अपनी बात

धनबाद में यू-ट्यूबर पर हमले को लेकर कतरास प्रेस क्लब ने काला बिल्ला लगाकर किया प्रदर्शन, वहीं धनबाद प्रेस क्लब ने साधी चुप्पी, वरिष्ठ नागरिकों ने कहा पुलिस मामले को हल्के में न लें, अपराधियों पर करें कार्रवाई

गुरुवार को धनबाद के कतरास प्रेस क्लब प्रांगण में कतरास प्रेस क्लब के पदाधिकारी एवं सदस्यों की एक आपातकालीन बैठक प्रेस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रेस क्लब के सदस्य एवं निजी चैनल के संपादक व यू-ट्यूबर निकेश पांडे पर कोयला माफियाओं द्वारा हुआ हमले और अपहरण करने की कोशिश मामले की घोर निंदा की गई।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पूरे प्रकरण में पुलिस के वरीय अधिकारियों से मिलने से लेकर अपराधियों को सजा दिलाने तक एक नौ सदस्य टीम प्रेस क्लब के सदस्यों के द्वारा बनाई जाएगी। इसके बाद सर्वसम्मति से नौ सदस्यीय टीम का गठन किया गया। जिसमें प्रेस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान, सचिव विनय वर्मा, पूर्व महासचिव बिनोद रजक, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राम पांडे, संगठन सचिव मुन्ना यादव पूर्व सह कोषाध्यक्ष जितेंद्र पासवान, निकेश पांडे, काशीनाथ एवं सत्येंद्र तिवारी टीम के सदस्य बनाये गये।

बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के बाद अगर अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो विधि सम्मत चरणबद्ध आंदोलन कतरास प्रेस क्लब के बैनर तले किया जाएगा। वहीं गुरुवार को इस घटना के विरोध में प्रेस क्लब कतरास के सदस्यों के द्वारा काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।

आज की बैठक में मुख्य रूप से कतरास प्रेस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान, महासचिव विनय वर्मा, कोषाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह, संगठन सचिव धनजी यादव, दीपक गुप्ता, पूर्व महासचिव बिनोद रजक, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राम पांडे, पूर्व सह कोषाध्यक्ष जितेंद्र पासवान, पूर्व प्रवक्ता जितेंद्र कुमार जीतू, संजय गुप्ता, मो कलाम, पिंटू शर्मा, सत्येंद्र तिवारी, भोला झा, सूर्य देव मांझी, विजय भूंईया, अरविंद सिन्हा, प्रेम कुमार, कुंदन विश्वकर्मा, काशीनाथ, अविनाश मिश्रा, मो समीद, मो जमीर, मो राजा, मो आफताब, संतोष दे, रोशन हजारी, सकलदेव प्रमाणिक, अश्विनी दुबे, अजय कुमार, आदि मौजूद थे।

इधर कल के इस प्रकरण पर धनबाद प्रेस क्लब के वरीय अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी हैं। जब विद्रोही24 ने धनबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजीव झा से इस संबंध में बातचीत की तो उनका कहना था कि इस संबंध में वे बोलने की स्थिति में नहीं हैं। इधर बताया जा रहा है कि कतरास के इस घटना को लेकर धनबाद प्रेस क्लब ही दो फाड़ में दिख रहा हैं। कई पत्रकारों का कहना है कि आखिर यू-ट्यूबरों पर ही ऐसा हमला क्यों हो रहा हैं और किसी प्रतिष्ठित अखबारों के पत्रकारों पर ऐसा हमला क्यों नहीं होता?

दूसरी ओर धनबाद के वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा और गौतम मंडल ने इस प्रकरण पर कहा है कि पहले पुलिस पर हमला और अब यू-ट्यूबर पर हमला सब कुछ बता दे रहा है कि यहां अपराधियों के मनोबल कैसे बढ़े हुए हैं। अगर अपराधियों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो अभी तक तो पुलिस और यू-ट्यूबर पर हमले हुए हैं, कल नागरिकों पर भी हमला होना शुरु हो जायेगा। ऐसे में धनबाद में कानून व्यवस्था बहाल रखने की जिम्मेवारी किस पर हैं। उसे इस पर ध्यान देना चाहिए।

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