अपराध

राज्य में सरकार किसी की भी रही हो, झारखण्ड लोक सेवा आयोग की छवि खराब करने में इसके अध्यक्ष और मेंबर्स प्रमुख रूप से शामिल रहेः राजीव कुमार

वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार ने आज अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर जेपीएससी से जुड़े मामले पर मुखरता से अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी कहा था कि यह लोग 40 साल तक राज्य को लूटेंगे। लेकिन 149 लोगों में से कम से कम 50 प्रतिशत लोग तो भ्रष्ट होंगे। जिन्होंने जेपीएससी में घोटाले किए हैं और उनके पास पैसे पहुंचे हैं। 50 प्रतिशत लोगों ने जरूर पैसे कमाए।

जिनके पास 180 करोड़ का प्रॉपर्टी उनके पास कैश में होगा। उन्होंने इतनी प्रॉपर्टी तो अर्जित कर ही ली है कि उन्हें आगे का कोई फिक्र नहीं है। जो स्टूडेंट है, जिन्होंने उसे समय एग्जाम दिया। आज भी उनका ईमानदारी से देखा जाए तो जेपीएससी पर विश्वास उठा हुआ है। कोई नहीं कह सकता है कि जेपीएससी क्लियर है। इस घोटाले के खेल में अध्यक्ष और उसके मेंबर्स शामिल हैं।

आर्टिकल 320 ऑफ़ द कॉन्स्टिट्यूशन एक इंडिपेंडेंस बॉडी को सुनिश्चित करता है जो कि एग्जाम कंडक्ट करता है। लेकिन उसमें जो मैडम है। इंडिपेंडेंस बॉडी में एक मैडम है। जो सोरेन जी की फुआ है। सुप्रियो जी की वाइफ है उसमें आलम साहब के रिश्तेदार भी है। टाइम तो टाइम जो भी अध्यक्ष रहे हैं। सभी डाउट के घेरे में रहे हैं। जेपीएससी के चाहे किसी भी सरकार हो सारे जो जेपीएससी के डायरेक्टर हैं वह जांच के घेरे में रहे हैं।

सभी के कार्यकाल में अनियमता पाई गई। साथ ही जेपीएससी के एग्जाम कर कंडक्ट करवाने में इन्होंने फाइल बदली करवा दिया जो उस समय के मेंबर थे, उसमें किसी को बेटी को, किसी के बेटा को अप्वॉइंट कर दिया गया। जिस समय के जो अध्यक्ष थे। उन्होंने अपने-अपने बेटा या बेटी को अप्वॉइंट कर दिया। पेटीशनर ने ईडी को भी चिट्ठी लिखा है। इस मामले में, ईडी के जांच में यह पता चलेगा कि उस समय के किस-किस, किन लोगों ने कितना पैसा लिया। यह जांच का विषय है। इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने 12.06.2010 को एक एफआईआर दर्ज करवाया था। इस मामले में फोरेंसिक जांच भी हो गई थी। विजिलेंस ब्यूरो के द्वारा 2010 में ही इसका रिपोर्ट आ गया था।