अपनी बात

मंत्री आलमगीर और महिमापत जैसे IAS के होते झारखण्ड में कोरोना को परास्त करना नामुमकिन

भाई बात साफ है। मैं डंके की चोट पर कहुंगा कि झारखण्ड में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं मंत्री आलमगीर आलम और रांची के उपायुक्त आइएएस महिमापत  के रहते झारखण्ड में कोरोना को हरा पाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है, क्योंकि इन दोनों ने मिलकर ऐसा अपराध किया है, कि वह अपराध अक्षम्य हैं, पर चूंकि ये सत्ता के करीब हैं, इसलिए इन्हें सजा मिल पाना असंभव हैं।

यह मैं इसलिए लिख रहा हूं कि सवाल उठता है कि जब देश में पूरी तरह लॉकडाउन था, तो फिर मंत्री आलमगीर आलम ने अजीम शेख के कहने पर रांची के डीसी महिमापत को रांची से पाकुड़ जाने के लिए गाड़ी को खोलने की अनुमति प्रदान करने को क्यों कहा, और रांची डीसी महिमापत ने पीएम मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की बात को उठाते हुए, रांची के पाकुड़ तथा अन्य जगहों के लिए बस खोलने की अनुमति क्यों और कैसे दे दी?

सवाल यह भी है कि जिस डीसी महिमापत ने बहुत बड़ी बुद्धिमता का परिचय देते हुए कल ये अपील की कि जिन लोगों ने 16 मार्च को 20840 राजधानी एक्सप्रेस की बोगी नंबर बी-वन में सवार हुए थे, वे सभी प्रशासन से संपर्क करें, अगर वे संपर्क नहीं करते हैं, तो रेलवे से सूची मंगाई जा रही हैं, ऐसे सभी लोगों को क्वारेन्टाइन किया जायेगा?

अब सवाल उठता हैं, बुद्धिमान महिमापत जी केवल बॉगी बी-वन ही क्यों? क्या उस बॉगी में अन्य बॉगियों के यात्रियों ने आवाजाही नहीं की होगी? या टीटीई नहीं होंगे या पैंट्रीकार के कर्मचारी ने सेवा नहीं दी होगी, आपने ये कैसे समझ लिया कि बॉगी नंबर वन के ही सभी यात्रियों को क्वारेन्टाइन कर लेने से समस्या का हल हो जायेगा?

एक बात और, लगे हाथों आप यह भी बता दीजिये कि रेलवे तो ऐसे लोगों के नाम एक बार इंटर दाब कर आपको उपलब्ध करा देगा, पर जिन लोगों को आपने पाकुड़ या राज्य के अन्य जगहों पर भिजवाया हैं, उन लोगों में से खुदा न खास्ते कोई कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो उन लोगों की सूची आप कहां से निकालेंगे? क्या मंत्री आलमगीर या वो शख्स अजीम शेख सबकी सूची उपलब्ध करा देगा, भाई आप इतना ज्ञान कहां से लाते हैं?

भाजपा के नेता व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने तो सीधा आरोप लगाया है, और राज्य के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मांग कर डाली है कि मंत्री आलमगीर आलम को बर्खास्त किया जाय, उन्होंने तो आरोप लगाया है कि 600 से अधिक बांगलादेशियों को संताल परगना भेजा गया, अगर ये सही हो गया तो राज्य का क्या हाल होगा? आप ही बता दीजिये।

हद हो गई, हिन्दपीढ़ी का थाना प्रभारी एक प्रतिबंधित मांस बेचनेवाले की ठुकाई करता हैं, ताकि वहां भीड़ नहीं लगे, लोग कोरोना से प्रभावित नहीं हो, तो आप उसे निलंबित कर देते हैं, लाइन  हाजिर कर देते हैं, और आप दोनों महाशयों ने राज्य को दांव पर लगा दिया, तो आप  दोनों पर कोई कार्रवाई नहीं?

अगर सही मायनों में देखा जाय, तो झारखण्ड की स्थिति भयावह है, तबलीगी जमात के लोगों ने झारखण्ड में कोरोना ला दिया हैं, इससे फिलहाल वे मुस्लिम लोग ही ज्यादा प्रभावित होंगे, जहां इन जमात के लोगों ने आश्रय लिया। अभी जो झारखण्ड की तस्वीर आ रही हैं, उससे साफ पता लग रहा है कि इन तबलीगी जमात के लोगों ने जिनमें विदेशियों की संख्या भरमार हैं, सुनियोजित तरीके से मस्जिदों को अपना ठिकाना बनाया, धर्म प्रचार करते रहे, जबकि ये टूरिस्ट वीजा पर आये थे, और टूरिस्ट वीजा पर यहां आकर कर क्या रहे हैं तो धर्म प्रचार, इससे बड़ा गुनाह और क्या हो सकता हैं, ये तो सरासर वीजा नियमों का उल्लंघन है।

पूरा देश यह समाचार सुनकर हैरान है कि तबलीगी जमात के जलसे में शिरकत कर चुके अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी हैं, जिसमें छह अकेले तेलंगाना से हैं, बाकी कर्नाटक, तमिलनाडू और कश्मीर से हैं, मृतकों में एक विदेशी नागरिक भी है। अभी जो जानकारी है कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज में रह रहे लोगों में से 24 कोरोना संक्रमित हैं, इसके अलावे भी कई कोरोना  संक्रमित होंगे, इसका संदेह व्यक्त किया जा रहा हैं, हालांकि देर से ही सही सरकार का ध्यान गया है, सरकार का कहना है कि जो लोग इस जलसे में शामिल होने की बात छुपायेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी।

