अगर आप IAS, IPS या CM हैं तो कानून आपके हाथ में और जनता हैं तो…
कमाल हैं, झारखण्ड में अगर आप आईएएस है या आईपीएस है या मुख्यमंत्री है, तो आपको कानून तोड़ने का, कानून का उल्लंघन करने का पूरा अधिकार हैं, अगर आप सामान्य जनता है तो आप समझ लीजिये आपको कानून तोड़ने या कानून का उल्लंघन करने पर आपको जेल में इस प्रकार से सड़ा दिया जायेगा कि आपकी नानी-दादी याद आ जायेगी।
याद करिये सन् 2008 का जुलाई महीना। रांची में सेंटर फॉर एजूकेशन नामक संस्था के साबिर हुसैन और गेंदा नाथ ने एक फैशन शो कराया था, जिसमें कुछ मॉडल्स ने सांप को गले में लपेट कर कैटवाक् किया था। जैसे ही इस मामले की जानकारी वन विभाग को मिली, रेंजर सोवेन्दर कुमार ने कांटा टोली से मो. साबिर हुसैन और हरमू हाउसिंग कालोनी से गेंदा नाथ को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया और इन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अब सवाल उठता है कि मॉडल्स के गले में सांप लटकने के कारण मात्र से इन दोनों पर कार्रवाई हो गई, तो हमारे झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक डी के पांडेय के गले में जो नाग माला दिखाई पड़ रही हैं, उन पर वन विभाग कब कार्रवाई करेगा? क्या इन्हें भी इसलिए छोड़ दिया जायेगा, कि चूंकि ये आईपीएस हैं, इसलिए इन्हें ऐसा करने का विशेष अधिकार हैं, इसलिए छोड़ दिया जाय, जैसा कि एक बार मुख्यमंत्री रघुवर दास बिना हेलमेट के ही जमशेदपुर का परिक्रमा करने निकल गये थे और ट्रैफिक पुलिस ने बिना हेलमेट के बाइक चलाने के आरोप में उनसे जुर्माना तक नहीं वसुला।
याद करिये टीवी अभिनेत्री श्रुति को जब मुंबई ठाणे के वन विभाग ने फरवरी 2017 में सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया था कि उन्होंने एक सांप के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया में कभी शेयर की थी। आज ही एक रांची से प्रकाशित अखबार ने पुलिस महानिदेशक के गले में सर्प की माला के साथ तस्वीर प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित की है, पर ये तस्वीर बहुत कुछ कह देती है, कि मामला क्या है?
अब जब एक टीवी अभिनेत्री को केवल सोशल साइट में सांप के साथ फोटो शेयर करने पर कार्रवाई हो सकती है, जब रांची में ही मॉडल्स के गले में सांप लटकाने के कारण, आयोजकों पर कार्रवाई हो सकती है, उन्हें जेल भेजा जा सकता है, तो हमारे पुलिस महानिदेशक के साथ ऐसा क्यों नहीं? वन विभाग बतायें कि ऐसी क्या मजबूरी है? जो उसे डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक रही हैं, या मुख्यमंत्री रघुवर दास ही बताएं कि किस कानून की किताब में लिखा है कि डीजीपी पर कार्रवाई नहीं की जा सकती।
सैयां खुदे बारे कोतवाल..
के करी सवाल ,हो जाए बवाल..।।