अपनी बात

IPRD झारखण्ड का फरमान – अगर किसी मीडिया ने CM हेमन्त का नाम आरोपी के साथ जोड़ा, तो उसकी खैर नहीं, की जायेगी कानूनी कार्रवाई

आईपीआरडी झारखण्ड ने नया फरमान जारी किया है। अपने प्रेस विज्ञप्ति में साफ लिखा है कि राज्य में चल रही ईडी की छापेमारी के संदर्भ में कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का नाम आरोपी के साथ जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करता है। कुछ मिडिया द्वारा प्रसारित किया जा रहा समाचार स्पष्ट रूप से इंगित करता है जिसमें जानबूझकर मुख्यमंत्री झारखण्ड को किसी व्यक्ति से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। यह किसी भी राज्य सरकार के मुख्यमंत्री के सार्वजनिक पद की गरिमा का पूर्ण उल्लंघन है।

झारखण्ड सरकार ने भारत सरकार की एजेंसियों द्वारा की गई सभी जांचों और कार्रवाईयों में अब तक हर संभव सहयोग प्रदान किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय सार्वजनिक महत्व के रोजमर्रा के मामलों पर रिपोर्ट करने के लिए प्रेस की स्वतंत्रता का पूरी तरह से समर्थन करता है। हालांकि कुछ मीडिया प्लेटफॉर्मों का प्रचार-प्रसार और लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राज्य के मुख्यमंत्री को बदनाम करने की खतरनाक प्रवृत्ति मीडिया के एक वर्ग के स्पष्ट इरादों को बताती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।

यदि झारखण्ड सरकार को दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट और ट्वीट/डिजिटल पोस्ट डालने के और मामले का पता चलता है, तो उचित कानूनी प्रावधानों के अनुरूप कदम उठाए जायेंगे। आश्चर्य इस बात की है कि आईपीआरडी ने इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मीडिया को खुब धमकाया है, पर ये नहीं बताया कि अब तक किस-किस मीडिया ने ऐसा काम किया हैं?

अगर बताता तो आम जनता भी जान जाती कि आखिर राज्य के एक आदिवासी मुख्यमंत्री के खिलाफ कौन-कौन मीडिया इस प्रकार की हरकत कर रही है या आईपीआरडी स्वयं उन मीडिया हाउस से डर गई और उसका नाम बताने में उसके अधिकारियों के हाथ-पांव फुल गये। आम तौर पर इस प्रकार की प्रेस विज्ञप्ति से आम जनता क्या समझे, आईपीआरडी को खुलकर समझाना चाहिए, क्योंकि यह विभाग सीधे राज्य के मुख्यमंत्री के हाथों में हैं, इस बात से इनकार तो राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारी भी नहीं कर सकते।