रांची में स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद की राष्ट्रीय कार्यसमिति की संपन्न बैठक में राजभवन एवं पुराने जेल स्थित स्मारक में गैर आदिवासी शहीदों की भी प्रतिमा लगाने की उठी मांग
अखिल भारतीय शहीद/स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद की चौथी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आज हरमू रोड स्थित दिगंबर जैन भवन के सभागार में संपन्न हुई, जिसमें शहीदों के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लिया गया तथा राज्य सरकार से मांग की गई कि राजभवन एवं पुराने केंद्रीय जेल में बनाए गए शहीद स्मारक में आदिवासी शहीदों के साथ साथ ग़ैरआदिवासी शहीदों की प्रतिमा भी स्थापित की जाए।
वक्ताओं का कहना था कि गैर आदिवासी शहीदों का भी आजादी में उतना ही महत्वपूर्ण योगदान है, जितना आदिवासी शहीदों का, कम से कम शहीदों के नाम पर, उनके साथ भेदभाव समाप्त हो। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर स्थित थे।
बैठक की अध्यक्षता झारखंड के वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी नंदकिशोर मांझी ने की। जबकि मंच का संचालन राष्ट्रीय महासचिव शिवकुमार पटेल ने किया। जबकि डॉ वंदना राय ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत शॉल एवं स्मृतिचिन्ह देकर किया। बैठक में दिल्ली, केरल, मध्यप्रदेश, ओडिशा, बिहार, झारखंड समेत 22 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में वक्ताओं ने देशभर में फैले स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को एकजुट करने पर जोर दिया। बैठक में स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए देश के युवाओं में देशभक्ति का जुनून भरने के लिए अभियान चलाने पर बल दिया गया तथा केंद्र सरकार से मांग की गई कि स्वतंत्रता सेनानी के उत्तराधिकारियों का ऑनलाइन पहचान पत्र निर्गत किया जाए।
बैठक को राष्ट्रीय समन्वयक हरिराम गुप्ता, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अवधेश पंत, एसएन मिश्रा, डॉ इंदिरा मिश्रा, परिणीता, शब्या राय, राजेश लाल, जयप्रकाश ठाकुर, गोपाल नारसन, डॉ ज्योत्सना, विनोद कुमार चौधरी, अजय सितलानी, एसएन मिश्रा, ब्रह्मचारी जी, डॉ संजय द्विवेदी, सत्य प्रकाश द्विवेदी, पप्पू पटेल, सुभाष चंद्र आदि ने संबोधित किया।