राजनीति

अगर देश गलत हाथों में हैं तो उसे सही हाथों में लाने के लिए धर्मगुरुओं को विशेष प्रयास करने चाहिए

बिना किसी का परवाह किये, उन सभी को वो सही काम करना चाहिए, जिन्हें लगता है कि देश गलत हाथों में हैं, क्योंकि देश किसी भी व्यक्ति, दल या संगठन का बपौती नहीं, बल्कि यह सभी का हैं, और उन्हें दिल से इस काम में लग जाना चाहिए। नहीं तो, आनेवाले समय में अपने उपर लगनेवाले कलंकों को भी माथे पर उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए, जब लोग यह कहें कि जब आपको आभास था कि एक समय देश गलत हाथों में हैं, तो आपने उसके लिए क्या किया?

पिछले दिनों राजीव गांधी के जन्मोत्सव के दिन, जिस दिन सद्भावना दिवस मनाया जा रहा था, रांची में कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने बड़े ही शानदार ढंग से राजीव गांधी की 75वीं जयंती मनाई, इसमें कोई दो मत नहीं कि राजीव गांधी ने अपने शासनकाल में देश के उत्थान के लिए कई योजनाएं लाई, जिसका लाभ आज युवा वर्ग विशेष रुप से उठा रहा हैं, देश में संचार क्रांति हो या कम्प्यूटर क्रांति, इसे लाने का श्रेय राजीव गांधी को ही जाता है।

देश में असम समस्या हो या पंजाब समस्या उसे शांत करने का भी श्रेय राजीव गांधी को ही जाता है। युवाओं को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष मत देने का उम्र करने का श्रेय भी राजीव गांधी को ही जाता है। देश में दल-बदलूओं पर रोक लगाने के लिए दल-बदल विधेयक लाने का श्रेय भी राजीव गांधी को ही जाता है।

पूरे देश में मि. क्लीन के नाम से जाने-जानेवाले राजीव गांधी के बोफोर्स का ही कमाल था कि अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में जब करगिल युद्ध हुआ तो राजीव गांधी द्वारा लिये गये निर्णय ने देश की सुरक्षा में अहम् रोल अदा किया, जिसे कोई भाजपाई अस्वीकार भी नहीं कर सकता।

ऐसे आजकल कांग्रेस के कुछ नेताओं को नीचा दिखाना, भाजपाइयों का शगल बन चुका है, पर सच्चाई यह है कि राजीव गांधी की देशभक्ति को कोई चुनौती भी नहीं दे सकता। भारत जब तक रहेगा, हर भारतवासी इस युवा दिवंगत प्रधानमंत्री का ऋणी रहेगा। विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में भारत को ऊंचा उठाने में जिस दिलो-दिमाग से उन्होंने काम किया, उसकी जितनी सराहना की जाय कम है।

इधर बताया जाता है कि रांची से प्रकाशित एक अखबार ने कांग्रेस के सद्भावना दिवस पर धर्म-गुरुओं ने करायी प्रार्थना, देश को गलत हाथों से निकालें नामक हेडिंग से एक समाचार प्रथम पृष्ठ पर छापी। जिसमें लिखा था कि देश को गलत हाथों से निकालें, कांग्रेस व गांधी परिवार देश को संभालें, कांग्रेस पार्टी से ही गरीबों का कल्याण होगा, पॉस्टर ग्रुप जयमन तिर्की ने राजधानी के डिबडीह स्थित सेलिब्रेशन बैंक्वेट हॉल में मंगलवार को ऐसी प्रार्थना कराई थी।

लीजिये फिर क्या था, भाजपाइयों को मिर्ची लग गई और लगे हाथों उन्होंने इस प्रकरण पर प्रेस कांफ्रेस तक कर डाली। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने यहां तक कह डाला कि किसी से भी झाड़-फूंक करा लें, कांग्रेस सत्ता में लौटनेवाली नहीं। एक भाजपाई ने यहां तक कह डाला कि देश से माफी मांगे कांग्रेस, धार्मिक उन्माद से वोट मांग रही हैं। यानी चलनी दूसे सूप के जिन्हें बहत्तर छेद। वह पार्टी जो हर बात में जयश्रीराम का नारा लगाती है, जो हर कार्यक्रम में शंख बजाना ज्यादा पसन्द करती हैं, वह दूसरे को कह रही हैं कि धार्मिक उन्माद से वोट मांग रही हैं।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जिनके मकान शीशे के बने होते हैं, वे दूसरे के मकान पर कभी भूलकर भी, पत्थर नहीं फेंका करते। यह भाजपा को समझ लेना चाहिए। अगर भाजपा इसे जानकर भी नहीं समझ रही तो इसका मतलब है कि वर्तमान परिस्थितियां उसे घमंड में रहने को मजबूर कर रही हैं, जो उसके सेहत के लिए ठीक नहीं हैं।

हर बात पर जयश्रीराम कहनेवाली भाजपा, हर बात में धार्मिकता की बात उठानेवाली भाजपा अब कांग्रेस को कहने लगी कि वह राजीव गांधी के सद्भावना दिवस के दिन धार्मिक उन्माद फैला रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि पूरा विश्व जानता है कि धर्म का सर्वाधिक इस्तेमाल वह भी सत्ता में आने के लिए किस दल ने भारत में किया?

अच्छा रहेगा कि भाजपा के लोग अपना दीदा देखें और दूसरे पर कटाक्ष करना बंद करें, ज्यादा खुशियां भी कभी-कभी गम लेकर आ जाती हैं, आप हर बार मोदी का इस्तेमाल कर लेंगे और जीत जायेंगे तो ये गलतफहमी में नहीं रहे, विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति उतनी अच्छी नहीं होने जा रही, जितनी लोकसभा में थी, क्योंकि राज्य में होनेवाले चुनाव राज्य के मुद्दे पर लड़े जायेंगे, ये भाजपाइयों को बहुत अच्छी तरह सोच-विचार लेना चाहिए।