अपनी बात

देश के कई भागों में दंगाइयों ने श्रीरामनवमी की शोभायात्रा पर पत्थर बरसाएं, एक की मौत, कई घायल, मध्यप्रदेश में दंगाइयों के घरों पर चले बुलडोजर

वो कौन लोग हैं, जो श्रीरामनवमी की शोभायात्रा में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी करते हैं। जिन्हें श्रीराम के नाम से नफरत हैं। जिन्होंने इस रमजान के महीने में भी गलत करने से खुद को नहीं रोका। पूरे देश में दहशत फैलाने की कोशिश की। जिनकी हरकतों ने झारखण्ड में एक की जान ले ली, मध्य प्रदेश में 70 लोगों को बेघर कर डाला, गुजरात व बंगाल में भी उपद्रव मचाने से खुद को नहीं रोक पाये। पूरे रामनवमी को कोहराम में बदल दिया।

ऐसे तो पूरे देश में श्रीरामनवमी का त्यौहार धूम-धाम से मनाया गया, पर देश के कुछ राज्यों जैसे झारखण्ड, बंगाल, मध्यप्रदेश व गुजरात में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया और श्रीरामनवमी उत्सव में खलल डाला। झारखण्ड के लोहरदगा-बोकारो में श्रीरामनवमी शोभायात्रा के क्रम में एक खास समुदाय के लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की, आगजनी की, जिसमें एक की जान चली गई।

मध्यप्रदेश के खरगोन में 30  से 40 मकानों में आग लगा दी गई। धार्मिक स्थलों पर भी पथराव किया गया। दुकानों को लूटने का प्रयास किया गया। पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी भी की गई। हालांकि यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दाद देनी होगी, इन्होंने तुरन्त एक्शन लिया और सच्चाई यह है कि अब तक 84 दंगाई वहां पकड़े जा चुके हैं, साथ ही दंगाइयों के घरों पर बुलडोजरों भी चलाया जा रहा है।

यही हाल बंगाल के हावड़ा के शिवपुर इलाके और गुजरात के हिम्मतनगर और खम्भात में देखने को मिले। जमकर एक खास समुदाय के लोगों ने भारत के धर्मनिरपेक्ष छवि को क्षति पहुंचाई, श्रीरामनवमी में निकलनेवाली शोभायात्रा पर जमकर पथराव किया, जिससे हिन्दू समुदाय में पूरे देश में आक्रोश देखने को मिल रहा है।

लोग सोशल साइट पर तरह-तरह की बाते कर रहे हैं। कोई मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान द्वारा दंगाइयों के घर पर बुलडोजर चलवाने की प्रशंसा कर रहा हैं तो कोई जिन-जिन राज्यों में दंगे भड़के हैं, उस सरकार की कड़ी आलोचना करने से बाज नहीं आ रहे। राजस्थान के करोली में भी पिछले दिनों नवसंवत्सर पर निकली शोभायात्रा पर एक समुदाय के लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की तथा हिन्दू समुदाय के लोगो की दुकानों में आग लगा दी थी, जिससे घबराकर कई हिन्दू परिवार वहां से बाहर भागने की तैयारी कर दी है।

कुल मिलाकर कहा जाये तो नवसंवत्सर और श्रीरामनवमी शोभायात्रा में जिस प्रकार से एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों पर प्रहार किया हैं, उसे किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता। इससे दूरिया बढ़ेंगी। समाज में कटुता पैदा होगी। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार हो या झारखण्ड में कांग्रेस से चल रही सरकार या बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार अथवा गुजरात या मध्यप्रदेश में चल रही भाजपा की सरकार, सभी सरकारों को ये सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी समुदाय अपने पर्व और त्योहारों को धूम-धाम से शांति पूर्वक मना सकें। 

जो लोग गलत करते हैं, उनके खिलाफ ऐसी शक्ति बरतें, ताकि उनकी आनेवाली पीढी भी याद रखें कि ऐसा गलत करने पर उसे ये भुगतना पड़ा था। समाज के हर तबके को चाहिए कि ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार करें, जो दंगाई हैं, दंगा करते/कराते हैं। पर सच्चाई यह है कि देखने में यही आते हैं कि जो दंगाई हैं या दंगा कराते हैं, वही उस समुदाय के नायक बन जाते हैं, जो दुर्भाग्य का सबसे बड़ा कारण हैं।

हां, इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की सराहना करनी होगी कि उन्होंने दंगाइयों को सबक सिखाने का संकल्प ले लिया हैं, पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से झारखण्ड, बंगाल, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों के मुख्यमंत्री सबक लेंगे, इसकी संभावना कम ही दिखती हैं। राजस्थान में तो करोली की घटना के बाद कई स्थानों पर कांग्रेस पार्टी के बहिष्कार की बातें भी होनी शुरु हो गई है, मतलब करोली ने तो राजस्थान में कांग्रेस की बत्ती गुल करने के संकेत दे दिये हैं।