रांची में दर्शकों के भारी डिमांड पर फन सिनेमावालों ने #TheKashmirFiles की शो की संख्या दो से पांच की
#TheKashmirFiles फिल्म देखनेवालों की डिमांड पर फन सिनेमावालों ने शो की संख्या बढ़ा दी है, यानि कल शुक्रवार को जो फिल्म सिर्फ दो शो में दिखाई जा रही थी, उसकी संख्या पांच कर दी गई हैं, अब दर्शक अपनी सुविधानुसार इस फिल्म को देखने के लिए फन सिनेमा में आ सकते हैं और इस फिल्म के संदेश का लाभ उठा सकते हैं।
चूंकि फिल्म ऐसी है कि हर कोई देखना चाहता है और देखकर कश्मीर में कश्मीर मुसलमानों द्वारा कश्मीरी हिन्दूओं पर हुए अत्याचार से रुबरु होना चाहता हैं, क्योंकि कश्मीर में हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर कभी फिल्म ही नहीं बनी थी, जो भी फिल्में बनी भी, तो उसमें झूठ का सहारा लिया गया, जिसकी कई बार कश्मीरी हिन्दूओं ने आलोचना भी की, पर उनकी आलोचना किसी के कानों तक नहीं पहुंची।
दिल्ली में जेएनयू के तथाकथित बुद्धिजीवियों ने जितना आंदोलन, वहां के आतंकियों/अलगाववादियों के समर्थन में किया, उसका एक अंश भी इन तथाकथित बुद्धिजीवियों ने इन कश्मीरी हिन्दूओं के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई, उलटे कश्मीरी हिन्दूओं को ही इसके लिए जिम्मेवार बताने में वे आगे रहे, पर अब सच्चाई का पर्दा उठ गया हैं।
लोग अब इस सच्चाई को जानने के लिए सिनेमा हॉलों/मल्टीप्लेक्सों तक आने लगे हैं, तभी तो जो फन सिनेमा कल तक दो शो में इस फिल्म को दिखा रहा था, आज उसकी संख्या पांच कर दी, कहने को तो इस मल्टीप्लेक्स फन सिनेमा में राधे-श्याम फिल्म भी लगी हुई हैं, पर दर्शकों की संख्या तो द कश्मीर फाइल्स में दिख रही है।
रांची के बुद्धिजीवियों की मानें, तो लोग साफ कहते है कि रांचीवासियों के लिए यह फिल्म उनकी पहली पसंद होती जा रही हैं, सोशल साइटों पर भी इस फिल्म को लेकर चर्चाएं खूब हो रही हैं। सभी एक दूसरे को इस फिल्म को देखने के लिए कह रहे हैं। अखबार व चैनलों यहां तक कि पोर्टलों में भी इस फिल्म को लेकर दूरियां बनी हुई हैं, पर इन सब का अकेले काम, रांची की जनता ने ही उठा लिया।
बिना किसी प्रचार-प्रसार के फिल्म हिट होने की ओर बढ़ रही हैं। एक फिल्म दर्शक सुभाष ने विद्रोही24 को बताया कि जो भी व्यक्ति इस फिल्म को देखेगा तो उसका ज्ञानचक्षु खुल जायेगा कि कैसे सेक्युलरिज्म के नाम पर यहां के बुद्धिजीवियों ने कश्मीरी आतंकियों के साथ मिलकर कश्मीरी हिन्दूओं के साथ खून की होली खेल ली और शर्म तक महसूस नहीं किया।
सुभाष के अनुसार, इस फिल्म को प्रत्येक राज्य में करमुक्त कर देना चाहिए, ताकि लोग इस फिल्म को ज्यादा से ज्यादा देख सकें और आनेवाले भविष्य के प्रति अपनी सुरक्षा की जिम्मेवारी खुद तय कर लें, क्योंकि जिस प्रकार से सेक्यूलरों ने देश को तोड़ा हैं, उससे आनेवाले भविष्य में जब भारत में हिन्दू, आज के कश्मीर की तरह अल्पसंख्यक हो जायेंगे, तो उनके साथ भी ऐसा ही होगा, जैसा कि कश्मीर में मुसलमानों ने हिन्दूओं के साथ किया। फिल्म #TheKashmirFiles इसी की तो बानगी है। जिसे हर को समझना है।