चतरा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने ही नेता राजनाथ सिंह के सामने भाजपा सांसद सुनील सिंह के खिलाफ जमकर हंगामा किया, मतलब पलामू, जमशेदपुर के बाद चतरा में भी बगावत के स्वर
पलामू, जमशेदपुर के बाद अब चतरा में भी बूथस्तरीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं की नींद उड़ा दी है। आज चतरा में भाजपा के वरिष्ठ नेता व देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सभा थी। सभा में भाजपा के सांसद सुनील सिंह भी मौजूद थे। जैसे ही मंच से सांसद सुनील सिंह ने माइक थामा और कुछ बोलना शुरु ही किया था कि वहां जमे बूथस्तरीय भाजपा नेताओं ने हंगामा करना शुरु कर दिया।
हंगामा कर रहे भाजपा कार्यकर्ता अपने ही शीर्षस्थ नेता के सामने अपने ही सांसद की पूंगी बजा रहे थे। उसके खिलाफ नारे लगा रहे थे। नारा था – बिका हुआ सांसद नहीं चाहिए, सुनील सिंह मुर्दाबाद, चतरा का सांसद ऐसा नहीं चाहिए। भाजपा के कार्यकर्ताओं के इस उग्र प्रदर्शन को देख राजनाथ सिंह भी किंकर्तव्यविमूढ़ दिखे। हालांकि इसी कार्यक्रम में कुछ ऐसे भी भाजपा कार्यकर्ता दिखे, जो सुनील सिंह के पक्ष में भी नारे लगा रहे थे, पर विरोध करनेवालों की संख्या सर्वाधिक थी।
शायद यही कारण था कि राजनीतिक पंडितों ने कह दिया कि भले ही भाजपा के शीर्षस्थ नेता या कुछ भाजपा समर्थित मीडिया ये कहे कि देश में मोदी की लहर हैं, लेकिन झारखण्ड में मोदी लहर दिख नहीं रहा। जितना यहां खुलकर भाजपा सांसदों का विरोध हो रहा हैं। वो भी पार्टीस्तरीय कार्यकर्ताओं द्वारा, वो दूसरे जगह देखने को नहीं मिल रहा।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि किसी भी पार्टी को जीत उसके कार्यकर्ता दिलाते हैं। अगर कार्यकर्ताओं में इतनी बड़ी नाराजगी अपने ही सांसदों के खिलाफ हैं तो निश्चय ही ये कार्यकर्ता बहुत बड़ा गुल खिला सकते हैं। अगर मतदान के दिन ये निष्क्रिय हो गये, तो भाजपा को लेने के देने पड़ सकते हैं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि हालांकि पार्टी के प्रदेशस्तरीय नेता बूथ मजबूत तो पार्टी मजबूत का अभियान चला चुके हैं।
लेकिन इनके पार्टी के कार्यकर्ता अपने ही बूथ पर अपनी ही पार्टी का गला दबाने के लिए तैयार बैठे हैं। भाजपा कार्यकर्ता की इस नाराजगी और अब अपने ही पार्टी के बड़े नेताओं के सामने इस प्रकार का प्रदर्शन बताता है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। जबकि दूसरी ओर भाजपा के कट्टर विरोधी भाजपा कार्यकर्ताओं की इस नाराजगी को कैसे अपने हित में इस्तेमाल कर सकते हैं, इस ओर विशेष ध्यान लगाये हुए हैं।
अगर वे अपने मिशन में सफल होते हैं तो भाजपा कही की नहीं रहेगी और यहां लोकसभा चुनाव में शून्य पर आकर अटक सकती है। हालांकि चतरा में भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा, भाजपा ने इसकी घोषणा नहीं की है। इसलिए सभी का ध्यान तो फिलहाल इस ओर है कि पार्टी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है। फिलहाल पार्टी कार्यकर्ता किसी भी बाहरी को अपना उम्मीदवार मानने को तैयार नहीं हैं।