बिना ध्यान के ईश्वर को पाना संभव नहीं, इसलिए ध्यान को ही महत्वपूर्ण मानें – स्वामी गोकुलानन्द
28 अगस्त 2022, दिन रविवार, स्थान – ध्यान केन्द्र, योगदा सत्संग मठ, रांची। स्वामी गोकुलानन्द ध्यान केन्द्र में योगदा सत्संग से जुड़े भक्तों को अपने व्याख्यान से आनन्दित कर रहे थे। उनका कहना था कि आम तौर पर लोग ध्यान को सामान्य तरीके से लेते हैं, जबकि होना यह चाहिए कि ध्यान को ही सब कुछ समझते हुए, सब कुछ छोड़कर इसी पर विशेष गंभीरता दिखानी चाहिए, क्योंकि हमारा जो उद्धार होना हैं, वो ध्यान से ही होना हैं, इसे सभी को समझ लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे शरीर में जो आत्मा हैं, वो दरअसल परमात्मा का ही प्रतिबिम्ब है, जैसे हम चन्द्रमा के प्रतिबिम्ब को शांत जल में देख सकते हैं, ठीक उसी प्रकार हम अपनी आत्मा में परमात्मा का अनुभव कर सकते हैं, बशर्तें हमारा चित्त शांत हो और यह चित्त तभी शांत होगा, जब हम ध्यान करेंगे। स्वामी गोकुलानन्द के कथनानुसार, परमहंस योगानन्द जी ने ध्यान में हम प्रवृत्त हो, इसके लिए एक तकनीक हमें दी थी, जिसे हं-सः तकनीक से जानते हैं, जितना हम हं-सः तकनीक को गंभीरता से लेंगे, हम उतने ही ध्यान की ओर अग्रसर होते जायेंगे। यह समझने की जरुरत है।
स्वामी गोकुलानन्द ने कहा कि ज्यादातर लोग ध्यान को उतना इम्पोर्टेन्ट नहीं मानते और इसे सामान्य समझकर छोड़ देते हैं, जबकि ध्यान हमारे लिए सर्वाधिक इम्पोर्टेंट होना चाहिए और यह समझ ले कि ये उतना सामान्य नहीं हैं, इसे प्राप्त करने में अनेक कठिनाइयां हैं, जिन कठिनाइयों पर विजय पाना हमें बहुत जरुरी है। स्वामी गोकुलानन्द ने उन सारी कठिनाइयों और उस पर विजय प्राप्त करने के सरल तरीकों पर से भी पर्दा उठाया, जिसका लाभ योगदा सत्संगियों ने उठाया।
उन्होंने कहा कि हमें सुख हो या दुख, हर हाल में समभाव दिखना चाहिये, ये नहीं कि जब सुख आये तो उछल-कूद मचाने लगे और दुख आये तो इतने कातर हो जाये कि हमसे ज्यादा दुनिया में किसी को आज तक दुख हुआ ही नहीं। याद रखें, प्रत्येक के जीवन में सुख-दुख आने ही आने हैं, और उसमें जो समभाव रखा, वो हर प्रकार की कठिनाइयों पर विजय पाया।
उन्होंने कहा कि याद रखें, एक समय पर एक ही चीज पर ध्यान दें, ये नहीं कि एक समय में, अनेक कामों पर ध्यान लगा दें, अगर आप ऐसा करते हैं तो निश्चय ही आपको सफलता नहीं मिलेगी, इसलिए एक समय में एक ही काम को निबटाने का प्रयास करें। जब भी काम करें, तो स्वयं को नकारात्मक विचारों से दूर करें, क्योंकि नकारात्मक विचार ही हमारी सफलता के मार्ग में बाधक बनकर खड़ी हो जाती है।
उन्होंने कहा कि याद रखें, माया बहुत ही पावरफुल हैं, जैसे ही अच्छे कामों की ओर आपका ध्यान जायेगा, आप ईश्वर को प्राप्त करने के लिए ध्यान करेंगे, वो अपनी शक्ति दिखानी शुरु करेंगी, अब आपके उपर ये विचार जाता है कि आप उस माया के आगे झूकना पसन्द करते है, या उस पर विजय पाना चाहते हैं, ये आपके उपर हैं।
उन्होंने कहा कि आप अपने ध्यान की अवस्थाओं में डूबने का प्रयास करें, फीलिंग डीप होने पर इमोशन हो ही जाता है, ऐसे में इमोशन को कंट्रोल करना बहुत ही जरुरी है। उन्होंने मेंटल एनेथेसिया के बारे में भी विस्तार से बताया, तथा लोगों से इस पर भी ध्यान देने को कहा कि इसका लाभ हर समय उठायेंगे तो आप स्वयं को बेहतर अवस्था में पायेंगे।