अपनी बात

झारखण्ड में सरकार रघुवर की हो या हेमन्त की, धनबाद में चलेगी तो सिर्फ भाजपा विधायक ढुलू की

जी हां, फिलहाल तो यही दिख रहा है, झारखण्ड में सरकार रघुवर की हो या हेमन्त की, धनबाद में चलेगी तो सिर्फ भाजपा विधायक ढुलू की। आप सबल हो या निर्बल हो, विधायक ढुलू के आगे आपको सर झूकाना ही पड़ेगा, उसकी हर बात माननी ही पड़ेगी। अगर आप ने उसके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करा दी और आपने ये सोच लिया कि पुलिस सत्य का साथ देगी, तो आप आले दर्जे के मूर्ख है, उलटे आप पर ही इतने केस हो जायेंगे कि आप देखते रह जायेंगे और आपकी जिंदगी तबाह हो जायेगी, पर विधायक ढुलू महतो का बाल बांका तक नहीं होगा।

जैसे स्वर्ग में लक्ष्मी का शासन है, ठीक वैसे ही ढुलू महतो का धनबाद में शासन है। शासन हो या पुलिस प्रशासन सभी उसकी स्तुति गाते हैं और बेचारी जनता हाथ पर हाथ धरे बैठी, उसके जूल्म का शिकार होती रहती है। अब जरा देखिये, फरवरी महीने की ही बात है, धनबाद के राजगंज थाने में बाघमारा के ख्यातिप्राप्त भाजपा विधायक ढुलू महतो के खिलाफ दस लाख रुपये रंगदारी मांगने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

ये प्राथमिकी दर्ज करानेवाले है बोकारो चंद्रपुरा के एनएसजी कालोनी कोलियरी मकोली निवासी व्यवसायी वरुण कुमार सिंह। वरुण कुमार सिंह की शिकायत पर राजगंज थाने में कांड संख्या 15/2022 एवं भादवि की धारा 147, 148, 149, 379, 384, 385, 427, 420बी और 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।

वरुण कुमार सिंह के अनुसार संतु महतो, आनन्द शर्मा, सुकदेव महतो, केदार यादव व अन्य ने निर्माणाधीन फैक्ट्री में आकर धमकी दी थी, इन लोगों ने मोबाइल से विधायक से बात भी कराई थी, जिसमें विधायक ने कहा था कि दस लाख रुपये रंगदारी दो, नहीं तो फैक्ट्री का काम बंद कर दो। ये खबर धनबाद से प्रकाशित सारे अखबारों में प्रमुखता से छपी थी।

दुसरी ओर कुछ ही दिन पहले की बात है, धनबाद के गांधी सेवा सदन में चिटाही गांव निवासी कुंती देवी और उसके पति अशोक महतो ने संवाददाता सम्मेलन कर पत्रकारों को बताया कि उसका 24 डिसिमल जमीन विधायक ढुलू ने हड़प लिया। उसके ही जमीन पर मंदिर निर्माण के साथ-साथ धर्मशाला और शौचालय भी बनाकर हड़प लिया और उसके जमीन को अपना बता रहा है। कुंती देवी का यह भी कहना था कि पुलिस के सामने ही रड से ढुलू के भाई शरथ, भरत, प्रेम और उसकी पत्नी सावित्री ने उसे, उसके पति और बेटी के साथ मार-पीट की।

आश्चर्य इस बात की भी है कि इधर कुंती देवी और उसके पति अशोक महतो ने ढुलू के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन कर अपना दुखड़ा रोया और उधर इन दोनों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई। प्राथमिकी में ऐसी-ऐसी बात लिखी गई है कि उसे हम अपने पोर्टल पर भी स्थान नहीं दे सकते और इस प्राथमिकी में एक समाजसेवी विजय झा का नाम भी डाल दिया गया। आश्चर्य इस बात की भी है कि बरोरा पुलिस ने बहुत जल्दी से प्राथमिकी भी दर्ज कर ली और उसमें आईओ भी नियुक्त कर दिया।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो यह धनबाद का दुर्भाग्य है कि धनबाद में एसपी सुमन गुप्ता के बाद कोई ऐसा पुलिस अधिकारी नहीं आया, जिस पर धनबाद की जनता को भरोसा हो, सभी पता नहीं किस आधार पर धनबाद आते हैं, पोस्टिंग कराते हैं, क्या उनकी मंशा होती है, वे तो वे आईपीएस ही जाने, पर सुमन गुप्ता के चरित्र और संस्कार के आगे वे कही नहीं ठहरते।

राजनीतिक पंडित तो साफ कहते है, कि पता नहीं, धनबाद को अपराध से कब मुक्ति मिलेगी? एक समय लगा कि सत्ता बदली है, अपराध से मुक्ति मिलेगी, पर ये क्या, यहां तो कोई फर्क ही नहीं पड़ा, सभी जमकर अपने-अपने ढंग से अपराध को बढावा दे रहे हैं और पुलिस इनके मनोबलों को बढ़ाने में ही शान समझ रही है।