ये नोट और शहरों के नाम बदल दें तो सही और हेमन्त राज्य के स्वाभिमान को जगाने के लिए लोगो बदल दें तो गलत
इनके लोग कोरोना काल में मध्यप्रदेश में चल रही कांग्रेस सरकार की तख्ता पलट दें, तो सही है। ये राजस्थान में भी चल रही अच्छी भली सरकार को डिस्टर्ब कर दें, तो सही है। ये कोरोना काल में अमरीका के राष्ट्रपति की आवभगत में खुद को साष्टांग दंडवत् की मुद्रा में सब को दिखा दें, और कोरोना से लड़ने के लिए सही काम करना बंद कर दें, तो सही है।
ये बिहार में पुनः सत्ता प्राप्त करने के लिए चुनाव लड़ने की मुद्रा में आ जाये तो ठीक है, वह भी तब जब बिहार के लोग कोरोना और बाढ़ से त्राहिमाम कर रहे हैं, और इन्हीं के पार्टी के स्वास्थ्य मंत्री का कही कोई अता-पता नहीं है, और इधर राज्य की हेमन्त सरकार राज्य के स्वाभिमान को पुनः स्थापित करने के लिए नया लोगो वह भी राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस के दिन जारी करने की घोषणा करें, तो यहां के भाजपाइयों को बहुत पीड़ा हो रही है।
कमाल तो यह भी है, कि इनके लोग देश की सारी मुद्राएं बदल दें, नोटों के शक्ल बदल दें तो सही है। इनके लोग रेलवे स्टेशनों व शहरों के नाम बदल दें, तो सही है, पर हेमन्त सरकार अपने राज्य की जनता के स्वाभिमान को जगाने का सही प्रयास करें तो गलत है, पता नहीं इतनी घृणा व नफरत अपने विरोधियों के लिए ये भाजपा वाले किस दुकान से खरीदकर लाते हैं और उसे बांटने का काम करते हैं।
सच्चाई तो यह है कि पूर्व में जो बाबू लाल मरांडी की सरकार ने राज्य के लिए जो लोगो जारी किया, उस लोगों का झारखण्ड से कोई लेना-देना ही नहीं था, बस एक दो को अच्छा लगा, जारी कर दी। यह भी नहीं सोचा कि इसमें झारखण्ड दिखाई पड़ता है भी या नहीं। इसी बीच कई सरकारें आई और चली गई, किसी का लोगो पर ध्यान ही नहीं गया, ज्यादातर सरकारें तो अपना और अपने परिवारों के ख्यालों में ही डूबती नजर आई।
पहली बार कोई सरकार आई, जिसे अपने राज्य के लोगो की चिन्ता हुई और उसने बदल ही दिया, जिसकी तारीफ होनी ही चाहिए, पर ये तारीफ कौन करेगा, वहीं न, जो झारखण्ड से प्यार करेगा, झारखण्ड हित चाहेगा। जिसने झारखण्ड से कभी प्यार ही नहीं किया, सिर्फ ले व दे संस्कृति के आधार पर ही राज्य में शासन किये, वह लोगो के दर्द को क्या समझेगा?
जरा देखिये न, एक नमूना है भाजपा के, जिन्हें दस साल पहले कोई जानता तक नहीं था, आजकल प्रदेश भाजपा में प्रधान बने हुए है। सुने है नई-नई पीएचडी भी लिये है। अचानक ये भाजपा में मूर्धन्य हो गये हैं, और मीडिया को संबोधित करते हुए कह रहे है कि इस वक्त राज्य की जनता कोरोना से त्राहिमाम कर रही है और राज्य की सरकार को पन्द्रह अगस्त के दिन लोगो की लांचिंग की पड़ी हुई है।
तो भाई यही परमज्ञान आप अपने राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को क्यों नहीं दे देते कि वे भी अपने आचरण में सुधार लाये और सभी कोरोनामुक्त भारत बनाने के लिए दिल से प्रयास करें, ये क्या पर उपदेश कुशल बहुतेरे, आपके लोग तो राज्य की सरकारों को ही बदलने में लगे हैं, जहां भाजपा की सरकार ही नहीं, ये कौन सा चरित्र है भाई।
थोड़ा अपने भी आचरण में सुधार लाओ। ये क्या शुचिता एवं शुद्धता को ताड़ के पेड़ पर लटका कर, आप समझ रहे हो कि जनता कुछ भी नहीं देख रही। अरे भाजपाइयों, जनता सब जानती है, एक बार आप यह भी नारे लगाते थे, भाजपा के साथ चले, रामराज्य की ओर चले। आप तो छह साल से केन्द्र में हो। झारखण्ड में तो सर्वाधिक शासन तुम्हारा ही रहा और झारखण्ड को बर्बादी के कगार पर ले जाने का श्रेय भी आपको ही जाता है।
अगर ज्यादा इसके बारे में जानकारी प्राप्त करनी हो, तो जाकर वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज पहुंच जाओ, पता लग जायेगा कि आपके शासनकाल में कितने झारखण्ड के बीमार, वह भी अच्छे-अच्छे लोग, आपके स्वास्थ्य केन्द्रों पर न विश्वास कर, वहां जाकर इलाज करवाई और थोड़ा शर्म लगे तो जनता को यह भी बताना कि आपको शर्म भी आता है। राम-राम चिल्लानेवालों, जयश्रीराम का झूठा नारा लगानेवालों, तुम्हारी हरकतों को राम देख रहे हैं, ये मत भूलो।
❣️🙏🚩🚩जयजय सियाराम🚩🚩