अपनी बात

मैंने अपने जीवन में ऐसी पहली फिल्म #TheKashmirFiles देखी, जहां दर्शक सिनेमा हॉलों में फिल्म शुरु होने के पूर्व और  बाद में “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारे लगाते हैं

आप माने या न मानें, पर ये सच है कि, मैंने अपने जीवन में ऐसी पहली फिल्म #TheKashmirFiles देखी, जहां दर्शक सिनेमा हॉलों में फिल्म शुरु होने के पूर्व और बाद में “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारे लगाते हैं। मैंने एक से एक देशभक्ति फिल्म सिनेमा हॉलों में जाकर देखी हैं, पर किसी सिनेमा हॉलों में उन फिल्मों को देखने के दौरान ऐसे दृश्य देखने को नहीं मिलें, जो #TheKashmirFiles देखने के दौरान मिलें।

दर्शकों के आंखों से आंसू निकलने और न थमने का सिलसिला, द्रवित होकर जोश में “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” का नारा लगाना, राष्ट्रीय ध्वज के साथ फिल्म देखना, अपने मासूमों के बीच फिल्म के औचित्य पर प्रकाश डालना, ये फिल्म देखना क्यों जरुरी है इसके लिए अपने आस-पड़ोस को प्रेरित करना, फिल्म हॉल में ही देखें इसका प्रचार-प्रसार करना आदि किसी फिल्म के बारे में पहली बार देख रहा हूं।

सचमुच फिल्म के निर्माता विवेक अग्निहोत्री बधाई के पात्र हैं कि कुछ इक्के-दुक्के देशद्रोहियों के विरोध के बावजूद आम जनता उन्हें अब अपना हीरो मान चुकी है और जीने का मूल सार भी यही होता है। हालांकि देश में तो अभी भी कई फिल्म निर्माता-निर्देशक है, जो भाईचारे के नाम पर झूठ दिखाकर आम जनता का पैसा ठगते हैं, पर विवेक अग्निहोत्री ने तो इस फिल्म के माध्यम से सबको ठंडा कर दिया है।

जो इंडियन एक्सप्रेस जैसे अखबार व एनडीटीवी जैसे चैनल इस फिल्म के उपर अंगूलियां उठा रहे थे, उनकी अंगूलियों को तो जनता ने ही तोड़-मरोड़ कर रख दिया है। जहां मैं रहता हूं वहां पहले दिन एक ही सिनेमाहॉल के दो शो में यह फिल्म चल रही थी, दूसरे दिन इसी हॉल में इस फिल्म का पांच शो हो गया और आज तीसरे दिन कई सिनेमा हॉलों में यह फिल्म लग गये और उसके सारे के सारे शो भी फूल हो गये।

यह क्या बताता है कि भारत की जनता अब मीडिया या बॉलीवुड के दैत्यों के अंगूलियों पर नहीं नाचनेवाली और वो वहीं फिल्म देखेगी, जिसमें सत्य होगा और लीजिये द कश्मीर फाइल्स के साथ वहीं हो रहा है। एक सज्जन ने मेरे सोशल साइट पर एक सवाल पूछा कि भारत माता की जय या वंदे मातरम् के नारे लगा देने से क्या होता है? मैंने उसे उत्तर दिया – किसी को मिले अथवा न मिले, मुझे मेरी भारत मां की वन्दना सुनना अच्छा लगता है, इससे ज्यादा मैं क्या कहूं, अगर मेरे दिल की बात तुम समझ सकते हो तो समझो।