राजनीति

झामुमो ने प्रेस कांफ्रेस कर एक शानदार घर का फोटो दिखाते हुए बाबूलाल से पूछा कि वे बताएं कि ये घर किसका है? बाबूलाल ने कहा जहां भी संदिग्ध जमीन/मकान दिखे, सरकार FIR करे

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज प्रेस कांफ्रेस कर एक गेट और उसके अंदर बने घर का फोटो दिखाते हुए बाबूलाल मरांडी से पूछा कि बाबूलाल मरांडी बताएं कि ये घर किसका है? सुप्रियो ने इस घर को दिखाते हुए 1982 की राजकपूर निर्देशित फिल्म प्रेम रोग का भी जिक्र किया। उनका कहना था कि इसमें एक गाना था – ये गलियां ये चौबारा, यहां आना ना दोबारा। अब 2023 में इस गाना पर रिमिक्स बना है – ये गलियां ये चौबारा, यहां आना होगा दोबारा।

मतलब सुप्रियो ने फिल्मी अंदाज में आज बाबूलाल मरांडी पर प्रहार किया। सुप्रियो ने कहा कि बाबूलाल मरांडी कहते है कि 2005 से संबंधित कंपनी को लेकर जो झामुमो आरोप लगा रही हैं, उस पर वो प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करती, बात भी सही है। लेकिन बाबूलाल मरांडी खुद ही क्यों नहीं बताते कि 2005 में उक्त कंपनी के डायरेक्टर उनके भाई थे या नहीं। उनके निजी और निकट के सुनील तिवारी की पत्नी निदेशक के रुप में पंजीकृत थी या नहीं।

सुप्रियो ने कहा कि अब तो बाबूलाल मरांडी को यह भी बताना होगा कि जो इस फोटो में घर दिख रहा है। उस घर पर तीन-चार सालों तक स्वामित्व किसका था? इस घर में कौन मालिक बनकर रहा करता था, इस पर स्वामित्व किसका था, यहां कौन किरायेदार बनकर या अतिथि बनकर रहा करता था। सुप्रियो ने कहा कि जिस पार्टी में हमलोग हैं, वहां कोई व्यक्तिगत आक्षेप नहीं लगाता, पर भाजपा के लोगों ने अनर्गल बयान और एजेंसिंयों के माध्यम से व्यक्तिगत आक्षेप जो लगाना शुरु किया है, प्रण कर रखा है, चरित्रहनन का प्रयास शुरु किया है, ऐसे में बाबूलाल मरांडी को तो अब बताना ही होगा कि इस घर का मामला क्या है?

दूसरी ओर बाबूलाल मरांडी ने ट्विट कर कहा है कि “मैंने पहले भी कहा है और आज फिर दुहरा रहा हूं कि राज्य में कहीं भी मेरी या किसी और की कोई संदिग्ध जमीन/मकान/प्रोपर्टी का राज्य सरकार को पता चलता है तो सबसे पहले एफ़आइआर करें। उस प्रोपर्टी को ज़ब्त करें। दोषियों पर कार्रवाई करें फिर डंके के चोट पर मीडिया के माध्यम देश-दुनिया के सामने सच उजागर कर दें। राज्य सरकार को ऐसी कार्रवाई करने का अधिकार है और हम ऐसी किसी भी कारवाई का सबसे पहले स्वागत करेंगे।

ये मीडिया को भ्रामक एवं सनसनीखेज बनाकर, आधी अधूरी ग़लत जानकारी परोस कर झारखंड मुक्ति मोर्चा क्या कहना चाहती है? मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अगर लगता है कि उनकी ओर से एक के बाद एक हास्यास्पद एवं भ्रामक जानकारी मीडिया के ज़रिये परोस कर वो मुझे आदिवासियों की ज़मीन हड़पने वाले महाजन सोरेन परिवार और हेमंत सोरेन का पोल खोलने से रोक लेंगे तो यह उनकी भारी भूल है। मैं खुद यह सवाल पूछ रहा हूँ कि आज प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जिस दो तल्ला मकान को दिखाया गया है उसके बारे में जेएमएम वाले बुझौवल न बुझायें, बल्कि अपने मुँह से ही खुलकर देश-दुनिया को सबकुछ बता देने की कृपा करें। मुझ पर बड़ा एहसान होगा उनका।”