राजनीति

आईपीआरडी झारखण्ड का दावा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने निलंबित अभियंता प्रमुख, पथ निर्माण विभाग, झारखण्ड रास बिहारी सिंह के विरुद्ध प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।

ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने रास बिहारी सिंह के विरुद्ध प्राप्त परिवाद के आलोक में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज आई.आर. सं०-06/17 के सत्यापनकर्ता द्वारा आरोपी के विरुद्ध आय की तुलना में 199 प्रतिशत अधिक धन पाये जाने के आलोक में पी.ई. दर्ज करने के बिन्दु पर मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (निगरानी), झारखण्ड, राँची को अनापत्ति संसूचित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है।

पूर्व में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने अनिल कुमार सिंह, तत्कालीन अंचलाधिकारी, हेहल, रांची के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी थी। वहीं अनुसूचित जनजाति, अनसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग विभाग, झारखण्ड, द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, पलामू थाना कांड संख्या 10/2021 के प्राथमिकी अभियुक्त मनोज कुमार, सहायक, जिला कल्याण कार्यालय, पलामू एवं सुभाष कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी, पलामू के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम, 2018) की धारा-7 (ए) के तहत अभियोजन स्वीकृत्यादेश दिया गया है।

साथ ही अरविन्द कुमार, तत्कालीन अध्यक्ष, झारखण्ड राज्य विद्युत नियामक आयोग, आर. एन. सिंह, सदस्य (अभियंत्रण), झारखण्ड राज्य विद्युत नियामक आयोग एवं गौरव बुधिया, प्रोपराईटर, मेसर्स बिहार फाउंडरी एण्ड कास्टिंग लि० के विरुद्ध निगरानी जाँच की स्वीकृति दी है।

-सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग झारखण्ड द्वारा जारी प्रेस-विज्ञप्ति।