वो मोदी है, जो कहता है, करता है, अगर वो कह रहा है कि पाकिस्तान को ठोकेगा, मतलब जरुर ठोकेगा, इसलिए पाकिस्तान के लिए युद्ध लड़ने से अच्छा है कि सेना से इस्तीफा देकर अपने घर जाकर जान बचाओः पाकिस्तानी सेना
वो मोदी है। जो कहता है, करता है। उसने कहा अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनायेंगे, बनवा दिया। उसने कहा कश्मीर से धारा 370 हटायेंगे, हटवा दिया। उसने कहा था कि पुलवामा का बदला लेंगे, बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक करा दिया। आज वो बोल रहा है कि पाकिस्तान को सबक सिखायेंगे, तो वो जरुर सिखायेगा। ये बातें कोई भारतीय नहीं कह रहा, ये बोल हैं पाकिस्तानियों के, पाकिस्तान के बुद्धिजीवियों के।
यही कारण है कि पहलगाम की आतंकी घटना के बाद से अब तक मोदी के दिये गये बयान से ये इतने घबरा गये कि कई पाकिस्तानी सेना के जवान सेना की नौकरी छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। कइयों ने इस्तीफे की पेशकश की है। जबकि पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अधिकारी यहां तक कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष तक ने भारत द्वारा संभावित हमलों को देखते हुए अभी से ही अपने परिवारों को सुरक्षित विदेश भिजवा दिया है। जिसकी चर्चा पाकिस्तानी मीडिया में खूब हो रही है।
हालांकि पाकिस्तानी मीडिया में भारत के उन गद्दारों की भी चर्चा हो रही है, जो पाकिस्तान के पक्ष में बयान देकर पाकिस्तानियों का मनोबल बढ़ा रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उन पाकिस्तानियों को मोदी का डर इतना सता रहा है कि वे घबराकर कभी चीन, तो कभी तुर्की की ओर नजर उठाकर देख रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद मोदी का डर उन्हें इतना सता रहा है कि उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं।
चीन पाकिस्तान को इसलिए मदद कर रहा है क्योंकि चीन का अरबों रुपये पाकिस्तान में फंसा हैं, अगर भारत पाकिस्तान युद्ध होता है तो चीन की तबाही भी सुनिश्चित है। लेकिन, इस आमने-सामने के युद्ध में चीन भी कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि उसके बाद चीन को भी पता है कि इसका क्या हश्र होगा। पाकिस्तान में इन दिनों सेना के जवानों के इस्तीफे का पत्र खूब वायरल हो रहा है। जिसे देखकर पाकिस्तानी जनता भी हैरान है।
उनका कहना है कि जिस देश का जवान केवल युद्ध की संभावित खतरे को भांपकर भागने की तैयारी कर रहा है, वो युद्ध क्या लड़ेगा? जबकि इधर भारतीय सेना के जवान आर-पार के मूड में हैं। पाकिस्तान को इस बार सदा के लिए सबक सिखाने को आतुर हैं। बस उन्हें आदेश का इंतजार है। कई पाकिस्तानी एंकर तो यह भी कह रहे हैं कि भारत किस ओर से हमला करेगा, उनके देश को पता नहीं। इसलिए सर्वाधिक चिन्ता इस बात की है कि अपने देश को हमले से बचाने के लिए हम क्या करें, इसकी जानकारी ही नहीं है और न ही वैसे संसाधन हैं, जिसका इस्तेमाल कर वे बच सकें।
उधर, अफगानिस्तान-पाकिस्तान बार्डर पर भी स्थिति ठीक नहीं हैं। बलूच आंदोलनकारी अपनी युद्ध कला के द्वारा पाकिस्तानी सेना के जवानों के परखच्चे उड़ा रहे हैं। इन्हीं सभी घटनाओं के बाद हालात ये हैं कि पाकिस्तानी सेना के करीब पांच हजार से अधिक जवानों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी यह भी है कि ये सेना के जवान इस्तीफा देकर अपने घर लौटने की तैयारी में हैं। इसी बीच पाकिस्तानी सेना के जवानों के युद्ध के समय इस प्रकार की हरकतों से पाकिस्तानी सेना ही नहीं, बल्कि वहां की सरकार के भी हाथ-पांव फूल गये हैं।
भारत के कई मीडिया समूहों में भी इस प्रकार के समाचार प्रमुखता से छप रहे हैं। इन मीडिया समूहों के अनुसार पेशावर स्थित पाकिस्तानी सेना की 11वीं कोर के सैन्य कमांडर जनरल उमर बुखारी व सेना चीफ असीम मुनीर को खत लिख सेना की 12 वीं कोर के जवानों और अधिकारियों द्वारा दिये जा रहे इस्तीफे से उनके होश उड़ गये हैं।
सोशल मीडिया पर भी उनके पत्र खूब तेजी से वायरल हो रहे हैं। जिसे कोई भी देख सकता है। सभी को डर यही सता रहा है कि मोदी ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का फैसला ले लिया है तो युद्ध होकर रहेगा और उसमें सबसे पहले पाकिस्तानी सेना के वे जवान मरेंगे, जो युद्ध में शामिल होंगे। बाकी सेना के बड़े अधिकारियों का समूह और पाकिस्तानी नेताओं का परिवार तो विदेश कब का उड़न-छू हो जायेगा। इसलिए सेना से इस्तीफे देने में ही भलाई है।