राजनीति

जमशेदपुर में भाजपा नेताओं ने अपने ही नेताओं के खिलाफ महानगर कार्यालय के समक्ष दिया धरना, काटा बवाल, महानगरध्यक्ष को हटाने की मांग की, लगाए नारे

पूरे प्रदेश में भाजपा के अंदर बवाल मचा है। इस बवाल को दूर करने के लिए भाजपा के बड़े-बड़े लोग लगे हुए हैं। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही। अब तो इनकी लड़ाई सड़कों तक आ पहुंची है। हर जगह भाजपा के कार्यकर्ताओं का यही कहना है कि इस बार जो नई कमेटियां बनी हैं, उसमें लोगों का चयन स्थानीय लोगों के रायशुमारी से न कर, उपर से थोप दिया गया है। जो बर्दाश्त से बाहर है।

आज इन्हीं बातों को लेकर जमशेदपुर महानगर भाजपा बचाओ अभियान के बैनर तले भाजपा के कार्यकर्ताओं ने महानगर कार्यालय के समक्ष धरना दे दिया। धरना दे रहे भाजपा कार्यकर्ता तख्तियां लेकर नारे लगा रहे थे। नारा था – भ्रष्टाचारी जिलाध्यक्ष को हटाना होगा। जात-पात करना बंद करो। पैसे का दोहन बंद करो। सुधांशु हटाओ भाजपा बचाओ। ओबीसी विरोधी जिलाध्यक्ष हटाए, जमशेदपुर महानगर बचाएं। कार्यकर्ताओं का अपमान करना बंद करो।

धरना देनेवालों में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कट्टर समर्थक व जमशेदपुर महानगर के पूर्व महामंत्री राकेश सिंह, गणेश विश्वकर्मा, साकची पूर्वी के पूर्व मंडलध्यक्ष ध्रुव मिश्रा, कदमा पूर्व मंडलध्यक्ष राजेश सिंह, बागबेड़ा पूर्व मंडलध्यक्ष संजय सिंह, घाघीडीह पूर्व मंडलध्यक्ष संदीप शर्मा, उलीडीह पूर्व मंडलध्यक्ष अमरेन्द्र पासवान समेत, कृष्णा पात्रो, सपन पात्रो, अजय निषाद, छोटू सरदार, राजकमल यादव, चुन्ना सिंह, नीरु देवी आदि प्रमुख थे।

राकेश सिंह ने वर्तमान महानगरध्यक्ष सुधांशु ओझा पर कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाये और प्रदेश के नेताओं को इन्हें पद से हटाने की मांग की। राकेश सिंह का कहना था कि इनके रहते पार्टी यहां जमशेदपुर में बेहतर नहीं कर सकती। दूसरी ओर एक भाजपा नेता ने सोशल साइट पर लिखा सुधांशु ओझा के खिलाफ महानगर कार्यालय पर धरना देने से अच्छा है कि जिन प्रदेश के नेताओं ने उन्हें ये जिम्मेदारी दी, उसके सामने जाकर इस मुद्दे को उठाया जाय तथा इस समस्या का हल निकाला जाये।

महानगर कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करने से अपनी ही पार्टी की भद्द पीटेगी और अपने ही नेता आनेवाले समय में जो वर्तमान में धरना दे रहे हैं, उनके खिलाफ हो जायेंगे। इधर जमशेदपुर में धरना संपन्न हुआ तो दूसरी ओर रांची के चुटिया मंडल में उठा विवाद अभी शांत नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि आज पूर्व सूचना के आधार पर चुटिया मंडल के समर्पित कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय जाकर कर्मवीर सिंह के नाम अपना विरोध पत्र सौंप दिया।

बताया यह भी जा रहा है कि इस मामले को शांत करने के लिए विधायक स्तर पर एक मीटिंग भी आज बुलाई गई थी। जहां जाने से इन कार्यकर्ताओं ने इनकार कर दिया। इनका कहना था कि पहले सुजीत शर्मा को पद से हटाए, तभी कोई बात होगी। अब देखना है कि चुटिया मंडल का विवाद ये भाजपा के बड़े नेता कैसे सुलझाते हैं? अगर ये चुटिया मंडल का विवाद नहीं सुलझता है तो भाजपा के लिए रांची विधानसभा का सीट निकाल पाना सदा के लिए मुश्किल हो जायेगा।