सिलसिला यूं ही चलता रहा तो ये सारे अखबार जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो देंगे। कुछ राजनीतिक पंडित स्पष्ट रुप से कहते है कि अब इनकी विश्वसनीयता है कहां, आप बार-बार गड़बड़ियां करेंगे, और माफी मागेंगे तो आप समझ लीजिये कि जनता की नजरों में आप कहां हैं?