काश मैं भी नीरव मोदी या विजय माल्या होता और इसका लाभ उठाता!
काश मैं भी नीरव मोदी या विजय माल्या होता, देश में ऐश करते हुए, अपने देश के लोगों को लूटता और फिर देश को चूना लगाकर विदेश में जाकर बसकर ऐश-मौज करता, पर क्या करुं, मेरे मां-बाप ने ऐसा करना नहीं सिखाया, इसमें मैं अपने मां-बाप को ही दोषी ठहराउंगा, आखिर उन्होंने ऐसा क्यों नहीं करना सिखाया? अगर सिखाया होता तो हम भी बम-बम हो गये होते। जरा देखिये अपने यहां नेता, अधिकारी, व्यापारी, कर्मचारी में कितनी एकता हैं, सभी एक दूसरे के भ्रष्टाचारवाली मुददे पर कैसे मदद करते हैं, इस आपसी प्रेम पर शायद कोई फिल्म आया होता तो हमें लगता है कि जरुर सुपर हिट हो गई होती, फिल्म का नाम होता, ‘देशलूटवा तोरे प्यार में’।
भाई दो दिन की जिंदगी हैं, हमें भी ऐश-मौज करने का बड़ा दिल करता हैं, 51 वर्ष का हो चुका हूं, ईमानदारी से जिंदगी जीते-जीते हमारी कमर टूट चुकी हैं, दो कट्ठे जमीन भी नहीं खरीद पाया और न एक छोटा सा घर बना पाया, किराये में अब तक जिंदगी चल रही हैं, बगल के लोगों को देखता हूं तो वे भी नीरव मोदी या विजय माल्या से कम नहीं दिखते। विजय माल्या और नीरव मोदी चूंकि उच्च दर्जें के खिलाड़ी हैं, इसलिए उन्होंने बड़े स्तर पर कमाल दिखाये, हमारे आस-पास में छोटे दर्जे के लोग हैं, वे विदेश तो नहीं भागते, बस देश में ही रहकर एक से एक कमाल दिखा देते हैं।
मैंने तो एक प्रचार-प्रसार विभाग में ही काम करते एक टीकाधारी झा जी को देखा था, जिन पर नोटबंदी के समय गड़बड़ करने का आरोप लगा था, एक बैंक अधिकारी की भी संलिप्तता दिखी थी, पर वह मामला दबा का दबा रह गया। रांची में ही देख रहा हूं कि एक मंत्री जी, राज्य की मुख्य सचिव को हटाने के लिए अपना एक विभाग गवां दिये, पर क्या मजाल कि मुख्यमंत्री अपने मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई करें। भाई भ्रष्टाचार का मतलब ही यहीं होता है कि पकड़ में आया तो भ्रष्टाचार और अगर नहीं पकड़ में आया, सरकार और सरकार के अधिकारियों के वरदहस्त अगर आपके उपर हैं तो आप जब तक जिंदा हैं, संत बने हुए हैं।
ऐसे भी देश की प्रगति की निशानी है, देश में बढ़ता भ्रष्टाचार। आजकल तो जिनके घर में आयकर वाले छापा मारते हैं, उनकी उसी दिन से तू – ती बोलने लगती हैं, यानी इसके पास माल जरुर होगा, तभी तो आयकर का छापा पड़ा। देखते ही देखते उसकी स्टेटस बदल जाती हैं, लोग उसकी जी-हुजूरी करने लगते है। भाई भला हो, नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोगों का, जो अपने आचरण से आइकॉन बन रहे हैं। यहीं आइकॉन तो देश को गरीबी से मुक्त करेगा, क्योंकि जब सभी भ्रष्ट होंगे तो पैसे भी उनके पास आयेंगे और इससे दो फायदा होगा – गरीबी हटेगी और देश की जनसंख्या भी नियंत्रित होगी क्योंकि जब ये देश छोड़ेंगे तो इतना तो तय हैं कि देश की जनसंख्या एक से दस तक तो जरुर ही कम होगी, क्योंकि वे जायेंगे तो अपने बीबी-बच्चों को जरुर ले जायेंगे। भाई बधाई हो, विजय माल्या और नीरव मोदी जी, आपने तो बहुत लोगों को प्रेरणा दे दी हैं, जहां भी रहिये, मस्त रहिये।
कांग्रेस के जमाने में भी घोटाले हुए थे, मोदी जी ताल ठोककर भ्रष्टाचारमुक्त भारत बनाने का दावा ठोका था, आपने उनकी चुनौती को स्वीकारा और उन्हें धो डाला। पूरा देश आपको याद कर रहा हैं, आप महान है, भ्रष्टाचार के पुरोधा हैं, देश के समस्त भ्रष्टाचारियों को आप पर नाज है।