मुस्लिम विद्वानों का कहना है कि जो भी लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं, वे सरकार का सहयोग करें, खुद क्वारेन्टाइन हो जाये, नहीं तो सबसे पहले उनका परिवार ही इसका शिकार होगा, बाद में ही कोई और। इनका यह भी कहना है कि तबलीगी जमात से जुड़े लोग जहां भी ठहरे हैं या जिस मस्जिद में ठहरे हैं या फिलहाल ठहरे हुए हैं, वे कोरोना की भयावहता को समझें, नहीं तो बाद में और मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि एक बहुत बड़ी आबादी इसकी शिकार होगी, और इसका सबसे बड़ा इल्जाम मुस्लिमों पर ही आयेगा,  हालांकि सोशल साइट पर तबलीगी जमात को लेकर यह समाज अब ज्यादातर लोगों के निशाने पर हैं, लोग इस समाज को गंदी निगाहों से देखना शुरु कर दिये हैं तथा इनसे दूरियां भी बनानी शुरु कर दी हैं, निश्चय ही, इससे स्थिति और भयावह होगी।

इधर दिल्ली में तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद और दो ट्रस्टियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है, तथा इन पर गंभीर आरोप भी लगाये गये हैं। अगर आप तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के तकरीरों को सुनें तो पता चलेगा कि इस शख्स ने अपने तकरीरों से वहां मौजूद लोगों को पूरी तरह से भरमाने की कोशिश की। जिसका खामियाजा पूरा देश भुगत रहा है।

रांची के एक अखबार “प्रभात खबर” ने आज शीर्षक दिया है कि “पाकिस्तान और मलयेशिया के बाद भारत में तबलीगी जमात ने फैलाया कोरोना, पूरे एशिया में मंडराया वायरस का खतरा”। इस अखबार ने लिखा है कि इस जमात की गलती की सजा मलेयेशिया, पाकिस्तान समेत एशिया के कई देश भुगत रहे हैं।

कोरोना महासंकट के बीच दुनिया के 80 देशों के ढाई लाख लोग तबलीगी जमात के आयोजन में भाग लेने 12 मार्च को पाकिस्तान के लाहौर में जुटे, पाकिस्तानी अधिकारियों ने तबलीगी जमात के लोगों को यह बैठक कैंसिल करने को कहा था, लेकिन जमात ने एक नहीं सुनी। जमात के 27 सदस्यों में कोरोना का संक्रमण पाया गया, और पाकिस्तान का यह पंजाब प्रान्त कोरोना का सेन्टर बन गया, लोग इसके लिए तबलीगी जमात को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

यही हाल भारत का है, दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात ने पूरे देश को दहशत में कर डाला है, तबलीगी जमात का प्रभाव झारखण्ड जैसे छोटे राज्यों पर भी पड़ा है, जहां एक भी कोरोना पोजिटिव नहीं थे, वहां आज एक इस जमात के कारण एक कोरोना पोजिटिव पाया गया। अब जिस इलाके से यह पाया गया, उस मुस्लिम बहुल हिन्दपीढ़ी में कर्फ्यू लगा दिया गया, पर इससे क्या? अब तो बहुत देर हो चुकी हैं।

आज भी झारखण्ड के कई इलाकों में जमात के लोग बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। कई पुलिसकर्मियों को इन्हें मस्जिद से निकालने में आज भी दिक्कत हो रही है। इधर धनबाद के गोविन्दपुर की आसनबनी मस्जिद में ठहराये गये इंडोनेशिया के दस नागरिकों को कल गोविंदपुर पुलिस ने सदर अस्पताल में क्वारंटाइन के लिए रखा है।

धनबाद में ही भूली के पांडरपाला न्यू इस्लामपुर में मंगलवार को तबलीगी जमात से जुड़े 13 लोगों को पुलिस ने पकड़ा। यहां पुलिस के मदरसा पहुंचने के बाद उन्हें जांच करने के लिए चाबी नहीं दी जा रही थी, बार-बार मदरसा संचालक मुश्ताक अहमद एक घंटे से यही कह रहा था कि यहां कोई नहीं हैं, पर जब पुलिस ने दरवाजा खोला तो 13 लोग एक कमरे में पाये गये। आखिर ये सब क्या बता रहा है? यह हाल केवल झारखण्ड का नहीं, बल्कि हर उस राज्य का हैं, जहां तबलीगी जमात ने अपना डेरा डंडा डाल रखा हैं, इसके बावजूद भी अगर झारखण्ड के आलमगीर जैसे मंत्री और महिमापत जैसे आइएएस नहीं चेते, तो समझ लीजिये झारखण्ड का बेड़ा गर्क होने से कोई नहीं बचा सकता।

One thought on “मंत्री आलमगीर और महिमापत जैसे IAS के होते झारखण्ड में कोरोना को परास्त करना नामुमकिन

  • ये मानवता के दुश्मन,
    गिरा हया आलम
    महिमा परत दर परत खुल रहा,
    #हेमंत ध्यान देकर त्वरित कार्रवाई करें..

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